ग्राइप वाटर, शिशुओं को दिया जाता है। यह पानी शिशुओं में पेट दर्द, जठरांत्र संबंधी समस्या, दर्द, उलटी कर देना, समेत अन्य पेट की सामान्य दिक्कतों के लिए एक सुरक्षित दवाई है। यह घरेलू उपचार में प्रयोग किये जाने वाले द्रव्यों जैसे की सौंफ, पानी, चीनी आदि से तैयार किया जाता है। कुछ कंपनियां इसमें सोडा बाईकार्बोनेट, अदरक, सोया, कैमोमाइल आदि भी डालती हैं। वयस्क भी इसे अधिक मात्रा में आंतों के दर्द, गैस या अन्य पेट के रोगों के लिए इसे प्रयोग कर सकते हैं।
ग्राइप वाटर पहली बार विलियम वुडवर्ड द्वारा बनाया गया था व मूल रूप से इसमें 3.6% अल्कोहल, डिल तेल, सोडियम बाइकार्बोनेट, चीनी और पानी थे। अब अल्कोहल और सूक्रोज तो प्रयोग नहीं किये जाते परन्तु सोडियम बाइकार्बोनेट और सौंफ के तेल अथवा डिल का तेल, इसके प्राथमिक सक्रिय संघटक हैं। छोटे बच्चों को अल्कोहल वाली दवा नहीं दी जानी चाहिए। ब्रिटेन में लोगों के विरोध के चलते ग्राइप वाटर से अल्कोहल को हटा दिया गया। ग्राइप वाटर का फार्मूला अब निर्माता पर निर्भर करता है। अलग-अलग ब्रांड के अलग-अलग घटक है।
यह शिशुओं के कोलिक infantile colic की दवा है। इनफेंटाइल कोलिक शिशुओं में शुरुवाती चार-पांच महीनों में देखा जाता है। इसमें बच्चे बहुत अधिक रोते हैं तथा ऐसा अक्सर शाम-रात में होता है। कोलिक तब कहा जाता है जब बच्चा एक सप्ताह में कम से कम तीन बार, एक दिन में 3 घंटे रोता है और ऐसा तीन सप्ताह से लगातार चला आ रहा है।
इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य केवल दवा के बारे में सही जानकारी देना है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं करते। साथ ही बच्चे को कोई भी दवा डॉक्टर की सलाह के बिना न दें।
Gripe Water was formulated in England in 1851. The original Woodward’s Gripe Water contained 3.6% alcohol, dill oil, sodium bicarbonate, sugar, and water. Now alcohol and sucrose are not used in the formulation.
The formulation of Gripe water varies from brand to brand. It is as herbal supplement to babies for infantile colic, stomach discomfort, gas, hiccups and teething. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.
ग्राइप वाटर के घटक | Ingredients of Gripe Water in Hindi
Woodward’s Gripe Water
Each 5 ml contains
- स्वर्जिकाक्षार Sarjikakshara 50 mg
- सोआ तेल Anethum Graveolens oil 5 mg
- चीनी Sugar 1.10 gram
- पानी Aqua Water added to make 5 ml
- Preservatives Bronopol, Sodium Methylparaben, Sodium Propylparaben, Sodium Benzoate
Mommy’s Bliss, Night Time, Gripe Water
- सोंठ का एक्सट्रेक्ट Organic Ginger Extract (Zingiber officinale) (rhizome) 5 mg
- कैमोमाइल एक्सट्रेक्ट Organic Chamomile Extract (Matricaria recutita) (flower) 5 mg
- सौंफ का एक्सट्रेक्ट Organic Fennel Extract (Foeniculum vulgare) (seed) 4 mg
- लेमन बाम का एक्सट्रेक्ट Organic Lemon Balm Extract (Melissa officinalis) (leaf) 4 mg
- पैशन फ्लावर Organic Passion Flower Extract (Passiflora incarmate) (leaf) 4 mg
