अयस्कृति Ayaskriti in Hindi को मुख्य रूप से एनीमिया, वज़न घटाने के उपचार, त्वचा रोगों आदि में उपयोग किया जाता है। यह आमतौर पर दक्षिण भारतीय आयुर्वेद इस्तेमाल की जाती है और वहीँ की आयुर्वेदिक फार्मेसी इसे बनाती है। इसमें लौह एक घटक के रूप में होता है। संस्कृत में अयस शब्द लोहे के लिए प्रयोग किया जाता है। क्योंकि यह अयस अर्थात लोहे की कृति है इसलिए यह अयस्कृति है।
अयस्कृति के सेवन से शरीर में खून की कमी दूर होती है। यह पेशाब के रोगों और त्वचा के विकारों में फायदेमंद है। इसे ग्रहणी, मोटापा, खून की कमी, भूख नहीं लगना, पाइल्स आदि में निर्धारित किया जाता है।
यह पेज अयस्कृति के बारे में हिंदी में जानकारी देता है जैसे कि दवा का कम्पोज़िशन, उपयोग, लाभ/बेनेफिट्स/फायदे, कीमत, खुराक/ डोज/लेने का तरीका, दुष्प्रभाव/नुकसान/खतरे/साइड इफेक्ट्स/ और अन्य महत्वपूर्ण ज़रूरी जानकारी।
- अयस्कृति में मौजूद सामग्री क्या हैं?
- अयस्कृति के उपयोग upyog क्या हैं?
- अयस्कृति के फायदे faide क्या हैं?
- अयस्कृति के दुष्प्रभाव या नुकसान nuksan क्या हैं?
- अयस्कृति को कब नहीं लेते हैं?
- अयस्कृति के संभावित दवा interaction क्या हैं?
- अयस्कृति से जुड़ी चेतावनियां और सुझाव क्या हैं?
उत्पाद की जानकारी
- संदर्भ: चरक संहिता, सुश्रुत संहिता, अष्टांगहृदयम
- दवा का नाम: अयस्कृति Ayaskriti
- उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
- दवाई का प्रकार: हर्ब और मिनरल युक्त
- मुख्य उपयोग: मधुमेह, चयापचय विकार, मोटापा, इरीटेबल आंत्र सिंड्रोम, मालबॉस्पशन विकार, बवासीर, ल्यूकोडार्मा, और एनीमिया।
- मुख्य गुण: खून की कमी दूर करना
- दोष इफ़ेक्ट: वात और कफ कम करना
- गर्भावस्था में प्रयोग: बिना डॉक्टर की सलाह नहीं करें
अयस्कृति के घटक | Ingredients of Ayaskriti in Hindi
- Asana Pterocarpus marsupium (Ht. Wd.) 960 g
- Tinisha Anogeissus lactifolia (Ht. Wd.) 960 g
- Bhurja Betula utilis (St. Bk.) 960 g
- Shvetavaha Calotropis procera (St. Bk.) 960 g
- Prakirya (Lata Karanja) Sapindus trifoliatus (Sd.) 960 g
- Khadira Acacia catech (Ht. Wd.) 960 g
- Kadara (Shveta Khadira) Acacia polyentha (Ht. Wd.) 960 g
- Bhandi (Shirisha) (St. Bk.) 960 g
- Shishapa Dalbergia sisoo (Ht. Wd.) 960 g
- Meshashringi Prosopis spicegera (Lf.) 960 g
- Pitachandana Santalum album (Ht. Wd.) 960 g
- Raktachandana Pterocarpus santalinus (Ht. Wd.) 960 g
- Shvetacandana (Ht. Wd.) 960 g
- Tala Borassus flabellifer (Fl.) 960 g
- Palasha Butea monosperma (Sd.) 960 g
- Jongaka (Agaru) Aquilaris agallocha (Ht. Wd.) 960 g
- Shaka Grewia populifolia (Ht. Wd.) 960 g
- Shala Shorea robusta (Ht. Wd.) 960 g
- Kramuka Phyllanthus reticulates (Sd.) 960 g
- Dhava (St. Bk.) 960 g
- Kalinga (Kutaja) Holarrhena antidysenterica (Sd.) 960 g
- Chagakarna (Ajakarna) Acacia leucophloea (Ht. Wd.) 960 g
- Ashvakarna Cassia fistula (Ht. Wd.) 960 g
- Water for decoction 98. 304 l. reduced to 24. 576 l.
