Divya Swasari Ras is Ayurvedic Proprietary Medicine from Swami Ramdev’s Divya pharmacy. It is a medicine to treat respiratory ailments.
Here information is given about complete list of ingredients, properties, uses and dosage of this medicine in Hindi language.
दिव्य श्वासारि रस, स्वामी रामदेव की पतंजलि दिव्य फार्मेसी में निर्मित आयुर्वेदिक दवा है। यह दवा प्राकृतिक जड़ी बूटियों और खनिजों से बनी है तथा इसका प्रयोग सांस सम्बन्धी respiratory ailment बिमारियों जैसे की सांस लेने में कठिनाई, difficult breathing, खाँसी coughing, श्वास रोग asthma, दमा, गले के विकारों throat disorders आदि में किया जाता है। यह दवा विशेषतः अस्थमा के उपचार में उपयोगी है। इस दवा के सेवन से श्वसन अंग respiratory organs के सही तरह से कार्य करने मे मदद मिलती है।
नीचे इस दवा के घटक, गुण, सेवनविधि, और मात्रा के बारे में जानकारी दी गयी है।
मुख्य गुणधर्म और उपयोग Qualities and therapeutic uses
श्वासारि रस का सेवन फेफड़ों की कोशिकाओं को और अधिक सक्रिय बनाता है, और ब्रांकिओल्स और ब्रांकाई की सूजन को दूर करता है। यह फेफड़ों lungs मे जमे कफ़ को बाहर निकलता है। इसके सेवन से सिर मे भारिपन, साइनसाइटिस, खांसी, जुखाम, सर्दी, अस्थमा, छींकने, आदि मे विशेश लाभ होता है।
दिव्य श्वासारि रस के लाभ
- सांस की कोशिकाओं को पोषण प्रदान करना
- फेफड़ों lungs के सही काम करने मे मदद
- सांस की सभी बीमारियों के इलाज में मदद
- अस्थमा/दमा का प्राकृतिक उपचार Asthma
- शरीर के प्रतिरोध immunity में सुधार
- छाती में श्लेष्मा cough/phlegm के अत्यधिक संचय को नष्ट करने में सहायक
- सीने में श्लेष्मा के आगे विकास को रोकने में मदद
सेवनविधि और मात्रा How to take and dosage
- आप इसकी 500 मिलीग्राम से 1 ग्राम तक की मात्रा, एक दिन में दो या तीन बार ले सकते है।
- इसे खाने से आधे घंटे पहले, शहद या गर्म पानी के साथ लिया जाना चाहिए।
- इसे भोजन के बाद लिया जा सकता है।
घटक Ingredients of Divya Swasari Ras
Each 5.0 g contains
S.No. | Hindi Name | Latin Name | Part used | Qty (mg) |
Indications |
1 | Mulethi मुलेठी | Glycyrrhiza glabra | Root | 875 | Kaphshamak |
2 | Lavang लवंग | Syzygium aromaticum | Dried bud | 500 | Kaph, svas |
3 | Dalchini दालचीनी | Cinnamomum zeylanicum | Steem bark | 500 | Vat- pitnashak |
4 | Kakdasingi काकड़ासिंगी | Pistacia integerrima | Galls | 500 | kaphnashak |
5 | Rudenti phal रुदंती फल | Cressa cretica | Fruit | 500 | Rasayan, Cough, Svas |
6 | Sonth सोंठ | Zingiber officinale | Rhizome | 375 | Svas, Cough |
7 | Marich मारीचा | Piper nigrum | Fruit | 375 | Svas |
8 | Chhoti pipal पिप्पली | Piper longum | Fruit | 375 | Svas, cough. |
9 | Abhark bhasma अभ्रक भस्म | Talcum | —– | 250 | Kapha roga, Svas, kasa |
10 | Mukta shukti bhamsa मुक्त शुक्ति भस्म | Ostrea edulis | —– | 250 | Pittashamak, daurbalya |
11 | Godanti bhasma गोदंती भस्म | Hydrated calcium sulphate | —— | 250 | Kasa, svas |
12 | Kapardak bhasma कपर्दक भस्म | Calcined cowries | —— | 250 | Svas, kapha |
I want to ask that why ramdev baba added DAHUTARA in this swasriras doesn’t he know that Dahtura is poison and its not good for health. One can see in the ingredients on the bottle mentioning Dhatura in it. This syrup is not good for long run. You here have also not mentioned that swasri Ras includes Dhatura.
आयुर्वेद औषधियों में पारा (मरक्यूरी), धतूरा, कवंच बीज इत्यादि बहुत सारी धातुए/वनस्पति उपयोग मे ली जाती है जो स्वभाव से जहरीली होती है। पर आयुर्वेद में इनका उपयोग सीधा सीधा नही किया जाता बल्कि एक लंबी शुद्धि प्रक्रिया के बाद जब इनका जहर निकल जाता है तब वो उपयोग में ली जाती है।
I had my lung full of cough and sore throat unable to speak in proper voice my head completely disturbed
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Thank you for this positive view on this harbal product. Medicine or not that’s a different issue. Hundreds of herbs available in Indian sub-Continent but most of the people, unaware of it due to Non-promotion of this Herbal knowledge among mass in a Prefabricated way by Pharmaceutical behemoths throughout the world. I have seen the use of various herbs by marginalised people in Eastern Region.
Thanks