गोदंती भस्म के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

गोदंती भस्म, एक क्लासिकल आयुर्वेदिक दवाई है, जिसे जिप्सम से तैयार किया जाता है। गोदंती भस्म का उपयोग कास, श्वास, सिर दर्द, पुराने बुखार, पित्तज ज्वर, सफ़ेद पानी की समस्या, कैल्शियम की कमी, आदि के आयुर्वेदिक उपचार में किया जाता है।

गोदंती Selenite (CaSO4, 2H2O) एक खनिज है। इसे इंग्लिश में जिप्सम कहते हैं। यह कार्बोनेट ऑफ़ लाइम है। देखने में यह गो यानि गाय के दांत जैसा दिखता है इसलिए इसे गोदंती नाम दिया गया है।

गोदंती, तलछटी में चूना पत्थर, लाल शील्स और मिट्टी के पत्थरों के साथ मिलता है। यह आमतौर पर शुद्ध खनिज रूप में मिलता है। भारत में, नेल्लोर, प्रकासम, गुंटूर और बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर, नागौर, गंगानगर और राजस्थान में इसके प्रमुख उत्पादन राज्य हैं। आयुर्वेद के अनुसार, चिकित्सीय प्रयोजनों के लिए स्वीकृति से पहले इसे शुद्ध करना चाहिए। गोदंती की शोधन, मारण प्रक्रिया के बाद भस्म बनाई जाती है।

गोदंती भस्म में शरीर में ठंडक देने, पित्त कम करने, एंटासिड और एसट्रिनजेंट गुण हैं। यह किसी भी प्रकार के बुखार में दी जा सकती है.

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Godanti Bhasma is preparation of Gypsum. It is rich in calcium and other minerals. Godanti Bhasma is useful in headaches, fever, cold, cough, low calcium level, leucorrhea, chronic bronchitis, digestive disorders, inflammatory bowel disease, and other conditions.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • दवा का नाम: गोदंती भस्म, गोदंती हरिताल भस्म, गोदंती (हरिताल) भस्म, हरिताल गोदंती भस्म
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: भस्म
  • मुख्य उपयोग: बुखार (पित्तज्वर, जीर्ण ज्वर, मलेरिया, विषम ज्वर, आम ज्वर), सिर दर्द, कैल्शियम कमी, सूखी खांसी, जुखाम आदि
  • मुख्य गुण: पित्त कम करना, बुखार कम करना, एंटासिड
  • गर्भावस्था में प्रयोग: नहीं करें।

गोदंती भस्म के घटक | Ingredients of Godanti Bhasma in Hindi

  • गोदंती Godanta (Godanti) Q.S.
  • नींबू रस Nimbu nira (nimbu) (Fr.) Q.S. for Svedana
  • or
  • द्रोणपुष्पि रस Dronapushpi rasa (Pl.)

गोदंती भस्म के फायदे | Benefits of Godanti Bhasma in Hindi

  • यह प्रकृति में ठंडी है।
  • यह पित्त असंतुलन विकार के उपचार में लाभप्रद है।
  • इसके सेवन से शरीर में गर्मी कम होती है।
  • इससे पित्त रोगों में आराम मिलता है।
  • यह मस्तिष्क, रक्त वाहिकाओं और फेफड़ों पर काम करने वाली दवा है।
  • इसका असर पैरासिटामोल जैसा हो सकता है।
  • इससे बुखार उतारने, सिर दर्द और शरीर में पित्त की अधिकता से होने वाले रोगों में प्रमुखता से इस्तेमाल करते हैं।

कर्म

  • एंटासिड: पित्त कम करना
  • कफहर: कफ दूर करना
  • छेदन: जमे हुए कफ को दूर करना
  • ज्वरघ्न: बुखार कम करना
  • वातहर: वात दोष को दूर करना
  • शोथहर: सूजन कम करना
  • श्लेष्महर: कफ को दूर करना

गोदंती भस्म के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Godanti Bhasma in Hindi

गोदंती भस्म को सिरदर्द, पुराना बुखार, मलेरिया, योनि में सूजन, योनि से ब्लीडिंग, योनि से सफेद पानी जानां, खाँसी और ब्लीडिंग डिसऑर्डर में दिया जाता है। इसे अक्सर अन्य दवाओं के साथ दिया जाता है। इसे उच्च रक्तचाप, अनिद्रा, कब्ज, अपच, कम अस्थि खनिज घनत्व, ऑस्टियोपोरोसि आदि में भी दिया जाता है ।

