अहिफेनासव के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

अहिफेनासव Ahiphenasava in Hindi एक आयुर्वेदिक आसव है। इसका प्रमुख घटक अहिफेन है। इस औषधि को अतिसार और विसूचिका के गंभीर मामलों में इस्तेमाल करते हैं।

अहिफेनासव को भैषज्य रत्नावली के अतिसार रोगाधिकार से लिया गया है।

अहिफेन क्या है?

अहिफेन, अफीम / अहिफेन, को पैपेवर सोमनिफेरम पौधे के फल से प्राप्त किया जाता है। पेवर सोमनिफेरम पौधे के फल के अपरिपक्व डोडे से लेटेक्स कट लगाकर बाहर से एकत्रित किया जाता है। सुखाने के बाद, संसाधित लेटेक को स्क्रैप किया जाता है और अलग-अलग आकार के टुकड़ों में बनाया जाता है। यह कच्चा अफीम है। कच्ची अफीम हेरोइन के निर्माण के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला मूल पदार्थ है। भारत में, अफीम और अफीम आधारित उत्पादों की बिक्री के लिए, लाइसेंस आवश्यक हैं।

अफ़ीम कड़वा, कसैला, कब्ज करने वाला, कामोद्दीपक, शामक, श्वासनवश, मादक, सूक्ष्म, और एंटीस्पास्मोडिक है।

ऑपियम का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में इसके शामक, शांत, कृत्रिम निद्रावस्था, शांत और एनाल्जेसिक गुणों के लिए किया जाता है।

इसका उपयोग खांसी, बुखार, और दस्त और पेचिश, माइग्रेन, मलेरिया के कारण पीठ के निचले हिस्से में सूजन, डिस्मेनोरेहिया, सिस्टिटिस, और अन्य दर्दनाक स्थितियां में किया जात है। अफीम का प्रमुख घटक मोर्फीन और पपावरिन है। अफीम की बड़ी खुराक केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के विषाक्त प्रभाव डालती है। इससे सांस धीमी होती है, पेट की निकासी को धीमा होती है, कब्ज और मूत्र प्रतिधारण होता है व नींद आती है। अफीम के साइड इफेक्ट में या तो ओवरस्टिम्यूलेशन या चक्कर आना, कमजोरी, सिरदर्द, हाइपरथर्मिया, खुजली वाली त्वचा, दंश और हाथों का कांपना, चक्कर आना, मूत्र रुकना, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर अवसाद आदि शामिल हैं।

अफीम की अधिक मात्रा में मानसिक क्षमता कम हो जाती है, प्रतिक्रियाशील उत्साह, ब्राडीकार्डिया, फुफ्फुसीय और मस्तिष्क में पानी जमा होना आदि हो सकता है।

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Ahiphenasava is Herbal Ayurvedic medicine. It is indicated in treatment of severe diarrhea, dysentery and cholera. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • सन्दर्भ: Bhaishajya Ratnavali, Atisar Rogaadhikara
  • दवा का नाम: अहिफेनासव Ahiphenasava
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्बल
  • मुख्य उपयोग: लूज़ मोशन
  • मुख्य गुण: दस्त रोकना
  • दोष इफ़ेक्ट: पित्त वर्धक
  • गर्भावस्था में प्रयोग: नहीं

अहिफेनासव के घटक | Ingredients of Ahiphenasava in Hindi

  • अल्कोहल Madhuka madya (Madhuka) (Fl.) 4.800 l
  • अहिफेन Ahiphena (Exd.) 192 g
  • मोथा Mustaka (Musta) (Rz.) 48 g
  • जातिफल  Jatiphala (Sd.) 48 g
  • कुटज IndraYava (Kutaja) (Sd.) 48 g
  • इला Ela (Sd.) 48 g

जातिफल

जायफल या जातीफल एक प्रसिद्ध मसाला है। यह मिरिस्टिका फ्रेगरेंस वृक्ष के फल में पाए जाने वाले बीज की सुखाई हुई गिरी है। यह पित्तवर्धक, रुचिकारक, दीपन, अनुलोमन है। यह कटु pungent, तिक्त bitter, तीक्ष्ण sharp और उष्ण hot potency है इसलिए इसमें कफनिःसारक, कफघ्न गुण हैं और यह कफ रोगों में लाभप्रद है। यह फेफड़ों से अवलम्बक कफ को दूर करता है।

पित्तवर्धक, रुचिकारक, दीपन, अनुलोमन होने से इसे पाचन की कमजोरी में भी प्रयोग किया जाता है। आयुर्वेद में इसे वायु और कफ रोगों में अकेले ही यह अन्य द्रव्यों के साथ प्रयोग करते हैं।

अहिफेनासव के फायदे | Benefits of Ahiphenasava in Hindi

  • अहिफेनासव आंतों से संबंधित समस्याओं जैसे दस्त, गंभीर जठरांत्र शोथ (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) , पेचिश आदि में बहुत प्रभावी है।
  • यह पानी जैसे दस्त, उल्टी, पेट दर्द, ऐंठन, बुखार, मतली आदि में प्रयोग की जाती है।
  • इससे पेचिश के लक्षणों का प्रबंधन करने में मदद मिलती है।
  • आसव होने से यह दवा भूख और पाचन में सुधार लाती है।
  • इस दवा में एंटीडाइरियल और एंटी-माइक्रोबियल गुण हैं।
  • यह स्टूल के साथ बलगम या रक्त जाना में भी फायदा करती है।
  • यह आँतों में सूजन को कम करती है।