- Guda 9. 600 kg
Prakshepa Dravyas
- Kshaudra (Madhu) 1. 536 kg
- Vatsaka (Kutaja) Holarrhena antidysenterica (St. Bk.) 48 g
- Murva Marsdenia tenacissima (Rt.) 48 g
- Bharngi Clerodendron serratum (Rt.) 48 g
- Katuka Picrorrhiza kurroa (Rz.) 48 g
- Maricha Piper nigrum (Fr.) 48 g
- Ghunapriya (Ativisha) Aconitum heterophylum (Rt.) 48 g
- Gandira Coleus forskohlii (Rz.) 48 g
- Ela (Sukshmaila) Ela Elettaria cardamomum (Sd.) 48 g
- Patha (Rt.) 48 g
- Ajaji (Shveta jiraka) Carum carvi (Fr .) 48 g
- Katvanga (Araluka) phalam Oroxylum indicum (St. Bk.) 48 g
- Ajamoa (Ajamoda) Trchyspermum roxburghianum (Fr.) 48 g
- Siddhartha (Sarshapa) Brassica alba (Sd.) 48 g
- Vacha Acorus calamus (Rz.) 48 g
- Jiraka Cuminum cyminum (Fr.) 48 g
- Hingu Ferula foetida (Exd.) 48 g
- Vidanga Emblia ribes (Fr.) 48 g
- Pashugandha Cleome gynandra (Rt.) 48 g
- Pippali Piper longum (Fr.) 48 g
- Pippali mula Piper longum (Rt.) 48 g
- Chavya Piper retrofractum (St.) 48 g
- Chitraka Plumbago zeylanica (Rt.) 48 g
- Nagara (Shunthi) Zingiber officinale (Rz.) 48 g
- Tikshnaloha Patra (Lauha) Pure iron foil 768 g
Pralepana Dravyas – for internal coating
- Pippali Churna (Fr.) Q. S.
- Kshaudra Q. S.
- Ghrita Q. S. for external coating
- Jatu (Laksha) (Res. Enc) Q. S.
अयस्कृति के फायदे | Benefits of Ayaskriti in Hindi
- इसमें कृमिघ्न गुण है।
- इसमें मौजूद जड़ी बूटी त्वचा रोगों का इलाज करती है।
- यह एनीमिया में लाभप्रद है।
- यह कफ वात शामक है ।
- यह त्वचा रोगों में लाभप्रद है।
- यह दीपन है और पाचन को उत्तेजित करती है।
- यह पाचन, चयापचय और अव्शोष्ण में सुधार लाने वाली दवाई है।
- यह पेशाब रोगों में लाभप्रद है।
- यह रक्त शुद्ध करती है।
- यह लेखनीय है।
- यह शरीर में पानी के भराव, भून की कमी और मेटाबोलिज्म को सही कर वज़न कम करने में मदद करती है।
- यह शोथहर है और सूजन करती है।
बायोमेडिकल एक्शन
- Hypocholesterolemic: कोलेस्ट्रॉल कम करने।
- एंटीइन्फ्लेमेटरी: शरीर तंत्र पर अभिनय करके सूजन को कम करना।
- एंटीओबेसिटी: मोटापे को कम करता है।
- एंटी-हाइपरग्लेसेमिक: रक्त में ग्लूकोज के उच्च स्तर का परामर्श करना।
- एंटी-हाइपरलिपिडेमिक: रक्त में लिपिड के स्तर में कमी को बढ़ावा देना।
- एंथेलमिंटिक: एंटीपारासिटिक, परजीवी कीड़े (हेल्मिंथ्स) और शरीर से अन्य आंतरिक परजीवी निष्कासित करते हैं।
- एपेटाइज़र: भूख में सुधार होता है।
- कारमेनेटिव: गैस को रोकना या पेट फूलना का ठीक करना।
- पाचन: डाइजेस्टेंट।
- ब्रोंकोडाइलेटर: ब्रोंची और ब्रोंचीओल्स को शांत करता है, श्वसन वायुमार्ग में प्रतिरोध कम करता है और फेफड़ों में वायु प्रवाह बढ़ता है।
- हेपेटोप्रोटेक्टीव: यकृत की रक्षा करता है।
अयस्कृति के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Ayaskriti in Hindi
सुश्रुत और वागभट्ट द्वारा अयस्कृति को पांडु रोग (एनीमिया) के साथ पेशाब रोग में उपयोगी बताया गया है। प्रमेह के उपद्रव जैसे कमजोरी, एनोरेक्सिया, शारीरिक दर्), खांसी, शोष और एनीमिया आदि इसके सेवन से दूर होते है।
Ayaskriti तरल रूप में उपलब्ध है और मुख्य रूप से एनीमिया, वजन घटाने थेरेपी, त्वचा रोगों आदि में प्रयोग किया जाता है। इसमें एंटी-कफ गुण हैं।
