इसका सेवन गैस, पेट में भारीपन, आंत के अंदर संचय मल, कब्ज़, धीमे पाचन, भूख न लगना आदि में राहत देता है।
अग्निकुमार रस, एक आयुर्वेदिक दवा है जिसे शुद्ध पारा, शुद्ध सल्फर, काली मिर्च तथा अन्य घटकों से मिला कर बनाया जाता है। यह दवा मुख्यतः कफ-प्रधान और वात-प्रधान अजीर्ण के लिए दी जाती है। इसके सेवन से जठराग्नि में सुधार होता है और अपच तथा उसके कारण होने वाले अन्य उपद्रवों से आराम मिलाता है। इसका सेवन गैस, पेट में भारीपन, आंत के अंदर संचय मल, कब्ज़, धीमे पाचन, भूख न लगना आदि में राहत देता है।
Agnikumar Ras, is a herbominaral Ayurvedic medicine indicated in indigestion or ajirna. It improves digestion, appetite and absorption and reduces gas and phlegm. It should not be taken in indigestion/Ajeerna due to excess pitta. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.
अग्निकुमार रस के घटक | Ingredients of Agnikumar Ras in Hindi
शुद्ध परद, शुद्ध गंधक , शुद्ध टंकण, शुद्ध वत्सनाभ, शंख भस्म, कपर्दिक भस्म, मारीच फल काली मिर्च , ताज़ा ज़म्बीरी निम्बो का रस।
बनाने की विधि
शुद्ध पारद 12 ग्राम और शुद्ध गंधक 12 ग्राम मिला कर कज्जली बनायीं जाती है। शुद्ध टंकण 12 ग्राम , शुद्ध वत्सनाभ 36 ग्राम , शंख भस्म 24 ग्राम , कपर्दिक 24 ग्राम और मारीच फल 96 ग्राम बारीक पाउडर कर कज्जली में मिला कर, मिश्रण 3 दिनों के लिए जम्बीर स्वरस (ताजा नीबू का रस) के साथ मर्दन कर 125 मिलीग्रामकी गोलियां बना कर सुखा ली जाती हैं यही गोली अग्निकुमार रस है ।
अग्निकुमार रस के लाभ | Benefits of Agnikumar Ras in Hindi
- अग्निकुमार रस का सेवन जठराग्नि digestive fire को बढ़ता है और पाचन digestion में सुधार करता है ।
- यह विशेष रूप से अजीर्ण indigestion, अपच के कारण उल्टी vomiting, गैस gas, भारीपन heaviness आदि में लाभकारी है।
- यह पेट दर्द में stomach ache राहत देता है।
- यह भूख में सुधार improves appetite लाता है।
- यह शरीर में संचित श्लेष्म phlegm को ढीला कर बाहर निकाल और अतिरिक्त कफ cough में राहत देता है।
अग्निकुमार रस के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Agnikumar Ras in Hindi
- अजीर्ण Indigestion
- विसूचिका Gastro Enteritis
- आध्यमान Gas
- उदरशूल Abdominal pain
- अतिसार Diarrhoea
- छर्दि developed due to Indigestion
- कामला Jaundice
- शरीर के अंदर अत्यधिक कफ
अग्निकुमार रस, केवल कफ प्रधान, वात प्रधान और कफ-वात प्रधान अजीर्ण में ही लेना चाहिए। इस दवा में मुख्य संघटक है काली मिर्च Black pepper जो की तासीर में गर्म hot in potency है। इसलिए पित्त-प्रधान अजीर्ण में इसके सेवन से अत्यधिक पित्त, शरीर में जलन burning sensation और बेचैनी uneasiness होती है ।
अग्निकुमार रस की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Agnikumar Ras in Hindi
- 1-2 गोलियाँ शहद या गुनगुने पानी के साथ दिन 2 बार।
- दस्त और पेचिश के मामले में छाछ के साथ लें।
- या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
- इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
This medicine is manufactured by Shree Baidyanath Ayurved Bhawan, Patanjali Divya Pharmacy, Dabur, Sri Dhootapapeshwar Limited and some other pharmacies.
आप की जानकारी के लिए धन्यबाद ।