बैद्यनाथ च्यवनप्राश के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

बैद्यनाथ च्यवनप्राश, आयुर्वेदिक च्यवनप्राश है जो की 52 महत्वपूर्ण जड़ी-बूटियों से बना है। इसमें चांदी वर्क, मकरध्वज, शुक्ति भस्म, केसर आदि भी हैं जो की स्वास्थ्य को बेहतर बनाते है। इसका सेवन शरीर को शक्ति देता है और एजिंग के प्रभाव को रोकता है।

बैद्यनाथ च्यवनप्राश, आयुर्वेदिक च्यवनप्राश है जो की 52 महत्वपूर्ण जड़ी-बूटियों से बना है। इसमें चांदी वर्क, मकरध्वज, शुक्ति भस्म, केसर आदि भी हैं जो की स्वास्थ्य को बेहतर बनाते है। इसका सेवन शरीर को शक्ति देता है और एजिंग के प्रभाव को रोकता है। यह एक एंटी-ऑक्सीडेंट है और इम्युनिटी को बढ़ाता है। इम्युनिटी या रोग प्रतिरोधक क्षमता के बढ़ने से बार-बार होने वाले इन्फेक्शन जैसे की कोल्ड, कफ, जुखाम आदि से बचाव होता है। यह विटामिन सी का भी अच्छा स्रोत है। यह शरीर में अवाश्यक खनिजों की पूर्ती करता है। इसे बच्चे-बड़े सभी खा सकते हैं।

Chyawanprash is a very well-known Ayurvedic preparation referenced from Charak Samhita which describes it as \’foremost of all Rasayana\’. It is general health tonic that improves body immunity to fight diseases. Baidyanath Chyawanprash contains 54 ingredients including Silver, Makardhwaj, Shukti-Bhasma, Kesar etc.

Baidyanath Special Chyawanprash 1 Kg is available at Rs. 280.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

बैद्यनाथ च्यवनप्राश के घटक | Ingredients of Baidyanath Chyawanprash in Hindi

प्रत्येक 5 ग्राम में निम्न घटक हैं:

  • भुनी आंवला पिष्टी 1.067 gram
  • क्वाथ द्रव्य प्रत्येक 16.67 मि. ग्रा. : बेल की छाल अरणी मूल, सोनापाठा छाल, गंभारी छाल, पाटला छाल, मुद्गपर्णी, माषपर्णी शालिपर्णी, पृश्नीपर्णी, पीपल, गोखरू, छोटी कटेरी, बड़ी कटेरी, काकड़ासिंगी, भुईआंवला, मुनक्का, जीवन्ति, पुष्करमूल, अगर, गिलोय, बड़ी हर्रे, खरेटी पंचाग, ऋद्धि वृद्धि, जीवक, ऋषभक, कचूर, नागरमोथा, पुनर्नवा, मेदा, महामेदा, इलाइची, कमल, सफ़ेद चन्दन, विदारी कांड, अडूसा की जड़, क्षीर काकोली, काकनासा
  • प्रक्षेप द्रव्य:
  • पीपल एवं अभ्रक भस्म प्रत्येक 33.33 मि. ग्रा.
  • दालचीनी, छोटी इलाइची, तेजपात, एवं नागकेशर प्रत्येक 1.11 मि. ग्रा.
  • लौंग एवं मकरध्वज 8.33 मि. ग्रा.
  • वंश लोचन एवं शुक्ति भस्म प्रत्येक 26.67 मि. ग्रा.
  • चांदी वर्क 0.80 मि. ग्रा.
  • केसर 4.17 मि. ग्रा.
  • व शेष शर्करा

बैद्यनाथ च्यवनप्राश के फायदे | Benefits of Baidyanath Chyawanprash in Hindi

  • यह अत्यंत पौष्टिक है।
  • यह वज़न, कान्ति, और पाचन को बढ़ाता है।
  • यह दिमाग, नसों, मांस, आँखों, मलाशय आदि को शक्ति प्रदान करता है।
  • यह धातुओं को पुष्ट करता है।
  • यह शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
  • यह बार-बार होने वाले संक्रमण से बचाव करता है।
  • यह बच्चों और बड़ों सभी को ताकत देता है।
  • यह एक आयुर्वेदिक टॉनिक है।
  • बैद्यनाथ च्यवनप्राश में 54 घटक है।

बैद्यनाथ च्यवनप्राश के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Baidyanath Chyawanprash in Hindi

च्यवनप्राश एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-स्ट्रेस, रक्त-शोधक, यकृत और पाचन के लिए अच्छा, और कास सम्बन्धी रोगों के लिए अत्यंत लाभकारी है। इसे रसायन, मेद्य, स्मृतिप्रद, और दिमाग के लिए टॉनिक माना गया है। इसके सेवन से पाचन में वृद्धि होती है।

  • कास/खांसी Cough
  • दमा / अस्थमा Dyspnoea
  • स्वरभेद/आवाज का स्वर बैठना Hoarseness of voice
  • हृदय रोग Heart disease
  • अग्निमांद्य Digestive impairment
  • छाती के रोग Disease of thorax
  • गाउट Gout
  • प्यास Thirst
  • मूत्र रोग Urinary diseases
  • शुक्र दोष/वीर्य की ख़राबी Vitiation of semen
  • बुढ़ापा Progeriasis
  • पुराना बुखार chronic fever
  • बीमारी के बाद कमजोरी

सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Baidyanath Chyawanprash in Hindi

  • 1 चम्मच दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
  • इसे लेने के बाद एक गिलास गर्म दूध का सेवन करें।
  • एक दिन में 24 ग्राम तक ही लिया जाना चाहिए।
  • च्यवनप्राश सभी के लिए फायदेमंद है।
  • इसे भोजन करने के बाद लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।

च्यवनप्राश प्रकृति में उष्ण या गर्म warming in potency होता है। यह पित्त में वृद्धि increases pitta करता है। इसलिए जिन लोगों में अधिक पित्त बनता है, पित्त विकार है उन्हें इसे कम मात्रा में लेना चाहिए। इसके अतिरिक्त यह पचने में भारी है। डायरिया और पेप्टिक अल्सर में इसका प्रयोग सावधानी से किया जाना चाहिए।

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