इसके प्रयोग से नपुंसकता, क्षय, दुर्बलता, रोग के कारण कमजोरी, अधिक मैथुन के कारनण कमजोरी, कांतिहीनता, स्वरभेद, कास, हिचकी, बुखार, बहुत अधिक प्यास, उल्टी, बेहोशी, दिल के रोग, योनी के रोग, मूत्र रोग और संतानहीनता आदि में लाभ होता है।
अमृतप्राश घृतम, आयुर्वेद की एक ऐसी दवा है जिसमें बकरे का मांस भी एक घटक है। यह एक नॉन-वेज दवा है। इसे घी की तरह छान कर नहीं बनाया जाता अपितु अवलेह जैसा बनाया जाता है। इसके प्रयोग से नपुंसकता, क्षय, दुर्बलता, रोग के कारण कमजोरी, अधिक मैथुन के कारनण कमजोरी, कांतिहीनता, स्वरभेद, कास, हिचकी, बुखार, बहुत अधिक प्यास, उल्टी, बेहोशी, दिल के रोग, योनी के रोग, मूत्र रोग और संतानहीनता आदि में लाभ होता है।
Amritaprasa Ghritam, is a non-veg Ayurvedic medicated Ghee. It is used improve strength and general health. It improves sperm count and virility. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.
अमृतप्राश घृतम के घटक | Ingredients of Amritaprasa Ghritam in Hindi
- जीवंती (Rt.) 12 g
- काकोली (Sub. Rt.) 12 g
- क्षीरकाकोली (Sub. Rt.) 12 g
- मेदा (Rt. Tr.) 12 g
- महामेदा (Rt. Tr.) 12 g
- मुद्गपर्णी (Pl.) 12 g
- माषपर्णी (Pl.) 12 g
- ऋषभका (Rt. Tr.) 12 g
- जीवका (Rt. Tr.) 12 g
- ऋद्धि (Sub.Rt. Tr.) 12 g
- वृद्धि (Sub.Rt. Tr.) 12 g
- मधुका (Yashti) (Rt.) 12 g
- शुंठी (Rz.) 12 g
- वारी (Satavari) (Rt. Tr.) 12 g
- वीरा (Meda) (Rt. Tr.) 12 g
- पुनर्नवा (Rakta Punarnava) (Rt.) 12 g
- बाल (Rt.) 12 g
- भारंगी (Rt.) 12 g
- स्वगुप्ता (atmagupta) (Sd.) 12 g
- ऋद्धि (Sub.Rt. Tr.) 12 g
- शाठी (Shati) (Rz.) 12 g
- तमलकी (Pl.) 12 g
- कना (Pippali) (Fr.) 12 g
- श्रीन्गातका (Fr.) 12 g
- पयस्य (Kshira vidari) (Rt. Tr.) 12 g
- शालपर्णी (Pl.) 12 g
- पृश्निपर्णी (Pl.) 12 g
- बृहती (Pl.) 12 g
- कंटकारी (Pl.) 12 g
- गोक्षुर (Pl.) 12 g
- द्राक्षा (Dr. Fr.) 12 g
- अक्षोडा (Cotdn.) 12 g
- सर्पि (Goghrita) 768 g
- क्षीरा (Godugdha) 768 ml
- धात्री रस (Amalaki) (P.) 768 ml
- विदारीरस (Vidari) (Rt. Tr.) 768 ml
- इक्षु-रस (St.) 768 ml
- चगा ममसा रस Goat\’s flesh juice 768 ml
- मधु 384 g
- शर्करा 2.400 kg
- मरीचा (Fr.) 24 g
- त्वक (St. Bk.) 24 g
- इला (Sukshmaila) (Sd.) 24 g
- पत्र (Tejapatra) (Lf.) 24 g
- केसर (Nagakeshara) (Stmn.) 24 g
अमृतप्राश घृतम के फायदे | Benefits of Amritaprasa Ghritam in Hindi
- इसके सेवन से स्पर्म काउंट बढ़ता है।
- यह नपुंसकता कप दूर करती और शरीर को बल देती है।
- यह दुर्बलता, प्रमेह, ध्वजभंग आदि में लाभकारी है।
- यह वृष्य और वाजीकारक है।
- इसका सेवन बल और वीर्य को बढ़ाता है।
- यह अत्यंत पौष्टिक है।
- यह स्निग्ध है और आन्तरिक रूक्षता दूर करता है।
- यह वज़न, कान्ति, और पाचन को बढ़ाता है।
- यह कब्ज़ से राहत देता है।
- यह दिमाग, नसों, मांस, आँखों, मलाशय आदि को शक्ति प्रदान करता है।
- यह धातुओं को पुष्ट करता है।
- यह पित्त विकार को दूर करता है।
अमृतप्राश घृतम के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Amritaprasa Ghritam in Hindi
- तृष्णा (Thirst), जलन
- ज्वार (Fever)
- रक्तपित्त (Bleeding disorder)
- कास (Cough), श्वास (Dyspnoea/Asthma)
- क्षता क्षीण (Debility due to chest, injury)
- व्याधिकर्षिता नष्टशुक्रा (Oligospermia due chronic illness)
- दौर्बल्य (Weakness)
- स्वरहीन (Aphasia)
- वैवर्ण्य (Discolouration),
- हिक्का (Hiccup)
- छर्दि (Emesis)
- मूर्च्छा (Syncope)
- हृद्रोग (Heart disease)
- योनिरोगा (Disease of female genital tract)
- मूत्ररोग (Urinary diseases)
अमृतप्राश घृतम की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Amritaprasa Ghritam in Hindi
- 1 चम्मच दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
- इसे दूध अथवा गर्म पानी के साथ लें।
- या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
कृपया ध्यान दें, आयुर्वेदिक दवाओं की सटीक खुराक आयु, ताकत, पाचन शक्ति का रोगी, बीमारी और व्यक्तिगत दवाओं के गुणों की प्रकृति पर निर्भर करता है।
मोटापा, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल में एहतियात के साथ इस दवा का उपयोग करना चाहिए।
इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
You can buy this medicine online or from medical stores.
This medicine is manufactured by Kottakkal Arya Vaidya Sala (Amritaprasa Ghritam), AVP (Amruthaprasa Gritham) and many other Ayurvedic pharmacies.