चौंसठप्रहरी पीपल के फायदे, नुकसान और प्रयोग

इस प्रकार चौंसठप्रहरी पीपल के निर्माण के लिए पिप्पली का इसके रस में करीब १९२ घंटे तक मर्दन किया जाता है और फिर सुखा कर पीस करके के सुरक्षित कर दिया जाता है।

चौंसठप्रहरी पीपल एक आयुर्वेदिक हर्बल औषधि है जिसे पिप्पली Long pepper से बनाया जाता है। पिप्पली को उसी के रस में ६४ प्रहर तक घोंटा जाता है। प्रहर Prahar संस्कृत में समय की यूनिट है और १ प्रहर में लगभग ३ घंटे होते हैं। इस प्रकार चौंसठप्रहरी पीपल के निर्माण के लिए पिप्पली का इसके रस में करीब १९२ घंटे तक मर्दन किया जाता है और फिर सुखा कर पीस करके के सुरक्षित कर दिया जाता है। इस दवा को इस प्रकार से बनाने से इसमें औषधीय गुणों की वृद्धि हो जाती है। इस दवा में पिप्पली के सभी औषधीय गुण पाए जाते हैं।

Chousath Prahari pipal/Chausashta Prahar pippali is herbal Ayurvedic medicine containing Pippali/Long pepper (Piper longum). This medicine is indicated in respiratory and digestive ailments. Its intake improves digestion and cures indigestion and low appetite. It also cures excessive phlegm in body.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

चौंसठप्रहरी पीपल के घटक | Ingredients of Chausath Prahari Pipal in Hindi

बराबर मात्रा में छोटी पीपल का चूर्ण, बड़ी पीपल का फाँट।

छोटी पीपल का चूर्ण, बड़ी पीपल के फाँट में मिला लिया जाता है और फिर खरल में डाल कर ८ दिन तक घोंटा जाता है। इसके बाद इसे छाया में सुखाकर सुरक्षित रख लिया जाता है।

चौंसठप्रहरी पीपल के लाभ | Benefits of Chausath Prahari Pipal in Hindi

चौंसठप्रहरी पीपल में पिप्पली के सारे गुण पाए जाते है। पिप्पली की इसी के रस में घुटाई करने से इसके औषधीय गुण बढ़ जाते हैं और जिससे कम मात्रा में लेने से ही अच्छे परिणाम मिलते है।

  • यह वात और कफ को कम करता है और पित्त को बढ़ाता है।
  • इसके सेवन से पाचक पित्त में बढ़ोतरी होती है और मंदाग्नि digestive impairment और भूख न लगना low appetite आदि समस्या दूर होती हैं।
  • यह कफ excessive cough और उससे सम्बंधित रोगों को ठीक करता है।
  • दिल की कमजोरी में इसके सेवन से दिल को बल मिलता है।
  • इसके सेवन से शरीर में गर्मी heating आती है।

चौंसठप्रहरी पीपल के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Chausath Prahari Pipal in Hindi

चौंसठप्रहरी पीपल वात और कफ के कारण होने वाले रोगों में प्रयोग की जाती है। यह कास, श्वास, शीत ज्वर, कफ ज्वर, जीर्ण ज्वर आदि दी जाती है। अग्निमांद्य, अरुचि, पाचक पित्त की कमी में यह विशेष रूप से उपयोगी है।

यह माताओं में दुग्ध की वृद्धि करती है। बेहोशी होने पर चौंसठप्रहरी पीपल का नस्य (नाक में डालना) की तरह प्रयोग करते हैं।

  • हिक्का, क्षय
  • श्वास, कास
  • पेट रोग, भूख न लगना, मन्दाग्नि
  • पुराना बुखार
  • खून की कमी
  • शूल, प्लीहा वृद्धि, आमवात, कमर में दर्दमूत्र विकार आदि

चौंसठप्रहरी पीपल की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Chausath Prahari Pipal in Hindi

  • 250mg-500mg दिन में दो बार लें।
  • इसे शहद के साथ लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
  • इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।

This medicine is manufactured by Baidyanath (Chausath Prahari Pipal), Dabur (Chatushasthi Prahari Pippali), Unjha (Chausath Prahari Pippali), BAPS Swaminarayan Herbal Care (Chosath Prahari Pippal Churna) and many other Ayurvedic pharmacies.

5 thoughts on “चौंसठप्रहरी पीपल के फायदे, नुकसान और प्रयोग

  1. Its really effective..i am suffering from chronic problem of nasal congestion..i am continuing this medicine from 10-15 days and observed drastic positive impact..specially when consume in night with honey just before going to bed.
    Since my problem is chronic so i feel i need to continue this medicine for a long period to ompletely cure the nasal problem.
    So, I need expert advice how long i can continue CHOSAT PRAHARI PIPAL?

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