अनुलोमा डीएस कब्ज की दवाई के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

अनुलोमा डीएस Anuloma DS, एक हर्बल आयुर्वेदिक दवाई है जो सागर फार्मासुटिकल द्वारा निर्मित है। यह पेटेंटेड दवा है जो कब्ज़ में आराम देती है।

यह एक हर्बल दवा है लेकिन इसे बार-बार या नियमित नहीं लेना चाहिए क्योंकि इसमें सनाय है। सनाय या स्वर्णपत्री एक आदत बनाने वाली विरेचक है। यदि आप इसे नियमित लेते रहेंगे तो शरीर इसका आदी हो जाएगा और इसके बिना शौच नहीं होगा।

कब्ज को विबंध और कोंसटिपेशन के नाम से जाना जाता है। कब्ज़ होने पर मल बहुत कठोर हो जाता है और कई-कई दिन तक नहीं होता। ऐसे में शौच के समय बहुत जोर लगाना पड़ता है जिससे गुदा छिल जाती है और खून तक बहने लगता है। कब्ज़ के कारण पेट में भारीपन, गैस, दबाव तथा भूख न लगना समेत अनेक समस्याएं हो जाती हैं।  कब्ज़ यदि लम्बे समय तक रहे तो बवासीर, फिस्टुला हो जाते है। भूख नहीं लगती और बहुत गैस बनती है। पाचन की विकृति से व्यक्ति कमजोर हो जाता है।

इस कंडीशन को भोजन, व्यायाम, पानी के अधिक सेवन और ज़रूरत हो तो दवा के सेवन से दूर किया जा सकता है।

दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा यह भी दावा नहीं है कि यह आपके रोग को एकदम ठीक कर देगी। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।

Anuloma DS is used to get relief from constipation. The main ingredient of this medicine is Senna. Senna should be used occasionally only.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्बल आयुर्वेदिक
  • मुख्य उपयोग: कब्ज़
  • मुख्य गुण: विरचन
  • मूल्य MRP: 10 गोली @ INR 40.00

अनुलोमा डीएस के घटक | Ingredients of Anuloma DS in Hindi

  1. अजमोद Ajamoda Ptychotis ajowan 16 mg
  2. जीरा Jeeraka Cuminum cyminum16 mg
  3. छोटी हरड़ Balharda Black terminalia chebula 16 mg
  4. मुलेठी Yashtimadhu Glycyrriza glabra 16 mg
  5. सोंठ Shunthi Zingiber officinale16 mg
  6. सेंध नमक Saindhav Salt Natural potassium nitricum 20 mg
  7. सनाय Sonamukhi Cassia lanceolata 1160 mg

सनाय का लैटिन नाम या वानस्पतिक नाम केसिया अंगस्टीफोलिया है और यह लेगुमिनेसी कुल का बहुवर्षीय पौधा है। इसे हिन्दी में सनाय, अंग्रेजी में इंडियन सेन्ना, राजस्थानी में सोनामुखी कहते हैं। सनाय का पौधा काँटे रहित व झाड़ीनुमा होता है जिसकी ऊँचाई 2 से 4 फुट तथा शाखायें टेढ़ी मेढ़ी होती हैं। शीतकाल में चमकीले पीले रंग के फूल खिलते हैं। इसकी फली हल्के रंग की होती है व पकने पर गहरे भूरे रंग की हो जाती है। बीज भी भूरे रंग के होते हैं।

यह बंजर भूमि में उगता है है तथा इसके पौधे को कोई पशु नहीं खाता। एक बार लगा दिए जाने पर कई वर्षों तक इसका औषधीय प्रयोग किया जा सकता है।

सनाय मुख्य रूप से रेचक और दस्तावर है और इसलिए इसे प्रमुखता से विबंध / कब्ज़ को दूर करने के दवाओं के निर्माण में प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त इसे अन्य बहुत से रोगों जिए की चर्म रोगों, पीलिया, अस्थमा, मलेरिया, बुखार, अपच आदि में भी प्रयोग किया जा रहा है ।

हरीतकी Terminalia chebula आयुर्वेद की रसायन औषधि है। यह पेट रोगों में प्रयोग की जाने वाली सबसे प्रभावी औषध है। इसमें लवण रस, को छोड़ बाकि सभी रस / स्वाद है। यह गुण में लघु, रूक्ष, और स्वभाव से गर्म है। यह एक कटु विपाक औषध है और शरीर के सभी धातुओं पर काम करती है। यह सूजन को दूर करती है। यह मूत्रल और दस्तावर है। यह अफारे को दूर करती है और पेट के कीड़ों को भी नष्ट करती है।

