अविलतोलादि भस्म के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

अविलतोलादि भस्म Aviltoladi Bhasma Ganji in Hindi, जड़ी बूटियों से बनी हुई भस्म है। इसका वर्णन आयुर्वेद के सहस्रयोगम में दिया गया है। फोर्मुले में बताए गए घटकों की पहले भस्म बनाई जाती है और इसमें पानी मिलाया जाता है, इस पानी को फिर छान लिया जाता है। छनने के बाद इसमें छाछ या दूध मिलाकर कांजी बनाते हैं। इस दवा का प्रयोग शोफ, गुल्म और पेट रोगों में किया जाता है।

यह दवा क्षार कल्पना (alkaline preparation) में आती है। क्षार को जन्तुओं (शंख, प्रवाल आदि), खनिज (बोरैक्स, नमक पेटी, पोटेशियम लवण आदि का मिश्रण) और पौधों (अपामार्ग, आक, स्नूही, वासा आदि) से प्राप्त किया जाता है। क्षारा कल्पना, क्षारीय पदार्थ वाली दवा है, जिसे एकल या मिश्रित रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें।

यह पेज अविलतोलादि भस्म के बारे में हिंदी में जानकारी देता है जैसे कि दवा का कम्पोज़िशन, उपयोग, लाभ/बेनेफिट्स/फायदे, कीमत, खुराक/ डोज/लेने का तरीका, दुष्प्रभाव/नुकसान/खतरे/साइड इफेक्ट्स/ और अन्य महत्वपूर्ण ज़रूरी जानकारी।

Aviltoladi Bhasma Ganji is Herbal Ayurvedic medicine. It is indicated in treatment of abnormal accumulation of fluid in tissues within the body.  Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • दवा का नाम: अविलतोलादि भस्म Aviltoladi Bhasma Ganji
  • दवाई का प्रकार: आयुर्वेदिक क्षार
  • मुख्य उपयोग: शरीर में पानी जमा होना
  • मुख्य गुण: दीपन, छेदन, भेदन, मूत्रल
  • गर्भावस्था में प्रयोग: नहीं करें

अविलतोलादि भस्म के घटक | Ingredients of Aviltoladi Bhasma Ganji in Hindi

  • अविलतोलु पूति करंज छाल Aviltola bark Pongamia Pinnata
  • कडलाडि Apamarga Achyranthes Aspera
  • दन्ति Hastidanti Baliospermum Montanum
  • सफ़ेद आक Tapana Shwet Ark Calotropis Procera
  • एरंड जड़ Chitra Erand moola Ricinus Communis
  • चुल्ली Chulli Kokilaaksha Asteracantha Longifolia
  • शम्याकत्तोलि Samyaka tolu Bark Aragvadha Cassia fistula
  • पनविरल ताल पुष्प Panaviral Tala Pushpa
  • स्नूही जड़ Sehund Snuhi Moola Euphorbia Neriifolia
  • रम्भा कंद Rambha Kand Kela (Kadali) Rhizome Musa Paradisiaca

Aviltoladi Bhasma के आयुर्वेदिक कर्म

  • कफ निकालने वाला expectorant
  • कृमिनाशक anthelmintic ऐन्थेल्मिन्टिक
  • क्षारक caustic
  • गर्भनिरोधक contraceptive
  • जीवाणुरोधी antibacterial
  • मासिकधर्म के स्राव को बढ़ाने वाला emmenagogue
  • मूत्रल diuretic
  • रोगाणुरोधी antimicrobial
  • विषहर antidote ऐन्टिडोट

अविलतोलादि भस्म के फायदे | Benefits of Aviltoladi Bhasma Ganji in Hindi

  • यह मूत्रल है।
  • यह सूजन को कम करने की दवाई है।
  • इसके सेवन से शरीर में पानी के भराव में कमी आती है।
  • इसमें एंटासिड गुण हैं।

अविलतोलादि भस्म के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Aviltoladi Bhasma Ganji in Hindi

  • इस दवा को मुख्य रूप से शोफ। गुल्म और उदर रोगों में लिया जाता है।
  • शोफ शरीर में कोशिकाओं के चारों ओर अत्यधिक तरल पदार्थ के जमाव को कहते हैं।
  •  गुल्म या वायु का गोला पेट में एक जगह वायु के एकत्रित होने को कहते हैं।

अविलतोलादि भस्म की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Aviltoladi Bhasma Ganji in Hindi

