अशोक घृत महिलायों के स्वास्थ्य के लिए अमृत तुल्य है। यह गर्भाशय को शक्ति देता है और शरीर में बढ़े हुए वात-पित्त को संतुलित करता है। इसका सेवन वज़न को बढ़ाता है और आन्तरिक अंगों का स्नेहन करता है। इसका उपयोग चेहरे पर कान्ति लाता है और त्वचा के सूखेपन को दूर करता है।
अशोक घृत, एक आयुर्वेदिक घी है जिसे भैषज्य रत्नावली के स्त्रिरोगाधिकार से लिया गया है। इसे गाय के घी, अशोक की छाल, जीरे, भंगरे के रस, बकरी के दूध, जीवनीय गण (जीवक, ऋषभक, मेदा, महामेदा, काकोली, क्षीरकाकोली, मुदगपर्णी, माशपर्णी, जीवंती, और मुलेठी) तथा अन्य औषधीय वनस्पतियों से बनाया गया है। अशोक घी का प्रयोग विविध स्त्री रोगों में किया जाता है जैसे की गर्भाशय रोगों, मासिक धर्म संबंधी विकार, कमजोरी, भूख न लगना, हाथ पैर में जलन आदि।
अशोक घृत महिलायों के स्वास्थ्य के लिए अमृत तुल्य है। यह गर्भाशय को शक्ति देता है और शरीर में बढ़े हुए वात-पित्त को संतुलित करता है। इसका सेवन वज़न को बढ़ाता है और आन्तरिक अंगों का स्नेहन करता है। इसका उपयोग चेहरे पर कान्ति लाता है और त्वचा के सूखेपन को दूर करता है। प्रदर की समस्याओं, शरीर में दर्द, खाना न पचना, कमजोरी, आदि को इसका सेवन दूर करता है।
Ashok ghrit is a polyherbal Ayurvedic medicine. It is a uterine tonic and used in treatment of female disorders. The chief ingredient of this medicine is Cow\’s Gee and Ashoka. Ashoka is the main herb used in Ayurveda for treatment of gynecological disorders.
Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.
अशोक घृत के घटक | Ingredients of Ashoka Ghrita in Hindi
- अशोका-वल्कल (St. Bk.) 768 g
- Water for decoction 3.072 l reduced to 768 ml
- घृत 768 g
- जीराक-क्वाथ (Fr.) 768 ml
- तण्डुलाम्बु (Shali) (Sd.) 768 ml
- अजक्षीर 768 ml
- केशराजा रस (Bhringaraja) (Pl.) 768 ml
- जीवंती (Rt.) 24 g
- काकोली (Sub. Rt.) 24 g
- क्षीरकाकोली (Sub. Rt.) 24 g
- मेदा (Rt. Tr.) 24 g
- महामेदा (Rt. Tr.) 24 g
- मुद्गपर्णी (Pl.) 24 g
- माषपर्णी (Pl.) 24 g
- ऋषभक (Rt. Tr.) 24 g
- जीवक (Rt. Tr.) 24 g
- ऋद्धि (Sub. Rt. Tr.) 24 g
- वृद्धि (Sub. Rt. Tr.) 24 g
- यष्टीमधुक (Yashti) (Rt.) 24 g
- पियाला (Priyala) (Kr.) 24 g
- परुषा (Parushaka) (Fr.) 24 g
- रसांजन (Daruharidra) (St. Ext.) 24 g
- यष्ट्याह्वया (Yashti) (Rt.) 24 g
- अशोका मूल (Rt.) 24 g
- मृद्वीका (Draksha) (Dr. Fr.) 24 g
- शतावरी (Rt. Tr.) 24 g
- तण्डुलियाका-मूल (Rt.) 24 g
- शर्करा 384 g
अशोक घृत के फायदे | Benefits of Ashoka Ghrita in Hindi
- यह उत्कृष्ट गर्भाशय टॉनिक है।
- यह श्रोणि में दर्द, योनि में दर्द, असामान्य रक्तस्राव, सफ़ेद पानी जाना, गर्भाशय से असमान्य रक्त जाना, आदि विकारों के उपचार में प्रयोग किया जाता है।
- यह वात और पित्त दोष को दूर करता है।
- शरीर में अधिक पित्त या गर्मी के कारण होने वाली जलन, रक्त-पित्त आदि में इसका सेवन शरीर को शीतलता देता है।
- यह एनीमिया, थकान, दर्द को दूर करता है।
- यह भूख और पाचन उत्तेजित करता है।
- यह समग्र स्वास्थ्य को सही करता है और वजन बढ़ाता है।
- यह शारीरिक शक्ति, रंग-रूप और दीर्घायु को बढ़ावा देता है।
अशोक घृत के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Ashoka Ghrita in Hindi
- प्रदर (Excessive vaginal discharge), amenorrhea, menorrhagia, leucorrhoea
- कुक्षिशूल (Pelvic pain)
- कटी शूल (Lower backache)
- योनिशूल (Pain in female genital tract)
- पाण्डु (Anaemia)
- मंदाग्नि (Impaired digestive fire)
- अरुचि (Tastelessness)
- कर्ष्य (Emaciation)
- श्वास (Dyspnoea/Asthma)
- कास (Cough)
अशोक घृत की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Ashoka Ghrita in Hindi
- 1/4-1 चम्मच दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
- इसे दूध अथवा गर्म पानी के साथ लें।
- या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
कृपया ध्यान दें, आयुर्वेदिक दवाओं की सटीक खुराक आयु, ताकत, पाचन शक्ति का रोगी, बीमारी और व्यक्तिगत दवाओं के गुणों की प्रकृति पर निर्भर करता है।
मोटापा, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल में एहतियात के साथ इस दवा का उपयोग करना चाहिए।
इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
You can buy this medicine online or from medical stores.
This medicine is manufactured by Baidyanath (Ashok Ghrit), Kottakkal Arya Vaidya Sala (Asoka Ghritam), Atharv\’s (Asoka Ghritam) and many other Ayurvedic pharmacies.