दाड़िमादि घृत एक आयुर्वेदिक घी है, विशेष रूप से अपच, पित्त-विकार, स्प्रू, बवासीर, मिर्गी, माइग्रेन, सिरदर्द, माथे में दर्द, आंखों के रोग, और गर्भाशय के विभिन्न रोगों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है।
दाड़िमादि घृत एक आयुर्वेदिक औषधीय-घी है। दाड़िमादि घृतम में मुख्य संघटक दाड़िम है। दाड़िम, अनार का संस्कृत नाम है। यह हीमोग्लोबिन लेवल में सुधार के गुणों के लिए बहुत ही जाना-माना फल है। अनार दिल और पाचन तंत्र के लिए अच्छा होता है। दाड़िमादि घृत मुख्य रूप से पांडु (आयरन की कमी / रक्ताल्पता) के इलाज में प्रयोग किया जाता है।
Dadimadi Ghrita is a polyherbal Ayurvedic ghee. This medicated ghee is prepared from pomegranate seed, coriander seeds, Chitrak, dry ginger powder, long pepper and cow ghee. The chief ingredients in this medicine are pomegranate which is known as Dadim in Sanskrit and Go-ghrit. It is a nutritious tonic that cures anemia and gives strength to body. The intake of this medicine improves Hb level and cures digestive disorders.
Here information is given about complete list of ingredients, properties, uses and dosage of this medicine in Hindi language.
दाड़िमादि घृत, गर्भिणी पांडु (गर्भावस्था में एनीमिया) के इलाज के लिए भी दिया जाता है। एक अध्ययन में गर्भावस्था में एनीमिया से पीड़ित कुल 35 महिलाओं को 30 दिन के लिए एक कप गर्म पानी में दाड़िमादि घृत दिए गए। अध्ययन ये सिध्ध किया की गर्भावस्था में एनीमिया/पांडु पर इस घी का अच्छा प्रभाव पड़ता है। यह भ्रूण और गर्भवती महिला के लिए किसी भी तरह का नुकसान नहीं करता अपितु पाचन शक्ति को बढाता है और और गर्भवती महिला को पोषण देता है। यह बच्चे की सही विकास में भी मदद करता है। घी होने के कारण यह प्रसव को आसान करता है।
आयुर्वेदिक घी, विशेष रूप से अपच, पित्त-विकार, स्प्रू, बवासीर, मिर्गी, माइग्रेन, सिरदर्द, माथे में दर्द, आंखों के रोग, और गर्भाशय के विभिन्न रोगों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है।
नीचे इस दवा के घटक, गुण, सेवनविधि, लाभ और मात्रा के बारे में जानकारी दी गयी है।
दाड़िमादि घृत के घटक | Ingredients of Dadimadi Ghrita in Hindi
- Dadima दाड़िम Punica granatum Dr. Sd. 192 g
- Dhanya (Dhanyaka) धनिया Coriandrum sativam Fr. 96 g
- Citraka चित्रक Plumbago zeylanica Rt. 48 g
- Shringavera (Shunthi) सोंठ Zingiber officinale Rz. 48 g
- Pippali पिप्पली Piper nigrum Fr. 24 g
- Ghrita (Goghrita गो-घृत) Clarified butter from cow’s milk 960 g
- Jala पानी Water 3.072 लीटर
Lf. =Leaf; P. =Pericarp; Rt. =Root; Fr. =Fruit; Rz. =Rhizome; Sd.= Seeds; St. =Stem; St. Bk.= Stem Bark; Fl. Bd. =Flower Bud.
दाड़िमादि घृत के लाभ | Dadimadi Ghrita Health benefits in Hindi
- यह रक्ताल्पता को दूर करता है। cures iron deficiency.
- यह पौष्टिक रसायन है। tonic.
- गर्भावस्था में माँ और बच्चे दोनों को अच्छा स्वास्थ्य देता है। improves health.
- घी के प्रभाव के कारण यह प्रसव को आसान बनाता है। make labour easier.
- यह पाचन को सही करता है और कब्ज़ को दूर करता है। improves digestion and cures constipation.
- यह दिमाग, दिल, पाचन तंत्र और मांसपेशियों को बल देता है। gives strength to brain, heart, digestive system and muscles.
- यह आंतरिक स्नेहन करता है। does the internal oleation.
दाड़िमादि घृत के चिकित्सीय उपयोग | Dadimadi Ghrita Usase in Hindi
- पांडू खून की कमी (anemia)
- गुल्म (abdominal lump)
- प्लीहा रोग (splenic disease)
- हृदय रोग (heart disease)
- अर्श (piles)
- परिणामशूल (duodenal ulcer)
- गर्भिणी रोग (diseases during pregnancy)
- वात- कफरोग (disease due to Vata Dosha and Kapha Dosha)
- अग्निमांद्य (digestive impairment)
- श्वास (asthma)
- कास (cough)
- Obstructed movement of Vata Dosha
- बांध्याता (infertility)
- प्रसव की दिक्कत (difficult labour)
दाड़िमादि घृत की सेवनविधि और मात्रा How to take and dosage in Hindi
- इस दवा को 6 to 12 gm की मात्रा में लिया जाना चाहिये।
- इसे दिन में एक से दो बार लिया जा सकता है।
- इसे एक कप गर्म पानी के साथ लिया जाना चाहिये।
Where to buy
आप इस दवा को सभी फार्मेसी दुकानों पर या ऑनलाइन खरीद सकते हैं।