  • अग्निमांद्य Agnimandya (Digestive impairment)
  • सिर में दर्द Shira Shula (Headache)
  • उच्च रक्तचाप से सिरदर्द
  • ऑस्टियोपोरोसिस
  • कम अस्थि खनिज घनत्व
  • कास Kasa (Cough)
  • कैल्शियम पूरक
  • जुखाम
  • जोड़ों में सूजन
  • टाइफाइड बुखार
  • तनाव से सिरदर्द
  • पित्त के कारण बुखार Pitta Jvara (Fever due to Pitta dosha), Jirnajvara (Chronic fever)
  • बहुत प्यास लगना
  • मलेरिया
  • माइग्रेन
  • योनिशोथ
  • ल्यूकोरिया
  • विषम ज्वर
  • शरीर में पित्त के कारण जलन
  • श्वास Shvasa (Dyspnoea/Asthma)

गोदंती भस्म की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Godanti Bhasma in Hindi

  • 125mg – 250mg दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
  • इसे शहद, घी, तुलसी स्वरस, मिश्री के साथ लें।
  • इसे भोजन करने के बाद लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

कुछ प्रयोग

मलेरिया में

  • गोदंती भस्म + सुदर्शन चूर्ण फांट + सुदर्शन अर्क
  • गोदंती भस्म 2 रत्ती + फिटकरी भस्म 2 रत्ती + सफ़ेद जीरे का पाउडर 4 रत्ती, को तुलसी के पत्ते के रस + शहद के साथ दें. सुदर्शन अर्क 50 ml भी पीने को दें.

सिर दर्द, माइग्रेन, सूर्यावर्त्त, अध कपारी, अर्धावभेदक

  • गोदंती भस्म 3 रत्ती + मिश्री 1 ग्राम + गाय का घी 10 ग्राम, दिन में 2-3 बार
  • सूर्यावर्त्त, अध कपारी, अर्धावभेदक, में इसे सूरज के उगने से हर चार घंटे पर दें.

योनि से सफेद पानी जाना, लिकोरिया, योनि से ब्लड जाना, श्वेत प्रदर, रक्त प्रदर

  • गोदंती भस्म + प्रवाल पिष्टी
  • गोदंती भस्म 6 रत्ती + त्रिवंग भस्म 1 रत्ती को शर्बत बनफ्सा के साथ दें.

कैल्शियम की कमी

गोदंती भस्म

फ्लू, खांसी-जुखाम

गोदंती भस्म + लक्ष्मीविलास रस + शहद + मिश्री

सावधनियाँ Cautions in Hindi

  • इस दवा को डॉक्टर की देख-रेख में ही लें।
  • विषम ज्वर में जब तक बुखार का वेग कम नहीं हो, तब तक इसे लेना चाहिए. बुखार कम हो जाने पर इसे नहीं लें. तब डॉक्टर की सलाह से, दूसरी दवाएं जैसे कि महाज्वरांकुश रस दी जा सकती है.
  • सिर दर्द में इसे केवल एक या दो दिन तक ही लें।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  • इसे ज्यादा मात्रा में न लें।
  • इसे एक महीने से ज्यादा नहीं लें।
  • अधिक लेने पर या लम्बे समय तक लेने से इससे लीवर प्रभावित हो सकता है।

गोदंती भस्म साइड-इफेक्ट्स | Side effects in Hindi

  • इससे कुछ लोगों में पेट में जलन हो सकती है।
  • ज्यादा गोदंती लेने से लीवर डैमेज हो सकता है।
  • इसमें कैल्शियम होता है, इसलिए अधिक सेवन से किडनी पर जोर पड़ता है।

गोदंती भस्म कब प्रयोग न करें Contraindications

  • इसे गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान न लें।
  • इसे बताई मात्रा से अधिकता में न लें।
  • यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।
  • कैल्शियम की शरीर में अधिकता होने पर इसे इस्तेमाल नहीं करें।

गोदंती भस्म की उपलब्धता

  • इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
  • बैद्यनाथ Baidyanath HARTAL (Godanti) Bhasma (Siddha Yog Sangraha)
  • श्री धूतपापेश्वर Shree Dhootapapeshwar Limited SDL Godanti Bhasma
  • पतंजलि Patanjali Divya Pharmacy – Divya Godanti Bhasma
  • डाबर Dabur Dabur Harital Godanti Bhasma
  • तथा अन्य बहुत सी फर्मसियाँ।

One thought on “गोदंती भस्म के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

  1. Mam may 27 year ka hu muze sex kamzori ho rahi hai mera ling thik se khada nahi ho pata kya mai himalya confindo tablet use kar sakhta hua.kya iska upyog muze hoga

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