Divya Hridyamrit vati is Ayurvedic medicine from Swami Ramdev’s Divya pharmacy. This medicine is useful in all types of heart diseases. This medicine is cardiotonic, and supports cardiovascular health.
Here information is given about complete list of ingredients, properties, uses and dosage of this medicine in Hindi language.
हृदयामृत वटी, स्वामी रामदेव की पतंजलि दिव्य फार्मेसी में निर्मित आयुर्वेदिक दवा है। हृदयामृत वटी का सेवन हृदय रोग या दिल की बीमारियों के उपचार के लिए किया जाता है। यह दवा दिल की मांसपेशियों को शक्ति प्रदान करती है और दिल की बीमारियों से संबंधित जटिलताओं को रोकने में मदद करती है। यह दिल की बीमारियों के लिए एक प्राकृतिक उपचार है।
हृदयामृत वटी प्राकृतिक अवयवों से बनी है। इस दवा की सभी जड़ी बूटियों हृदय की मांसपेशियों को ताकत देतीं है और उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करती हैं।
नीचे इस दवा के घटक, गुण, सेवनविधि, और मात्रा के बारे में जानकारी दी गयी है.
घटक Ingredients of Divya Hridyamrit vati
S.No. | Common name | Latin Name/ | Part Used | Qty (mg) |
Indications of ingredients |
1. | अर्जुन छाल | Terminalia arjuna | Bark | 157.61 | Hridhay |
2. | निर्गुन्डी | Vitex negundo | Panchag | 11 | Vathar, Vednasthapan |
3. | रसना | Pluchea lanceolata | Panchag | 11 | Vathar, |
4. | मकोय | Solanum nigrum | Beej | 11 | Hridyarog, Rasayan |
5. | गिलोय | Tinospora cordifolia | Stem | 11 | Rasayan, Balya |
6. | पुनर्नवा | Boerhaavia diffusa | Root | 11 | Hridyarog, |
7. | चित्रक | Plumbago zeylanica | Root | 11 | Rasyan Vathar |
8. | मोथा | Cyperus rotundus | Root | 11 | Vatanulomak |
9. | विडंग | Embelia ribes | Beej | 11 | Vatanulomak, Balyrasayan |
10. | छोटी हरीतकी | Terminalia chebula | Fruit | 11 | Mardu, verechan |
11 | अश्वगंधा | Withania somnifera | Root | 11 | Balya , rasayan |
12 | शिलाजीत | Asphaltum | 11 | Rasyan | |
13 | गुग्गुलु | Commiphora mukul | 21 | Hridyarog | |
14 | संगेयशव पिष्टी | 0.1 | Hridyarog | ||
15 | अकीक पिष्टी | 0.1 | Hridyarog | ||
16 | मोती पिष्टी | Mytilus margaratferus | 0.05 | Rasayan | |
17 | हीरक भस्म | 0.005 | Balya , rasayan | ||
18 | रजत भस्म | Argentinum | 0.03 | Balya , rasayan | |
19 | जहरमोहरा पिष्टी | Incinerated oxide of Mg silicate | 0.005 | Hridyarog |
Excipients: Gum acacia, Talcum, Aerosil, Magnesium sterate Q.S.
