Gomutra Asav गोमूत्र आसव, गोमूत्र से तैयार आयुर्वेदिक दवाई है। आयुर्वेद में इस दवा का उपयोग विशेष रूप से श्वित्र के उपचार के लिए किया है। श्वित्र में शरीर के विभिन्न भागों पर या सफेद दाग दिखाई देते हैं। गोमूत्र आसव, शुण्ठी/सूखा अदरक पाउडर , मारिच/काली मिर्च पाउडर, पिप्पली, चित्रक, मधु और गोमूत्र से तैयार किया जाता है।
This medicine is also known as Gomutra asav, Gomutra Aasawa, Gomutra asava.
Here is given more about Gomutra Asavsuch as indication/therapeutic uses, composition and dosage.
गोमूत्र आसव की सामग्री Composition
- गोमूत्र- 100 लीटर।
- चित्रक, ((Plumbago zeylanica) – 960 ग्राम
- शुण्ठी (Zingiber officinale) – 960 ग्राम
- मारिच (Piper nigrum) – 960 ग्राम
- पिप्पली, (Piper longum) – 960 ग्राम
- मधु Honey- 19.230 किलो
इन सभी अवयवों को मिलाया जाता है और 15 दिनों के लिए ferment किया जाता है। संधान होने के बाद उत्पाद फ़िल्टर किया जाता है।
गोमूत्र आसव का उपयोग Uses of Gomutra Asav
- गोमूत्र आसव के गुण गोमूत्र के समान हैं।
- गोमूत्र आसव, श्वित्र या विटिलिगो के इलाज में विशेष रूप से उपयोगी है। Gomutra Asav is especially useful in treatment of Shvitra or Vitiligo. विटिलिगो melanocytes के कमी की वजह से होता है।
- गोमूत्र कटु-रस, कटु विपाक और उष्ण वीर्य होने के कारण श्रोतों को साफ़ कर, शरीर के सूक्ष्म चैनलों को शुद्ध करता है। पाचक -पित्त को सम करता है\’। यह जिगर और तिल्ली पर कार्य करता है और hypopigmented पैच के repigmenting में मदद करता है।
- यह दवा पीलिया, एनीमिया, गुर्दे, जिगर, दिल और मूत्र प्रणाली, कैंसर, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, खांसी, कृमि संक्रमण और त्वचा की समस्याओं (effective in Jaundice, Anemia, diseases of Kidney, liver, Heart and Urinary system, Cancer, Asthma, bronchitis, Cough, worm infection and Skin Problems) के रोगों में कारगर है।
- श्वित्र या विटिलिगो के इलाज के लिए दवाई का प्रयोग लम्बे समय तक किया जाता (>६ महीने) है.
गोमूत्र आसव की खुराक Dosage of Gomutra Asav
गौमूत्र आसव को खाली पेट 12-24 ml की मात्रा में पानी के साथ मिलाकर लेना चाहिए। चिकित्सक द्वारा निर्देशित के रूप में या ले।
चमड़ी की बिमारियों में नियम से पथ्य-अपथ्य का पालन करे।