चन्द्रकला रस के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

चन्द्रकला रस, हर तरह के पित्त-विकार और वात-पित्त-विकारों में लाभप्रद है. यह शरीर में गर्मी बढ़ जाने से जो रोग होते हैं जैसे की शरीर में जलन, हाथ-पैर में जलन, नाक से खून आना, उलटी होना, आँखें लाल हो जाना, रक्तचाप में वृद्धि हो जाना, भ्रम, बेहोशी, आदि को दूर करता है. स्त्रियों के रक्त-प्रदर, श्वेत प्रदर, जलन, चक्कर आना, भूख न लगना, तथा अन्य उपद्रव जो पित्त के बढ़ने के साथ हो उसमें भी यह दवा दी जाती है

चन्द्रकला रस एक आयुर्वेदिक रस-औषधि है जिसमें रस, पारा है। पारे को ही आयुर्वेद में रस या पारद कहा जाता है और बहुत सी दवाओं के निर्माण में प्रयोग किया जाता है। रस औषधियां शरीर पर शीघ्र प्रभाव डालती हैं। इन्हें डॉक्टर की देख-रेख में ही लेना सही रहता है। रस औषधियों के निर्माण में शुद्ध पारे और शुद्ध गंधक को मिलाकर पहले कज्जली बनायी जाती है जो की काले रंग की होती है।

रासायनिक रूप से कज्जली, ब्लैक सल्फाइड ऑफ़ मरक्युरी है। कज्जली को रसायन माना गया है जो की त्रिदोष को संतुलित करती है। यदि इसे अन्य उपयुक्त घटकों के साथ मिलाकर दवा बनाई जाती है तो यह लगभग हर रोग को दूर कर सकती है। कज्जली वाजीकारक, रसायन, योगवाही है।

चन्द्रकला रस, हर तरह के पित्त-विकार और वात-पित्त-विकारों में लाभप्रद है. यह शरीर में गर्मी बढ़ जाने से जो रोग होते हैं जैसे की शरीर में जलन, हाथ-पैर में जलन, नाक से खून आना, उलटी होना, आँखें लाल हो जाना, रक्तचाप में वृद्धि हो जाना, भ्रम, बेहोशी, आदि को दूर करता है. स्त्रियों के रक्त-प्रदर, श्वेत प्रदर, जलन, चक्कर आना, भूख न लगना, तथा अन्य उपद्रव जो पित्त के बढ़ने के साथ हो उसमें भी यह दवा दी जाती है।

गर्मीं के दिनों में आँखे लाल होना, नाक-मुंह से खून गिरना, अधिक प्यास लगना, पित्त के बढ़ जाने में यह दवा बहुत लाभ करती है.

Chandrakala Ras is a herbomineral Ayurvedic medicine indicated in treatment of diseases due to vitiation of Pitta and Vata-pitta Dosha. It is cool in potency and gives relief in condition that occur due to excess heat in body. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

चन्द्रकला रस के घटक योगरत्नाकर मूत्रकृच्छचिकित्सा | Ingredients of Chandrakala Ras in Hindi

  • शुद्ध पारद Sutaka (Parada) Shuddha 12 g
  • ताम्र भस्म Tamra Bhasma 12 g
  • अभ्रक भस्म Abhraka bhasma 12 g
  • शुद्ध गंधक Gandhaka Shuddha 24 g
  • मोथा काढ़ा Musta – kvatha (Rz.) Q.S. Bhavana 7 times
  • अनार रस Dadima- svarasa (Fr.) Q.S. Bhavana 7 times
  • दुर्वा रस Durva – svarasa (Pl.) Q.S. Bhavana 7 times
  • केतकी रस Ketaki – svarasa (Rt.) Q.S. Bhavana 7 times
  • गोदुग्ध Stanaja drava (Godugdha) Q.S. Bhavana 7 times
  • सहदेवी Sahadevi (Pl.) Q.S. Bhavana 7 times
  • एलो वेरा Kumari (Lf.) Q.S. Bhavana 7 times
  • पर्पटा Parpata (Pl.) Q.S. Bhavana 7 times
  • लाल साग Ramashitalika- toya (Pl.) Q.S. Bhavana 7 times
  • शातावर Shatavari – rasa (Rt. Tr.) Q.S. Bhavana 7 times
  • कटुकी Tikta (Katuka) (Rt./Rz.) 12 g
  • गिलोय Guduci sattva (Guduci) (St.) 12 g
  • पर्पटा Parpata (Pl.) 12 g
  • उशीर Ushira (Rt.) 12 g
  • माधवी Madhavi (Fl.) 12 g
  • सफ़ेद चन्दन Shrigandha (Shvetacandana) (Ht. Wd.) 12 g
  • सफ़ेद सारिवा Sariva (Shveta Sariva) (Rt.) 12 g
  • मुनक्का Draksha – kashaya (Dr. Fr.) Q.S. Bhavana 7 times

चन्द्रकला रस के फायदे | Benefits of Chandrakala Ras in Hindi

  • यह रक्तस्तंभक, शीत वीर्य, मूत्रल और पित्तशामक है।
  • यह शरीर के अन्दर और बाहर की जलन को दूर करने वाली दावा है।
  • यह शरीर के भीतर अधिक गर्मी के कारण होने वाले रोगों को नष्ट करती है।
  • यह यह पेशाब की जलन, दर्द, कम पेशाब, जैसी समस्याओं को दूर करने वाली औषधि है।
  • यह तासीर में ठंडी दवा है और शरीर में पित्त, वात-पित्त को शांत करती है।
  • यह पित्त दोष की उष्णता को दूर करती है।
  • यह पित्त प्रकृति के लोगों के लिए बहुत उपयोगी दवा है।
  • यह रक्तपित्त, रक्त-स्राव, पित्तजन्य प्रमेह, मूत्र रोगों और स्त्रियों के प्रदर रोग में बहुत अच्छे परिणाम देती है।

चन्द्रकला रस के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Chandrakala Ras in Hindi

  • सभी पित्त रोग (All diseases due to Pitta Dosha)
  • वात-पित्त रोग (Disease due to Vata Dosha and Pitta Dosha)
  • शरीर के अन्दर जलन (Internal Burning sensation)
  • हाथ-पैर आदि में जलन (Burning sensation )
  • बुखार (Severe body temperature/ Fever)
  • भ्रम (Vertigo)
  • मूत्रकृच्छ (Dysuria)
  • खून की उल्टी (Haematemesis)
  • रक्त प्रदर (Menorrhagia or Metrorrhagia or both)
  • रक्त-पित्त (Bleeding from orifices of the upper part of the body)

चन्द्रकला रस की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Chandrakala Ras in Hindi

  • 1-2 गोली, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
  • इसे ठन्डे पानी / अनार के रस / उशीरसव / पेठे के रस के साथ लें।
  • इसे भोजन करने के बाद लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।

Ayurvedic medicines containing detoxified, toxic material/ poisonous substances, heavy metals should be taken only under medical supervision

You can buy this medicine online or from medical stores.

This medicine is manufactured by Baidyanath (Chandrakala Ras), Manil (Chandrakala Ras), Shri Dhootapapeshwar Limited (Chandrakala Rasa), Unjha (Chandrakala Ras) and many other Ayurvedic pharmacies.

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