अर्जुन की छाल (टर्मीनेलिया अर्जुन): इस औषधी का मुख्य घटक अर्जुन है। अर्जुन की छाल का प्रयोग हृदय रोग के इलाज के लिए आयुर्वेद में बहुत पुराने समय से होता आया है। इसका प्रयोग बहुत सी हर्बल दवाईयों को बनाने में भी होता है। यह हृदय की मांसपेशियों के सामान्य कामकाज में मदद करता है और मांसपेशियों को ताकत प्रदान करता है।
- निर्गुन्डी (विटेक्स निगुनडो): यह हृदय की मांसपेशियों को ताकत देता है।
- रसना (प्लुशिया लानसियोलाटा): यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखने के लिए और दिल की धमनियों के ब्लोकेज रोकने में मदद करता है।
- मकोय (सोलेनम निग्रम): यह दिल की मांसपेशियों के लिए एक प्राकृतिक टॉनिक है। यह दिल की मांसपेशियों को शक्ति देता है और कुशलता से शरीर के सभी भागों में रक्त की आपूर्ति करने में मदद करता है।
- गिलोय (टीनोस्पोरा कोरडीफ़ोलिया): गिलोय एक पारंपरिक जड़ी बूटी है जो हृदय सहित पूरे शरीर पर अच्छा प्रभाव डालती है।
- पुनर्नवा: पुनर्नवा उच्च रक्तचाप के इलाज में बहुत कारगर है और यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित करने के लिए उपयोगी है। यह दिल को ऑक्सीजन और रक्त की आपूर्ति बढ़ा, हृदय की समस्याओं से बचाता है।
- चित्रक : यह दिल का दौरा और अन्य हृदय रोगों से बचाता है।
- नागरमोथा: यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल को बढने से रोकने में मदद करता है।
- विडंग : विडंग शरीर में ऊर्जा को बढ़ाता और हृदय रोग से बचाता है।
- हरीतकी: यह दिल और पाचन समस्याओं के लिए एक उपयोगी हर्ब है।
- अश्वगंधा: अश्वगंधा एक टॉनिक है जो शरीर की कोशिकाओं को उचित पोषण की आपूर्ति और पूरे शरीर में रक्त का उचित संचलन में मदद करता है।
- शिलाजीत : यह शरीर की प्रतिरक्षा को बढ़ा देता है।
- गुग्गुलु : यह हृदय के ऊतकों को पोषण प्रदान करता है और हृदय की समस्याओं को रोकने में मदद करता है तथा रक्तचाप को संतुलित करने में मदद करता है।
संगेयशव पिष्टी, अकीक पिष्टी, मुक्ता पिष्टी और जहरमोहरा पिष्टी: यह सभी दिल की समस्या के लिए उपयोगी है।
हीरक भस्म और रजत भस्म, एक प्राकृतिक टॉनिक हैं और हृदय की मांसपेशियों को शक्ति प्रदान कर सामान्य कामकाज में मदद करते हैं।
मुख्य गुणधर्म और उपयोग Qualities and therapeutic uses
हृदयामृत वटी, दिल को ताकत देता है और धमिनियों के ब्लोकेज को दूर करता है। यह रक्त में बढे कोलेस्ट्रोल को भी नियंत्रित करता है। Angina में भी ये लाभकारी है।
हृदयामृत वटी के लाभ
- दिल की बीमारियों को रोकने में मदद करता है।
- एनजाइना angina, हृदय रोग coronary heart disease, दिल की वाल्वुलर रोग valvular disease of the heart, myocardial infarction, आदि में उपयोगी है
- शरीर पर कोई अवांछित प्रभाव नहीं करते।
- यह उच्च रक्तचाप को कम करने में तथा दिल का दौरा पड़ने से रोकने के लिए मदद करती है।
- धमनियों से जमा वसा को दूर करने में मदद करता है।
सेवनविधि और मात्रा How to take and dosage
- १-२ गोली, दिन में दो बार.
- सुबह और शाम दूध या गुनगुने पानी या अर्जुन क्वाथ के साथ.
Where to buy
आप इस दवा को सभी फार्मेसी दुकानों पर या ऑनलाइन खरीद सकते हैं।
प्रिवेंसन के लिए ,बिना डिसीस के इसे कब तक लिया जा सकता है
meri problem haath me dard aaana raat ko and baah me dard aana me kon c medicine lo
Kya low BP me kam karega
Cholesterol ko kam karne ke liye iska upyog kar sakte hai???
क्या इस टैब्लेट को बिना डाक्टर की सलाह के ले सकते हे ?
haan, lekin achchha hoga kisi ayurvedic dr ko dikha len
kya ise pathri stone rogi le sakta hai isse pathari to nahi badhegi
बहुत सही टेबलेट ह हदय के लिय
This ayurvedic medicine is giving satisfactory results. I found it satisfactory as I am using this even after my cabg surgery. I think it is useful as maintanance dose even with usage of allopathy medicines.