एकांगवीर रस के सेवन से लकवे, अर्दितवात, गृध्रसी, आधे शरीर के पक्षाघात, समेत सभी वात- विकारों में लाभ होता है।
एकांगवीर रस, एक रस औषधि है जो की रस-सिन्दूर, गंधक, त्रिकटू और बहुत तरह की भस्मों से बनाई गई है। इसे बनाने में बहुत सी जड़ी बूटियों का रस भावना देने के लिए प्रयोग किया गया है। यह वात-विकारों की अच्छी औषधि है। इसे विशेषतः एकांगवात, पक्षाघात(लकवा) के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके सेवन से लकवे, अर्दितवात, गृध्रसी, आधे शरीर के पक्षाघात, समेत सभी वात- विकारों में लाभ होता है।
यह दवा किटाणुनाशक, विष को दूर करने वाली और कफ-वात एवं वात विकारों को नष्ट करने वाली है। यह रक्त की विकृति को दूर करती है और वात नाड़ियों को ताकत देती है। इसके सेवन से हृदय को बल मिलता है।
Ekangveer Ras is a herbomineral Ayurvedic medicine. It is used in treatment of Vata-Vikar. It is especially used in treatment of Paralysis, facial paralysis and hemiplegia. It cures vitiation of blood and Vata. It is indicated in treatment of diseases that occur due to vitiation of blood, Vata or Kapha-Vata.
Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.
एकांगवीर रस के घटक | Ingredients of Ekangveer Ras in Hindi
- गंधक शुद्ध 1 Part
- रस -सिंदूर 1 Part
- कांटा लौह (Lauha) भस्म 1 Part
- वंग भस्म 1 Part
- नाग भस्म 1 Part
- ताम्र भस्म 1 Part
- अभृ (अभ्रका ) भस्म 1 Part
- तीक्ष्ण लौह भस्म 1 Part
- नगर (शुंठी ) (Rz.) 1 Part
- मरीचा (Fr.) 1 Part
- पिप्पली (Fr.) 1 Part
- त्रिफला ) क्वाथ (P.) Q.S. 3 भावना
- व्योष द्रव (त्रिकटु ) क्वाथ Q.S. 3 भावना
- शुंठी (Rz.)
- पिप्पली (Fr.)
- मरीचा (Fr.)
- निर्गुण्डी क्वाथ (Lf.) Q.S. 3 भावना
- चित्रका क्वाथ (Rt.) Q.S. 3 भावना
- भृंगराजा स्वरस (Pl.) Q.S. 3 भावना
- शिग्रु स्वरस (Lf.) Q.S. 3 भावना
- कुष्ठ क्वाथ (Rt.) Q.S. 3 भावना
- धात्री द्रव (आमलकी ) स्वरस (Fr.) Q.S. 3 भावना
- विसमष्टि शुद्ध क्वाथ (Enm.) Q.S. 3 भावना
- अर्क -क्वाथ (Rt./Lf.) Q.S.3 भावना
- धत्तुरा (Lf.) Q.S. 3 भावना
- आर्द्रका रस (Rz.) Q.S.3 भावना
एकांगवीर रस के लाभ | Benefits of Ekangveer Ras in Hindi
- यह वात दोष को संतुलित करती है।
- यह नाड़ियों और मांसपेशियों को मजबूती देती है।
- यह पूरे शरीर का पोषण करती है।
- यह वात रोगों में निश्चित लाभ करती है।
- यह रक्त से कीटाणुओं को नष्ट करती है।
एकांगवीर रस के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Ekangveer Ras in Hindi
- पक्षाघात (Paralysis)
- अर्दित (Bell\’s Palsy)
- गृध्रसी (Sciatica)
- एकांगवात (Paraplegia)
- अर्धांगवात (Hemiplegia)
- धनुर्वात/धनषुटंकार रोग जिसमे शरीर टेड़ा हो जाता है।
एकांगवीर रस की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Ekangveer Ras in Hindi
- 1-2 गोली, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
- इसे शहद या गर्म पानी या वात-नाशक काढ़े के साथ लें।
- इसे भोजन करने के बाद लें।
- या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
Please note, the doses of Ayurvedic medicines are not fixed. Exact dose depends on the age, strength, digestive power of the patient, the nature of the illness, the state of the viscera and humours, and the properties of individual drugs.
Ayurvedic medicines containing detoxified, toxic material/ poisonous substances, heavy metals should be taken only under medical supervision.
You can buy this medicine online or from medical stores.
This medicine is manufactured by Baidyanath (Ekangweer Ras), Dabur (Ekangavir Ras), Patanjali Divya Pharmacy (DIVYA Ekang Veer Ras), Manil (Ekangaveer Ras), Shri Dhootapapeshwar Limited (Ekangaveer Rasa, Raskalp) and many other Ayurvedic pharmacies.
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