गुंजादि तैलम के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

गुंजादि तैलम एक हर्बल तेल है जोकि हर प्रकार के बालों के लिए उपयोगी है। इसमें औषधीय घटक हैं  जो बालों की मजबूती देते हैं। हैं। इसको लगाकर मालिश करने से सिर में खुजली, फोड़े-फुंसी, रूसी, एक्जिमा, स्कैल्प में फंगस, और सोराईसिस आदि में लाभ होता है। गुन्जादी तेल के औषधीय गुणों के कारण इसे अभ्यंग में भी प्रयोग किया जाता है।

इसमें गुंजा के साथ-साथ भृंगराज है जो की स्कैल्प के रोगों को दूर करते है और बालों की जड़ों को मजबूत करते हैं। इसमें एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल, एंटीबैक्टीरियल,व खुजली दूर करने के गुण है।

गुन्जादी तेल को बनाने के लिए preparation of Gunjadi Taila / How to prepare Gunjadi Oil   शुद्ध रत्ती के बीजों को पीस लिया जाता है। भृंगराज के पौधे का भी पेस्ट बना लिया जाता है। एक मोटे पेंदे के बर्तन में तिल का तेल, शुद्ध गुंजा बीज और भृंगराज का पेस्ट डाल कर पकाया जाता है। इसे तब तक पकाया जाता है जब तक बनाये जाने वाले तेल में से सारी नमी दूर हो जाए है और केवल बचे। जब यह अच्छे से पक जाता है व ठण्डा हो जाता है तो इसे छान कर बोतल में रख लेते हैं। यही गुन्जादी तेल है।

भृंगराज बालों के लिए प्रयोग की जाने वाली आयुर्वेद की मुख्य वनस्पति है। इसके पूरे पौधे को औषधीय प्रयोग के लिए इस्तेमाल किया जाता है। भृंगराज बालों को काला करता है और उन्हें मजबूती देता है। इसका तेल के साथ प्रयोग करने पर है अच्छी नींद लाने में भी सहयोगी है। बालों के सफ़ेद होने और गंजेपन की समस्या में भृंगराज विशेष उपयोगी है।

इस तेल का बेस आयल तिल का तेल है। तिल का तेल, भारी, संकोचक और स्वाभाव से गर्म है। मालिश करने के लिए यह बहुत ही लाभकारी है। तिल का तेल बालों को पोषण देता है। यह बालों की नमी बनाये रखने में सहयोगी है। इसका प्रयोग बालों का टूटना, कमजोरी और रूखापन दूर करता है। इसका प्रयोग बालों का असमय सफ़ेद होना रोक, बालों को उनक नेचुरल रंग देने में सहायक है।

इस तेल को प्रयोग करने के बाद हाथ अच्छे से धो लें।

गुन्जादी तेल को भैषज्य रत्नावली में कंडू, दारुणक और शिरो रोग में प्रयोग करने के लिए कहा गया है। कंडू Pruritus खाज को कहते हैं।

दारुणक, कफ एवं वायु की विकृति से होने वाला रोग है। इसमें स्कैल्प पहले कठोर, फिर रूखी, और फिर फट जाती है। कंघी करने और खुजाने पर सिर से हल्की सफ़ेद परतें से गिरती है। इसे आम बोलचाल की भाषा में रूसी dandruff कहते हैं।

शिरो रोग, सिर से सम्बंधित रोग हैं। इनमें गंजापन, सिर का दर्द, सिर पर होने वाले फोड़े-फुंसी तथा अन्य रोग शामिल हैं।

Gunjadi Oil is an herbal oil. It is based on Ayurvedic principal and helps in scalp diseases, hair fall, dandruff and other common hair problems. It contains sesame oil base.

Here is given more about this oil, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and how to use in Hindi language.

गुंजादि तैलम के घटक | Ingredients of Gunjadi Oil in Hindi

  1. तिल तैल 2 प्रस्थ
  2. भांगरे का रस 8 प्रस्थ
  3. कल्क
  4. गुंजा फल 8 पल

गुंजा (धुंघची) के लाल रंग के बीज होते हैं। गुंजा के बीज को आयुर्वेद में प्रयोग करने से पहले शुद्ध करते हैं। शुद्ध करने के लिए, गुंजा बीज तीन घंटे के लिए दोलायंत्र में रखे कंजिक में डुबाया जाता है। इसके बाद इसे अच्छे से धो और सुखा कर कांच के बर्तन में रखा जाता है।

गुंजादि तैलम के लाभ और फायदे | Benefits of Gunjadi Oil in Hindi

  1. यह बालों का गिरना कम करता है।
  2. यह बालों को घना बनाता है।
  3. यह बालों की बढ़वार में मददगार है।
  4. यह बालों मुलायम और मज़बूत करता है।

गुंजादि तैलम के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Gunjadi Oil in Hindi

गुंजादि तैल को स्कैल्प की समस्याओं (अरुंषिका, फंगल इन्फेक्शन, बैक्टीरियल इन्फेक्शन) केशपतन,  गंजापन, आदि में बाह्य रूप से लगाया जाता है।

  1. बालों में रुसी Dandruff
  2. खुजली Prurities
  3. गंजापन Baldness
  4. बालों का गिरना Hair falling
  5. सिर दर्द Headache
  6. असमय बलों का गिरना Premature Hair Decay
  7. बालों का असमय सफ़ेद होना Grey Hair

प्रयोग की विधि | How to Use in Hindi?

  1. यह तेल केवल बाह्य प्रयोग के लिए है।
  2. इसे एक हेयर तेल की तरह स्कैल्प पर मसाज करते है।
  3. तेल को बालों की जड़ों पर उँगलियों की सहायता से लगायें।
  4. जड़ों में तेल लग जाने पर हल्के हाथ से स्कैल्प की मालिश करें।
  5. इसे रात में लाग्यें और अगली सुबह धो लें।
  6. इस तेल को तब तक प्रयोग किया जाता है जब तक स्कैल्प की समस्याएं दूर न हो जाए।
  7. इस तेल को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।

सावधनियाँ/ साइड-इफेक्ट्स/ कब प्रयोग न करें Cautions/Side effects/Contraindications in Hindi

  1. यह तेल केवल बाह्य प्रयोग के लिए है।
  2. इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  3. गुंजा/रत्ती के बीज जहरीले होते हैं. यह बीज बहुत अधिक विरेचक और उलटी लाने वाले होते हैं. तेल के प्रयोग के बाद हाथ अच्छे से धो लें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*