गुलकंद का उपयोग कैसे और किस बीमारी में होता है

Gulkand is a natural cooling, nutritive, tasty, pitta pacifying jam like preparation of Rose petals.

गुलकंद, गुलाब के फूलों से निर्मित एक प्राकृतिक दवा या व्यंजन है। गुल फारसी में गुलाब और कंद अरबी में मीठे को कहते हैं। इसको बनाने का तरीका अविश्वसनीय रूप से सरल है। यह एक प्राकृतिक विरेचक है। इसका प्रयोग आँतों और पेट में गर्मी को कम करता है। यह दिल और दिमाग को शांत करता है।

Gulkand
Georgia About [CC BY 3.0 (http://creativecommons.org/licenses/by/3.0)], via Wikimedia Commons
Gulkand is a natural cooling, nutritive, tasty, pitta pacifying jam like preparation of Rose petals. It is extremely easy to prepare and require just two ingredient Petals and sugar or honey. It has laxative properties. It gives relief in burning sensation in body due to excess pitta.

Here is given more about Gulkand, such as method of preparation, health benefits and dosage in Hindi language.

गुलकंद बनाने की विधि | How to prepare Gulkand in Hindi

गुलकंद, देसी गुलाब के फूल की पंखुड़ियों से बनता है। गुलकंद तैयार करते समय चीनी के स्थान पर शहद का प्रयोग किया जा सकता है।

गुलाब की पंखुड़ियों को ताज़े पूर्ण विकसित फूल से इकठ्ठा करें। ख़राब या क्षतिग्रस्त या पंखुड़ियों को प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। इन्हें अच्छी तरह से साफ़ कर लें।

एक चौड़े मुँह के कांच के जार में गुलाब की पंखुड़ियों और चीनी को, एक दूसरे के ऊपर, अलग परतों में लगा दें। जार के मुंह को एक सूती कपड़े का उपयोग कर कवर कर दें जिससे नमी जार के बाहर निकल सके। जार को नियम से रोज़ धूप में रखें। एक लकड़ी का चम्मच लेकर रोज़ इसे मिला दें। यह रोज़ तीन सप्ताह तक करें।

सूर्य की गर्मी और और चीनी के प्रभाव से पंखुड़ियों से पानी उड़ जाता है और गुलकंद एक भूरे, गाढ़े जैम के रूप में बदल जाता है। अब आप दो सप्ताह के बाद खाने के लिए प्रयोग कर सकते हैं।

गुलकंद के स्वास्थ्य लाभ | Health Benefits of Gulkand in Hindi

गुलकंद स्वादिष्ट, पौष्टिक, विरेचक laxative, शरीर से पित्त कम करने वाली और शरीर को ठंडक cooling देना वाली औषध है। इसका सेवन शरीर की गर्मी, सूजन और खून बहने वाले रोगों में bleeding disorders लाभकारी है। यह स्वास्थ्य, प्रतिरक्षा immunity और आयु को बढ़ाता है। यह शक्तिशाली एंटी ऑक्सीडेंट antioxidant है और मन तथा दिमाग को तरोताजा कर देने वाला है। यह तनाव और थकान से राहत देता है। यह मुंह, पेट और आंतों के अल्सर ulcers में चमत्कारी और जल्दी परिणाम देता है। यह सफ़ेद पानी की समस्या leucorrhea के लिए एक अच्छा उपाय है। यह हल्का विरेचक है।

यह detoxifying और रक्त को शुद्ध करता है। कमजोर पाचन से पीड़ित लोग इसका सेवन कम मात्रा में करें या ना ही करें तो बेहतर है।

इसे खाने के बहुत से लाभ होते हैं।

  • यह शरीर को ठंडक देता है।
  • यह कब्ज़ को नष्ट करता है।
  • इसके सेवन से पित्त-दोष के कारण होने वाले उपद्रव शांत होते है।
  • यह जलन, पित्त-दोष, शरीर में बढ़ी गर्मी को कम करता है।
  • हाथ-पैर की जलन, आँखों में जलन, आँखों की लाली, पेशाब में जलन, आदि गर्मी में विकारों में इसका प्रयोग अच्छे परिणाम देता है।
  • अधिक पसीना आना, गर्मी के कारण त्वचा का रंग काला पढ जाना, खाज-खुजली, और शरीर में लाल-लाल दाने होना, घमौरी होना आदि विकारों में इसका सेवन अच्छे परिणाम देता है।
  • महिलायों द्वारा इसके सेवन से मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव की समस्या दूर होती है।

गुलकंद की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Gulkand in Hindi

इसे 5-10 ग्राम की मात्रा में या आवश्यकता अनुसार दिन में १-२ बार लें। इसे पानी या दूध के साथ लेना चाहिए।

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