- पाइल्स Arsha (Haemorrhoids)
- अरुचि Aruchi (Tastelessness)
- टॉनिक Blood tonic
- ग्रहणी Grahani (Malabsorption syndrome)
- कृमि Krimi (Helminthiasis/Worm infestation)
- कुष्ठ Kushtha (Diseases of skin)
- मेटाबोलिक रोग Metabolic disorders
- पांडू Pandu (Anaemia)
- प्रमेह Prameha (Urinary disorders)
- शिवित्र Shvitra (Leucoderma/Vitiligo)
- मोटापा Sthaulya (Obesity)
अयस्कृति की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Ayaskriti in Hindi
- इसे लेने की मात्रा 12-24 मिलीलीटर है।
- दवा को पानी की बराबर मात्रा के साथ-साथ मिलाकर लेना चाहिए।
- इसे सुबह नाश्ते के बाद और रात्रि के भोजन करने के बाद लें।
- इसे भोजन के 30 मिनट में बाद, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
- यह दवा बच्चों को भी दी जा सकती है। दवा की मात्रा बच्चे की आयु, स्वास्थ्य और वज़न पर निर्भर करती है। पांच साल के बच्चे को आधा टीस्पून दवा पानी में मिला कर दे सकते हैं।
- परिणाम सेवन के कुछ सप्ताह बाद मिलते हैं।
- या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
अयस्कृति के इस्तेमाल में सावधनियाँ | Cautions in Hindi
- इसमें लोहा है जिसकी अधिक मात्रा अनसेफ होती है।
- भोजन के लिए पुरानी जौ और गेहूं का उपयोग करें। चावल हानिकारक है।
- उचित खुराक उपयोगकर्ता की उम्र, स्वास्थ्य और कई अन्य स्थितियों जैसे कई कारकों पर निर्भर करती है। उचित खुराक निर्धारित करने के लिए पर्याप्त वैज्ञानिक जानकारी नहीं है।
- ध्यान रखें कि प्राकृतिक उत्पाद हमेशा सुरक्षित हों ऐसा जरूरी नहीं हैं।
- इसका इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह के आधार पर 1 से 2 महीने तक किया जा सकता है।
- उम्र और ताकत पर विचार करते हुए और किसी वैद्य की विशेषज्ञ सलाह के साथ, दवा का उचित अनुपात में उचित अनुपान के साथ इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
- इस औषधि को केवल विशिष्ट समय अवधि के लिए निर्धारित खुराक में लें।
- यह पित्त को बढ़ाता है। इसलिए पित्त प्रकृति के लोग इसका सेवन सावधानी से करें।
- दवा के सेवन के दौरान गरिष्ठ भोजन, घी, दूध, चीनी, चावल, आदि का सेवन न करें।
अयस्कृति के साइड-इफेक्ट्स | Side effects in Hindi
- निर्धारित खुराक में लेने से दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
- इससे कुछ लोगों में पेट में जलन हो सकती है।
- अधिक मात्रा में सेवन पेट में जलन, एसिडिटी, आदि समस्या कर सकता है।
अयस्कृति को कब प्रयोग न करें | Contraindications in Hindi
- शरीर में खून की अधिकता हो तो इसका प्रयोग नहीं करें।
- इसे गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान न लें।
- आयुर्वेद में उष्ण चीजों का सेवन गर्भावस्था में निषेध है। इसका सेवन गर्भावस्था में न करें।
- जिन्हें पेट में सूजन हो gastritis, वे इसका सेवन न करें।
- यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।
- समस्या अधिक है, तो डॉक्टर की राय प्राप्तकर सही उपचार कराएं जिससे रोग बिगड़े नहीं।
- पित्त के लक्षण हैं, तो इसका सेवन नहीं करें।
भंडारण निर्देश
- सूखी जगह में स्टोर करें।
- इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
दवा के बारे में पूछे जाने वाले कुछ सवाल
क्या इस दवा को एलोपैथिक दवाओं के साथ ले सकते हैं?