अदरक का सूखा रूप सोंठ या शुंठी कहलाता है। सोंठ को भोजन में मसले की तरह और दवा, दोनों की ही तरह प्रयोग किया जाता है। सोंठ का प्रयोग आयुर्वेद में प्राचीन समय से पाचन और सांस के रोगों में किया जाता रहा है। इसमें एंटी-एलर्जी, वमनरोधी, सूजन दूर करने के, एंटीऑक्सिडेंट, एन्टीप्लेटलेट, ज्वरनाशक, एंटीसेप्टिक, कासरोधक, हृदय, पाचन, और ब्लड शुगर को कम करने गुण हैं।

मुख्य गुणधर्म और उपयोग | Qualities and therapeutic uses in Hindi

  1. विरेचन: द्रव्य जो पक्व अथवा अपक्व मल को पतला बनाकर अधोमार्ग से बाहर निकाल दे।
  2. वातहर: द्रव्य जो वातदोष निवारक हो।
  3. अनुलोमन: द्रव्य जो मल व् दोषों को पाक करके, मल के बंधाव को ढीला कर दोष मल बाहर निकाल दे।

अनुलोमा डीएस के फायदे | Benefits of Anuloma DS in Hindi

  1. यह विरेचक है।
  2. यह कब्ज़ को दूर करती है।
  3. इसके सेवन से शरीर में जमी गंदगी दूर होती है।

अनुलोमा डीएस के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Anuloma DS in Hindi

अनुलोमा डीएस के प्राकृतिक तत्व मल को नरम करते हैं और आंत्र गतिशीलता को बढ़ाते हैं, जो तीव्र और पुरानी कब्ज प्रभावी रूप से राहत देते हैं।

  1. नई कब्ज़
  2. पुरानी कब्ज

अनुलोमा डीएस की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Anuloma DS in Hindi

  1. 1 या 2 गोली, दिन में केवल एक बार लें।
  2. इसे पानी के साथ लें।
  3. इसे रात को सोने से पहले लें।
  4. या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

सावधनियाँ / साइड-इफेक्ट्स / कब प्रयोग न करें Cautions / Side effects / Contraindications in Hindi

  1. अच्छे प्रभाव के लिए दवा के साथ-साथ जीवन शैली में भी परिवर्तन करें।
  2. अधिक मात्रा में प्रयोग से पेट दर्द, दस्त और शरीर में पानी की कमी हो सकती है।
  3. इस दवा का मुख्य घटक सनाय है। सनाय को आंत्र रुकावट, पेट में अज्ञात कारणों के दर्द, पथरी, कोलाइटिस, Crohn’s disease, IBS, बवासीर, नेफ्रोपैथी, प्रेगनेंसी और 12 वर्ष से छोटे बच्चों में न प्रयोग करे ।
  4. इस दवा में विरेचक गुण हैं।
  5. इसमें सेंधा नमक है, इसलिए जिसे उच्च रक्तचाप हो, कम नमक लेने की सलाह हो, वे लोग इसका सेवन न करें।
  6. इसे ज्यादा मात्रा में न लें।
  7. इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  8. कब्ज़ के कारण को जानने का प्रयत्न करें। कई बार शरीर में किसी प्रकार का रोग जैसे की डायबिटीज, के कारण भी कब्ज़ हो जाता है।
  9. खाने में सलाद ज़रूर लें।
  10. गर्भावस्था में इसका प्रयोग न करें।
  11. जंक फ़ूड, केक, बिस्किट, कोल्ड ड्रिंक, मैदे से बने भोज्य पदार्थ न खाएं।
  12. दवा की सटीक मात्रा व्यक्ति के पाचन, उम्र, वज़न और स्वास्थ्य को देख कर ही तय की जा सकती है।
  13. दवा के साथ-साथ भोजन और व्यायाम पर भी ध्यान दें।
  14. दस्त होने पर इसे इस्तेमाल न करें।
  15. पानी ज्यादा मात्रा में पियें।
  16. पीने के लिए हल्का गर्म पानी लें।
  17. यह एक दवा है, इससे तुरंत जादुई असर नहीं होगा। दवा के साथ साथ खाने-पीने पर नियंत्रण और व्यायाम आवश्यक है।

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