जन्तुघ्न वटी के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

इसका प्रयोग से बहुत से कॉमन इन्फेक्शन के प्रति शरीर की इम्युनिटी बढ़ाती है और उनके उपचार में मदद मिलती है। इसमें एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-बैक्टीरियल गुण हैं।

जन्तुघ्न वटी ‘श्री श्री आयुर्वेद द्वारा’ निर्मित एक आयुर्वेदिक दवा है। इसका प्रयोग से बहुत से कॉमन इन्फेक्शन के प्रति शरीर की इम्युनिटी बढ़ाती है और उनके उपचार में मदद मिलती है। इसमें एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-बैक्टीरियल गुण हैं।

Jantughna Vati is used in treatment of Fever, Cough, Respiratory Disorders, and Infections. It has antimicrobial and antibacterial properties. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

जन्तुघ्न वटी के घटक | Ingredients of Jantughna Vati in Hindi

शल्लकी 60 mg, गुडुची 60 mg, भूम्यामलकी 30 mg, यष्टिमधु 20 mg, हरिद्रा 40 mg, गुग्गुलु 50 mg, रसना 20 mg, निम्बा 40 mg, बकुची 30 mg, विडंग 30 mg, मंजिष्ठा 20 mg, किरात-तिक्त 20 mg, शिलाजीत 50 mg, खदिरा 30 mg, Excipients QS

जन्तुघ्न वटी के लाभ | Benefits of Jantughna Vati in Hindi

  • यह दवा कृमि संक्रमण और सूक्ष्म जीवाणु संक्रमण Worm infections and microbial infections में लाभकारी है।
  • इसके सेवन से कफ, बुखार, संक्रमण आदि में लाभ होता है।
  • यह हर्बल है और पूरी तरह से सेफ है।

जन्तुघ्न वटी के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Jantughna Vati in Hindi

  • बुखार
  • खांसी, कास, कफ
  • ब्रोंकाईटिस, श्वास
  • सांस की बीमारियां
  • संक्रमण

जन्तुघ्न वटी की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Jantughna Vati in Hindi

  • 2 गोली (व्यस्क), 1 गोली (३ साल से बड़े बच्चे) दिन में दो बार, सुबह और शाम, एक सप्ताह तक लें।
  • इसे पानी के साथ लें।
  • इसे भोजन करने के पहले लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।

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