हल्दी वाला दूध, जैसा की नाम से ही पता चलता है, हल्दी और दूध से तैयार होता है। यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभप्रद है। इसको पीने से शरीर में ताकत आती है और कफ, कंजेशन, खून में गंदगी, दर्द, गैस, और सूजन आदि नष्ट होते हैं। शरीर में दर्द होने पर इसके सेवन से बहुत आराम पहुँचता है।
हल्दी वाला दूध एंटीऑक्सीडेंट, एंटीसेप्टिक, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी वायरल होता है। यह शरीर की इम्युनिटी को बढ़ा शरीर की विभिन्न रोगों से रक्षा करता है। यह लीवर के फंक्शन को ठीक करने में मदद करता है। इसे हर मौसम में लिया जा सकता है, लेकिन सर्दी में इसके सेवन से विशेष लाभ मिलते हैं क्योंकि उस समय हल्दी वाला दूध शरीर में गर्माहट लाता है सर्दी की समस्याओं को दूर करता है। सबसे बड़ी बात यह है की इसे लेने के अनेकों लाभ हैं लेकिन कोई नुकसान नहीं है।
बनाने की विधि Recipe for Haldi Vaala Doodh / Turmeric milk in Hindi
हल्दी वाला दूध, बनाने के लिए दूध और हल्दी चाहिए।
- दूध milk 1 गिलास
- हल्दी turmeric चौथाई से आधा टी स्पून, या आधा से दो ग्राम
- Optional: काली मिर्च black pepper (२-३ कुटी हुई), दालचीनी cinnamon,
हल्दी वाला दूध बनाने की बिधि
- दूध को पतीले में लें। इसमें हल्दी और काली मिर्च डालें। काली मिर्च डालने से करक्यूमिन curcumin का अवशोषण बढ़ता है।
- इसे धीमी आंच पर पकने दें। उबाल आने पर 5 मिनट तक और पकाएं। हल्दी वाला दूध तैयार है।
इसे सहता हुआ गर्म पियें। दिन में इसे दिन में 1-3 बार पिया जा सकता है। आप इसमें शहद भी डाल सकते हैं लेकिन इसे बहुत अधिक गर्म दूध में न डालें। आयुर्वेद में माना गया है शहद को गर्म करने से यह हानिकारक हो जाता है।
यदि स्वास्थ्य लाभ के लिए पीना चाहते हैं तो दिन में एक बार पियें।
यदि खांसी, जुखाम, अधिक कफ की समस्या से परेशान है तो दिन में तीन बार तक पी सकते है।
ज्यादा मात्रा में ज्यादा दिन तक न पियें।
हल्दी शरीर में रूक्षता drying करती है और कफ को सुखाती है। यह पित्त को बढ़ाती है और शरीर में गर्मी करती है।
रोग जिनमें हल्दी वाला दूध लाभप्रद है
- अस्थमा Asthma
- मोच, घाव, चोट Bruise, sprain, wound
- कफ cough, cough related problems and sore throat
- कब्ज़ constipation, piles
- जोड़ों का दर्द Joint Pain, arthritis, rheumatism
- प्रतिरक्षा की कमी Low immunity
- मोटापा Obesity
- शरीर में दर्द Pain in body
- सूजन Swelling in any part of body
- एलर्जी Urticaria, Seasonal skin allergy
- खांसी, इन्फेक्शन Whopping cough
हल्दी वाले दूध को पीने के लाभ Health Benefits of Turmeric Milk
- यह शरीर को गर्मी देता है।
- यह लिपिड लेवल को कम करता है।
- यह भूख न लगना और पाचन की कमजोरी में लाभकारी है।
- यह पाचन को ठीक impaired digestion करता है।
- यह हड्डियों को मजबूत करता है।
- जब शरीर में कफ excessive cough बढ़ जाता है, सर्दी-खांसी-कफ के कारण बुखार होता जाता है उस समय हल्दी वाले दूध को पीने से ये सभी समस्याएं दूर होती है।
- यदि रात में अधिक कफ परेशान करे, सांस लेने में दिक्कत होती हो, हल्का बुखार हो जाता हो तो इसका सेवन करके देखें।
- यदि आप मौसम के बदलाव पर होने वाले शीतपित्त/ पित्ती उछलना urticaria से परेशान हैं तो रोज़ नियम से सुबह हल्दी वाला दूध कुछ महीने तक लगातार पियें। यह आपकी बार-बार एलर्जी निकलने की समस्या को दूर कर देगा।
- यह आपके शरीर के टोक्सिंस toxins को दूर कर देगा और उसके सही काम करने में मदद करेगा।
- जोड़ों के दर्द, अंदरूनी सूजन, दर्द, मांसपेशियों के ऐंठन में इसे ज़रूर पिये। आपको बहुत आराम मिलेगा।
- मांसपेशियों में अनऐच्छिक ऐंठन, जैसे की पिरिड्स में इसे पीने बहुत लाभ होता है। यह दर्द और ऐंठन anti-spasmodic को दूर करता है।
- हल्दी का रोजाना सेवन कैंसर जैसे भयानक रोग से रक्षा करता है।
- सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीने से अच्छी नींद आती है।
- प्रसव बाद इसके सेवन से शरीर की गंदगी दूर होती है, सूजन कम होती और घाव जल्दी भर जाते है।
सावधनियाँ/ साइड-इफेक्ट्स/ कब प्रयोग न करें Cautions/Side-effects/Contraindications
- यह दवा है और दवा की ही तरह लें। कोई भी चीज़ आवश्यता से अधिक लेने पर नुकसान करती है।
- इसमें हल्दी है जो कफ को कम करती है लेकिन अधिक मात्रा में ली जाए तो पित्त और वात दोनों को ही बढ़ाती है।
- अधिक मात्रा में ज्यादा दिन तक न पियें। यह शरीर में रूक्षता करेगा जिससे खुजली और स्किन ड्राईनेस हो जायेगी।
- यह शरीर में गर्माहट लाता है।
- हल्दी स्वभाव से उष्ण है और आयुर्वेद में उष्ण चीजों का सेवन गर्भावस्था में निषेध है।
- यदि पित्ताशय की पथरी gallstones है तो इसका सेवन न करें क्योंकि हल्दी पित्त के स्राव को उत्तेजित करती है।
- यदि बाइल डक्ट में रुकावट biliary obstruction है तो भी इसका सेवन न करें।
- इसका सेवन midazolam का अवशोषण बढ़ाता है।
- यह एंटी-प्लेटलेट है। इसलिए जो लोग एंटीप्लेटलेट या एंटीकोगुलेंट antiplatelet or anticoagulant दवा लेते हों उन्हें यह अधिक मात्रा में नहीं लेना चाहिए।
- एसिडिटी, पित्त के रोगों, ब्लीडिंग डिसऑर्डर में इसका सेवन न करें।