  • 2 रत्ती से 1 ग्राम / 250mg-1gram दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
  • इसे छाछ अथवा पानी के साथ लें।
  • इसे भोजन करने के बाद लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

अविलतोलादि भस्म के इस्तेमाल में सावधनियाँ | Cautions in Hindi

  • इसका इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह के आधार पर 2 से 4 महीने तक किया जा सकता है।
  • उम्र और ताकत पर विचार करते हुए और किसी वैद्य की विशेषज्ञ सलाह के साथ, दवा का उचित अनुपात में उचित अनुपान के साथ इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
  • इसे ज्यादा मात्रा में न लें।

अविलतोलादि भस्म के साइड-इफेक्ट्स | Side effects of Aviltoladi Bhasma Ganji in Hindi

  • इससे शरीर में ड्राईनेस बढती है।
  • इससे शरीर में पित्त बढ़ता है।

अविलतोलादि भस्म को कब प्रयोग न करें | Contraindications in Hindi

  • अपामार्ग में गर्भनिरोधक contraceptive, गर्भनिरोधी antifertility और गर्भपात के गुण है।
  • बड़ी मात्रा में इसका सेवन वमनकारी (उल्टी लाने वाला) emetic है।
  • इसमें अपामर्ग, सेहुंड, आक जैसे पौधे हैं जो गर्भान्तक हैं। इसे गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान न लें।
  • यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।
  • समस्या अधिक है, तो डॉक्टर की राय प्राप्तकर सही उपचार कराएं जिससे रोग बिगड़े नहीं।
  • उच्च रक्तचाप में इसे नहीं लें।
  • जिन पुरुषों में स्पर्म काउंट की समस्या है, वीर्य दोष है, वे इसे प्रयोग नहीं करें।

भंडारण निर्देश

  • सूखी जगह में स्टोर करें।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।

दवा के बारे में पूछे जाने वाले कुछ सवाल

क्या इस दवा को एलोपैथिक दवाओं के साथ ले सकते हैं?

हाँ, ले सकते हैं। लेकिन दवाओं के सेवन में कुछ घंटों का गैप रखें।

क्या अविलतोलादि भस्म को होम्योपैथिक दवा के साथ ले सकते हैं?

ले तो सकते हैं। लेकिन इस से हो सकता है कि दोनों ही दवाएं काम नहीं करें। इसलिए, दवा के असर को देखना ज़रूरी है।

अविलतोलादि भस्म को कितनी बार लेना है?

  • इसे दिन में 2 बार बार लेना चाहिए।
  • इसे दिन के एक ही समय लेने की कोशिश करें।

क्या दवा की अधिकता नुक्सान कर सकती है?

दवाओं को सही मात्रा में लिया जाना चाहिए। ज्यादा मात्रा में दवा का सेवन साइड इफेक्ट्स कर सकता है।

क्या अविलतोलादि भस्म सुरक्षित है?

हां, सिफारिश की खुराक में लेने के लिए सुरक्षित है।

अविलतोलादि भस्म का मुख्य संकेत क्या है?

शरीर में पानी जमा होना।

अविलतोलादि भस्म का वात-पित्त या कफ पर क्या प्रभाव है?

  • वात कम करना।
  • पित्त वृद्धि करना।
  • कफ कम करना।

क्या इसमें गैर-हर्बल सामग्री शामिल है?

नहीं।

मैं यह दवा कब तक ले सकता हूँ?

आप इसे 2-4 महीने के लिए ले सकते हैं।

अविलतोलादि भस्म लेने का सबसे अच्छा समय क्या है?

इसे भोजन के बाद लिया जाना चाहिए एक ही समय में दैनिक रूप में लेने की कोशिश करें।

क्या अविलतोलादि भस्म एक आदत बनाने वाली दवा है?

नहीं।

क्या यह दिमाग की अलर्टनेस पर असर डालती है?

नहीं।

क्या अविलतोलादि भस्म लेने के दौरान ड्राइव करने के लिए सुरक्षित है?

हाँ।

क्या मैं इसे पीरियड्स के दौरान ले सकती हूँ?

नहीं।

क्या एक मधुमेह व्यक्ति इसे ले सकता है?

हाँ।

क्या उच्च रक्चाप / हाइपरटेंशन में इसे ले सकते है?

नहीं।

क्या मैं इसे गर्भावस्था के दौरान ले सकते हैं?

नहीं।

 दवा की एक्सपायरी डेट क्या है?

दवा यदि सही कंडीशन में स्टोर की गई है तो यह बनने के 5 साल तक ठाक रहती है।

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