अकीक पिष्टी भस्म के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

अकीक पिष्टी भस्म Akik Pishti in Hindi, एक प्रकार का खनिज पत्थर है। यह पत्थर कई प्रकार और रंगों का मिलता है तथा पीले और सफ़ेद रंग के पत्थरों को दवा बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अकीक पिष्टी को हृदय के लिए उत्तम माना गया है। साथ ही यह दिमाग को ताकत देने वाली और शरीर में वात और पित्त का नाश करने वाली औषध है।

इसके सेवन से हृदय को बल मिलता है साथ ही तिल्ली और लीवर के विकारों में सुधार होता है। अह उन्माद, पथरी, बेहोशी, ब्लीडिंग होना, पुराना घाव आदि में लाभप्रद है। आँखों में इसे लगाने से दिखाई ठीक से देता है। यह ताकत देने वाली औषध भी मानी गई है।,

अकीक पिष्टी को अलग अलग अनुपानों के साथ लिया जाता है व इसका सबसे सामान्य अनुपान शहद है।

दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त घटकों के आधार पर है। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। मार्किट में इसी तरह के फोर्मुले की अन्य फार्मसियों द्वारा निर्मित दवाएं उपलब्ध हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।

यह पेज अकीक पिष्टी के बारे में हिंदी में जानकारी देता है जैसे कि दवा का कम्पोज़िशन, उपयोग, लाभ/बेनेफिट्स/फायदे, कीमत, खुराक/ डोज/लेने का तरीका, दुष्प्रभाव/नुकसान/खतरे/साइड इफेक्ट्स/ और अन्य महत्वपूर्ण ज़रूरी जानकारी।

Akik Pishti is mineral Ayurvedic Unani medicine. It is indicated in treatment of diseases of heart, head, bleeding disorders, wounds, Sujak, excessive heat inside body, Pitta disorders, Ashmari etc. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • दवा का नाम: अकीक पिष्टी Akik Pishti
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: मिनरल युक्त
  • मुख्य उपयोग: हृदय, सिर को बल देना और इनके रोगों में लाभ करना
  • मुख्य गुण: एसिड कम करना, बल वर्धक
  • दोष इफ़ेक्ट: पित्त और वात कम करना
  • गर्भावस्था में प्रयोग: बिना डॉक्टर की स्लाग=ह के नहीं करें
  • मूल्य MRP: पतंजलि 5 ग्राम @ 20 रुपए

अकीक पिष्टी के घटक | Ingredients of Akik Pishti in Hindi

  • शुद्ध अकीक Akika (Shuddha) churna QS
  • एलो वेरा Kumari rasa Aloe vera juice QS for mardana
  • केतकी Ketaki rasa (Fl) QS for mardana
  • जलपिप्पली Jalapippalika svarasa (Pl) QS for mardana
  • केले के कंद का रस Rambha rasa (Kadali svarasa) (R।) QS for mardana

अकीक पिष्टी के फायदे | Benefits of Akik Pishti in Hindi

  • इसके सेवन से सेक्स का प्रदर्शन ठीक होता है।
  • इसे वीर्य गाढ़ा होता है।
  • पैत्तिक रोगों में इसके सेवन से लाभ होता है।
  • यह घावों और सूजाक में फायदा करती है।
  • यह पागलपन, बेहोशी, को नष्ट करने वाली दवा है।
  • यह पुराने घाव, ब्लीडिंग की समस्या, रक्त प्रदर, सुजाक, घाव आदि को ठीक करती है।
  • यह बुखार की गर्मी को कम करने वाली द्वाइओ है।
  • यह वात-पित्त नाशक है।
  • यह शरीर में अथ्य्धिक गर्मी में फायदेमंद है।
  • यह सभी तरह की हृदय की दुर्बलता में लाभप्रद है।
  • यह सिर-आँखों के रोग में लाभप्रद है।

अकीक पिष्टी के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Akik Pishti in Hindi

अकिक पिष्टी और अकीक भस्म का प्रयोग विभिन्न रोगों में किया जाता है। रक्तपित, शरीर में अधिक गर्मी, दिल की कमजोरी में अकिक पिष्टी लेने चाहिए जोकि अकीक भस्म से अधिक सौम्य है।

  • असामान्य गर्भाशय रक्तस्राव Abnormal uterine bleeding
  • अल्जाइमर रोग Alzheimer’s disease
  • आंखों में जलन Burning sensation in eyes
  • आँख आना Conjunctivitis
  • डिप्रेशन Depression
  • चिड़चिड़ापन और क्रोध के साथ अवसाद Depression with agitation, irritation and anger
  • ग्रहणी अल्सर Duodenal ulcer
  • शरीर के अंदर अत्यधिक गर्मी Excessive heat inside body
  • पेट में सूजन  Gastritis
  • सामान्य दुर्बलता General debility
  • गर्ड GERD
  • बाल झड़ना Hair loss
  • दिल की कमजोरी Heart weakness
  • एसिडिटी Heartburn
  • हदय क्षेत्र में जलन Hriddaha (Burning sensation in heart region)
  • हृदय रोग Hridroga (Heart disease)
  • कास (खाँसी) Kasa (Cough)
  • क्षय (पीथिसिस) Kshaya (Pthisis)
  • मानसिक थकान Mental fatigue
  • ऑस्टियोपोरोसिस Osteoporosis
  • पित्त दोष के कारण रोग Pitta Roga (Disease due to Pitta dosha
  • बेचैनी Restlessness
  • सिर का रोग Shiroroga (Disease of head)
  • अल्सरेटिव कोलाइटिस Ulcerative colitis
  • अल्सर Ulcers
  • वात दोष के कारण रोग Vataroga (Disease due to Vata dosha)

अकीक पिष्टी की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Akik Pishti in Hindi

  • 1- 3 रत्ती / 125mg-375 mg दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
  • इसे शहद के साथ लें।
  • इसे भोजन करने के बाद लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

अकीक पिष्टी के इस्तेमाल में सावधनियाँ | Cautions in Hindi

  • इसका इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह के आधार पर 1 से 2 महीने तक किया जा सकता है।
  • उम्र और ताकत पर विचार करते हुए और किसी वैद्य की विशेषज्ञ सलाह के साथ, दवा का उचित अनुपात में उचित अनुपान के साथ इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
  • इस औषधि को केवल विशिष्ट समय अवधि के लिए निर्धारित खुराक में लें।
  • इस दवा को डॉक्टर की देख-रेख में ही लें।
  • इसे ज्यादा मात्रा में न लें।

अकीक पिष्टी के साइड-इफेक्ट्स | Akik Pishti Side effects in Hindi

निर्धारित खुराक में लेने से दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।

अकीक पिष्टी को कब प्रयोग न करें | Contraindications in Hindi

  • इसे गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लें।
  • यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।
  • समस्या अधिक है, तो डॉक्टर की राय प्राप्तकर सही उपचार कराएं जिससे रोग बिगड़े नहीं।

भंडारण निर्देश

  • सूखी जगह में स्टोर करें।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।

उपलब्धता

  • इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
  • बैद्यनाथ Baidyanath Akik Pishti
  • पतंजलि Patanjali Divya Pharmacy Akik Pishti
  • तथा अन्य बहुत सी फर्मसियाँ।

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