कर्ण बिंदु के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

कर्ण बिंदु, एक आयुर्वेदिक कान की ड्राप (ईयरड्रॉप) है। इसकी 2 बूंदे कान में अधिक वैक्स बनने से होने वाली दिक्कतों में की जा सकती है, जैसे कान में दर्द, सुनाई कम देना, कान में आवाजें आना आदि।

कान को तीन हिस्सों में समझा जा सकता है, बाहरी कान, मध्य कान और आंतरिक कान। बाहरी कान में कर्णपल्लव ear pinna होता है जो लचीले फाईब्रो कार्टिलेज fibro cartilage और एडिपोज टिश्यू adipose tissue से बना होता है। पिना चपटा, फैला हुआ और कूपीनुमा होता है।

पिना से जुडी हुई नलिका इयर कैनाल ear canalया एक्सटर्नल ऑडीटरी मेटस external auditory meatus कहलाती है। यह पिना के बेस के भीतर जाती हुई एक नली है। इसकी लम्बाई करीब 25 मिलीमीटर की होती है। इसके आंतरिक भाग के छोर पर टिम्पेनिक झिल्ली tympanic membrane होती है। यह झिल्ली पतली, दृढ और तिरछी होती है। इसी झिल्ली को कान का परदा या ear drum कहते हैं। यह त्वचा की एपिडर्मिस में बनी होती है और इसके बाद मध्य कान शुरू हो जाता है।

बाहरी ऑडीटरी मेट्स external auditory meatus की त्वचा में स्वेट ग्लैंड्स पायी जाती हैं। ये स्वेट ग्लैंड्स मोम स्रावित करती है जो गाढ़ा, पीला रंग का पदार्थ होता है। इस मोम ear wax या सेरुमेन cerumen का काम कान में धूल, पानी, या बाहरी वस्तुओं को रोकने का होता है जिससे यह कान के अंदर जा कर नुकसान न करें।

ज्यादातर मामलों में वैक्स कान से आपने आप ही निकल जाती है और कान में बहुत अधिक मात्रा में नहीं होती। लेकिन कुछ लोगों में वैक्स जम जाता है और निम्न लिखित लक्षण हो सकते है:

  • कान का दर्द Earache
  • कान भरा लगना Fullness in the ear or a sensation that the ear is plugged
  • कान में आवाज़ आना टिनिटस Noises in the ear (tinnitus)
  • आंशिक रूप से सुनाई नहीं देना Partial hearing loss, may get worse

यदि मोम बहुत अधिक है और नहीं निकल पा रहा, कान में दर्द है, बुखार आ रहा है या सुनाई को नहीं दे, तो डॉक्टर को दिखाएँ।

पर्याय: Kan Bindu, Kan Bindu Ayurvedic Ear Drop, Karna Bindu Oil (Tail), karnabindu ear drops

उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।

Karna Bindu, is an herbal Ayurvedic ear drop used for ear diseases.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and how to use in Hindi language.

कर्ण बिंदु के घटक | Ingredients of Karna Bindu in Hindi

कल्क द्रव्य Kalka Drvya

  • शुद्ध गंधक Shuddha Gandhak 1 part
  • समुद्रफेन Samudraphena Cuttle-fish bone 1 part
  • टंकण भस्म Tankan Bhasma 1 part
  • अम्बा हल्दी Amba Haldi 1 part
  • हल्दी Haridra 1 part
  • धतूरा Dhatura 1 part
  • जलकुम्भी Jalakumbhika Water lettuce 1 part
  • निर्गुन्डी Nirgundi 1 part

स्वरस Swaras

  • अर्क Arka 32 parts
  • निर्गुन्डी Nirgundi 32 parts
  • धतूरा Dhatura 32 parts
  • जलकुम्भी Jalakumbhika Water lettuce 32 parts

तेल Taila

  • तिल का तेल Til Taila 16 parts
  • सरसों का तेल Sarson Taila 16 parts

कर्ण बिंदु के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Karna Bindu in Hindi

कर्ण बिंदु एक इयर ड्राप है जिसे कान में डाल सकते हैं । यह कान में वैक्स होने पर प्रयोग किया जा सकता है। लेकिन यदि किसी और तरह की दिक्कत है तो डॉक्टर को कंसल्ट करना चाहिए जिससे सही कारण पता चल सके।

  • कान में दर्द
  • बहरापन
  • कान बहना
  • कान में आवाजें आना
  • कान के सभी रोगों में

कर्ण बिंदु प्रयोग की विधि

  • यह तेल केवल में डालने के लिए है।
  • इसे दिन में 2 बार कान में 2 बूँद की मात्रा में डालें।
  • इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।

सावधनियाँ/ साइड-इफेक्ट्स/ कब प्रयोग न करें Cautions/Side effects/Contraindications in Hindi

  • इसका इस्तेमाल बच्चों में नहीं करें।
  • कान में चोट लगी हो तो इसका इस्तेमाल नहीं करे।
  • कान का पर्दा यदि फटा हो तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।
  • अगर कान के दर्द के साथ बुखार, उलटी, गला खराब, सूजन या कान से कोई स्राव हो रहा हो तो डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए।
  • यदि कान का दर्द हो रहा है,  कान से डिस्चार्ज होता है जिसमें पानी या मवाद की तरल पदार्थ  दिखता है, तो यह कान में संक्रमण के कारण है और इसमें आपको एंटीबायोटिक का सेवन करने की भी ज़रूरत हो सकती है।
  • कान का दर्द, यदि गले में दर्द के साथ हो रहा है तो यह थ्रोट इन्फेक्शन का लक्षण हो सकता है। वायरल इन्फेक्शन से जब टोंसिल में सूजन हो जाती है, यह गले में फोड़ा हो जाता है तो भी कान में दर्द हो सकता है। ऐसे में एंटीबायोटिक्स को खाने से आराम हो सकता है।
  • कान को कॉटन बड्स से साफ़ नहीं करें। इससे वैक्स कान के अंदर जा सकता है। रगड़ से कान की नली में खरोच या सूजन आ सकती है। किसी भी चीज से कान की बहुत अधिक सफाई नहीं करें। इससे कान की लाइनिंग खुरच सकती है।
  • कान को साफ़ और सूखा रखें। तैराकी करते समय ईयर प्लग का इस्तेमाल कर सकते हैं। पानी से निकलने के बाद, कूदने से भी पानी ढीला होकर निकल सकता है।
  • साबुन या शैम्पू को कान में न जाने दें।
  • अगर कान में बहुत अधिक वैक्स बनता हो तो इसको कम करने के लिए वैक्स ड्रॉप्स या ओलिव आयल का प्रयोग कर सकते हैं।

कान में दर्द, होने के बहुत से अलग-अलग कारण हो सकते हैं। यदि कारण ठीक से पता हो तो ही ठीक से इलाज़ किया जा सकता है। कुछ दिन तक यदि कान में दर्द हो रहा है और ठीक नहीं हो पा रहा और इसके साथ अन्य लक्षण भी है तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यदि कान के पर्दे के फट जाने की आशंका हो तो कान में किसी भी तरह के ईयर ड्राप या तेल का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। इससे जटिलताएं बढ़ सकती हैं।

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