हाँ, ले सकते हैं। लेकिन दवाओं के सेवन में कुछ घंटों का गैप रखें।
क्या अयस्कृति को होम्योपैथिक दवा के साथ ले सकते हैं?
ले तो सकते हैं। लेकिन इस से हो सकता है कि दोनों ही दवाएं काम नहीं करें। इसलिए, दवा के असर को देखना ज़रूरी है।
अयस्कृति को कितनी बार लेना है?
- इसे दिन में 2 बार लेना चाहिए।
- इसे दिन के एक ही समय लेने की कोशिश करें।
क्या दवा की अधिकता नुकसान कर सकती है?
दवाओं को सही मात्रा में लिया जाना चाहिए। ज्यादा मात्रा में दवा का सेवन साइड इफेक्ट्स कर सकता है।
क्या अयस्कृति सुरक्षित है?
हां, सिफारिश की खुराक में लेने के लिए सुरक्षित है।
अयस्कृति का मुख्य संकेत क्या है?
खून की कमी, प्रमेह और मेटाबोलिक रोग।
अयस्कृति का वात-पित्त या कफ पर क्या प्रभाव है?
- वात कम करना।
- पित्त वृद्धि करना।
- कफ कम करना।
क्या इसमें गैर-हर्बल सामग्री शामिल है?
हाँ।
मैं यह दवा कब तक ले सकता हूँ?
आप इसे 1-2 महीने के लिए ले सकते हैं।
अयस्कृति लेने का सबसे अच्छा समय क्या है?
इसे भोजन के बाद लिया जाना चाहिए एक ही समय में दैनिक रूप में लेने की कोशिश करें।
क्या अयस्कृति एक आदत बनाने वाली दवा है?
नहीं।
क्या यह दिमाग की अलर्टनेस पर असर डालती है?
नहीं।
क्या अयस्कृति लेने के दौरान ड्राइव करने के लिए सुरक्षित है?
हाँ।
क्या मैं इसे पीरियड्स के दौरान ले सकती हूँ?
इसे लिया जा सकता है।
क्या इसे बच्चों को दे सकते हैं?
7 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए, आप इस दवा को कम मात्रा में दे सकते हैं। लेकिन सही स्वास्थ्य समस्या और सही खुराक जानने के लिए चिकित्सक की सलाह लेनी ज़रूरी है।
क्या इसे प्रेगनेंसी में ले सकते हैं?
प्रेगनेंसी में कोई भी दवा बिना डॉक्टर की सलाह के लेने से बचें। प्रेगनेंसी में हॉर्मोन लेवल में बहुत बदलाव होता है। इम्युनिटी भी कम हो जाती है। गर्भाशय में पल रहे शिशु तक भी दवा जाती है। इसलिए, कोई दवा कैसे शरीर पर असर करेगी यह कह नहीं सकते। इसके अतिरिक्त इस दवा के विषय में पर्याप्त शोध भी उपलब्ध नहीं है। इसलिए किसी भी तरह के दवा के सेवन से बचें।
Ayaskriti (Classical medicine) is Herbomineral Ayurvedic medicine. It is indicated in treatment of anemia, obesity, skin diseases, chronic urinary tract disorders, diabetes, ascites, . Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.
Pharmacies Making Ayaskriti
You can buy this medicine online or from medical stores. Since it is a classical medicine, it is manufactured by many Ayurvedic pharmacies of South India.
Name of some of the Ayurvedic Pharmacies manufacturing this medicine are given below:
- AVP Ayaskrithi
- Kerala Ayurveda Ayaskriti
- Kottakkal Arya Vaidya Sala Ayaskriti
- Nagarjuna Ayaskrithi (Ayaskriti)
- Vaidyaratnam Ayaskrithi
- and many other Ayurvedic pharmacies.