स्वर्जिकाक्षार Sarjikakshara अथवा सज्जीखार को वैसे तो आयुर्वेद में क्षार युक्त वनस्पतियों से बनाते हैं परन्तु आजकर सोडा बाई कार्ब को भी शुद्ध स्वर्जिकाक्षार मानते हैं। यह तीक्ष्ण, स्वभाव से गर्म, पाचक, दीपन, विरेचक है तथा कफ, कब्ज़, पाइल्स, गुल्म और प्लीहा वृद्धि में लाभप्रद है। ग्राइप वाटर में सोडियम बाइकार्बोनेट, हाइपर एसिडिटी और अपच को कम करने में मदद करता है। ग्राइप वाटर में इसके डालने से क्या लाभ है यह तो ज्यादा समझ नहीं आता क्योंकि छोटे बच्चे में हाइपरएसिडिटी की समस्या नहीं पायी जाती।
सोआ या सोया (एनेथम ग्रेवोलेंस) अजवाइन परिवार का पौधा है। डिल आयल इसी पौधे के बीजों से प्राप्त एसेंशियल आयल है। यह ग्राइप वाटर में पेट के दर्द को दूर करने के लिए डाला जाता है। यह गैसहर, मूत्रल, और पेट की समस्याएँ दूर करने वाली औषधि है। डिल बीज का तेल गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रास्ते की चिकनी मांसपेशियों पर स्पस्मॉलिटिक प्रभाव डालता है और हो रही ऐंठन और दर्द में राहत देता है। यह गैस, पेट फूलना, ऐंठन सभी में फायदा करता है।
चीनी होने के कारण यह स्वाद में अच्छा हो जाता है और बच्चे इसे पीने पर रोना बंद कर देते हैं।
ग्राइप वाटर के लाभ और फायदे | Benefits of Gripe Water in Hindi
- यह बच्चों के लिए सुरक्षित है।
- यह पेट, गैस, और पेट की ने तकलीफों में लाभप्रद है।
- इसमें सोया या ग्लूटेन नहीं होता।
- इसमें सौंफ या सोआ का एक्सट्रेक्ट होता है जो कि पेट की सामान्य समस्याओं में असरदार है।
ग्राइप वाटर के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Gripe Water in Hindi
- जठरांत्र संबंधी दर्द gastrointestinal colic
- अतिसंधी, अपच और पेट फूलना Hyperacidity, indigestion and flatulence
- दांत निकलना Teething
- दांत निकलने के कारण नींद की गड़बड़ी और चिड़चिड़ापन sleep disturbances and irritability due to
- gastrointestinal disorders and teething
ग्राइप वाटर की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Gripe Water in Hindi
- ग्राइप वाटर को दिन में तीन बार दिया जाता है।
- वुडवर्ड्स नवजात बच्चों को ग्राइप वाटर 2.5 ml या आधा टीस्पून की मात्रा में दे सकते हैं।
- एक से छः महीने के बच्चे को 5 ml या एक टीस्पून की मात्रा में दे सकते हैं।
- छः महीने से एक साल के बच्चे को के बच्चे को 10 ml या दो टीस्पून की मात्रा में दे सकते हैं।
- दो साल या उससे अधिक उम्र के बच्चे को दो-तीन टीस्पून की मात्रा में दे सकते हैं।
सावधनियाँ/ साइड-इफेक्ट्स/ कब प्रयोग न करें Cautions/Side effects/Contraindications in Hindi
- प्रयोग करने से पहले बोतल को अच्छे से हिला लें। इसे ड्रॉपर या टीस्पून से दें।
- इसे 24 घंटों में तीन बार से ज्यादा प्रयोग न करें।
- बोतल को खोलने के बाद, लेबल पर लिखे तय समय के अन्दर प्रयोग करें।
- बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
- कुछ बच्चों में एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है। ऐसे में इसे बच्चे को न दें।
- बच्चे को कोई भी सप्लीमेंट देने से पहले डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें।
- इस दवा का कोई नुकसान नहीं है, लेकिन इसे देने का कितना फायदा है यह नहीं कहा जा सकता। इस पर बहुत शोध नहीं किये गए हैं।
- निर्माता के अनुसार इसके इन्ग्रेडियंट भिन्न हो सकते हैं।