अहिफेनासव के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Ahiphenasava in Hindi

  • तीव्र दस्त Severe Diarrhoea
  • गैस्ट्रोएन्टराइटिस Severe gastroenteritis
  • पेचिश Dysentery
  • हैजा Cholera

अहिफेनासव की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Ahiphenasava in Hindi

  • 5 to 10 बूँद दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
  • इसे  पानी के साथ लें।
  • इसे भोजन करने के बाद लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

अहिफेनासव के इस्तेमाल में सावधनियाँ | Cautions in Hindi

  • इस दवा को डॉक्टर की देख-रेख में ही लें।
  • उम्र और ताकत पर विचार करते हुए और किसी वैद्य की विशेषज्ञ सलाह के साथ, दवा का उचित अनुपात में उचित अनुपान के साथ इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
  • इस औषधि को केवल विशिष्ट समय अवधि के लिए निर्धारित खुराक में लें।
  • इसे ज्यादा मात्रा में न लें।
  • यह पित्त को बढ़ाता है। इसलिए पित्त प्रकृति के लोग इसका सेवन सावधानी से करें।

अहिफेनासव के साइड-इफेक्ट्स | Side effects of Ahiphenasava in Hindi

  • इससे कुछ लोगों में पेट में जलन हो सकती है।
  • इससे कब्ज़ हो सकता है। इसलिए रोग के लक्षण दूर होते हिन् दवा रोक देनी चाहिए।
  • अहिफेनासव को कब प्रयोग न करें Contraindications
  • गुर्दे की बीमारियों में इसे नहीं लें।
  • इसे मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं जैसे डिप्रेशन में नहीं लें।
  • इसे गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान न लें।
  • आयुर्वेद में उष्ण चीजों का सेवन गर्भावस्था में निषेध है। इसका सेवन गर्भावस्था में न करें।
  • शरीर में यदि पहले से पित्त बढ़ा है, रक्त बहने का विकार है bleeding disorder, हाथ-पैर में जलन है, अल्सर है, छाले हैं तो भी इसका सेवन न करें।
  • यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।
  • अधिक मात्रा में सेवन पेट में जलन, एसिडिटी, आदि समस्या कर सकता है।
  • समस्या अधिक है, तो डॉक्टर की राय प्राप्तकर सही उपचार कराएं जिससे रोग बिगड़े नहीं।

भंडारण निर्देश

  • सूखी जगह में स्टोर करें।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।

दवा के बारे में पूछे जाने वाले कुछ सवाल

क्या इस दवा को एलोपैथिक दवाओं के साथ ले सकते हैं?

हाँ, ले सकते हैं। लेकिन दवाओं के सेवन में कुछ घंटों का गैप रखें।

क्या अहिफेनासव को होम्योपैथिक दवा के साथ ले सकते हैं?

ले तो सकते हैं। लेकिन इस से हो सकता है कि दोनों ही दवाएं काम नहीं करें। इसलिए, दवा के असर को देखना ज़रूरी है।

अहिफेनासव को कितनी बार लेना है?

  • इसे दिन में 2 बार / 3 बार लेना चाहिए।
  • इसे दिन के एक ही समय लेने की कोशिश करें।

क्या दवा की अधिकता नुकसान कर सकती है?

  • इस दवा में अफीम और अल्कोहल है। इसकी अधिक मात्रा नुकसान करती है।
  • दवाओं को सही मात्रा में लिया जाना चाहिए। ज्यादा मात्रा में दवा का सेवन साइड इफेक्ट्स कर सकता है।

क्या अहिफेनासव सुरक्षित है?

  • सिफारिश की खुराक में लेने के लिए सुरक्षित है।
  • ज्यादा मात्रा में असुरक्षित है।

अहिफेनासव का मुख्य संकेत क्या है?

दस्त, पेचिश

अहिफेनासव का वात-पित्त या कफ पर क्या प्रभाव है?

  • वात कम करना।
  • पित्त वृद्धि करना।
  • कफ कम करना।

क्या इसमें गैर-हर्बल सामग्री शामिल है?

नहीं।

मैं यह दवा कब तक ले सकता हूँ?

केवल कुछ दिन।

अहिफेनासव लेने का सबसे अच्छा समय क्या है?

इसे भोजन के बाद लिया जाना चाहिए एक ही समय में दैनिक रूप में लेने की कोशिश करें।

क्या अहिफेनासव एक आदत बनाने वाली दवा है?

इसे केवल केवल तब तक लें जब तक रोग लक्षण हों। ज्यादा दिन लेने से आदत भी बन सकती है।

क्या यह दिमाग की अलर्टनेस पर असर डालती है?

कम मात्रा में नहीं।

क्या अहिफेनासव लेने के दौरान ड्राइव करने के लिए सुरक्षित है?

हाँ।

क्या मैं इसे पीरियड्स के दौरान ले सकती हूँ?

इसे लिया जा सकता है। पीरियड्स के दौरान से नहीं लें, अगर आपको रक्तस्राव पैटर्न पर कोई प्रभाव महसूस होता है।

क्या मैं इसे गर्भावस्था के दौरान ले सकता हूँ?

नहीं।

क्या एक मधुमेह व्यक्ति इसे ले सकता है?

नहीं।

क्या इसे बच्चों को दे सकते हैं?

नहीं।

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