कास मधु टुलीसन फार्मा द्वारा निर्मित दवाई है। यह खांसी, ठंड लगना, जुखाम और ब्रोंकाइटिस की गुणकारी दवा है। इसमें ब्रांकोडायलेटर और एक्स्पैक्टोरेंट प्रभाव है।
ब्रोन्कोडायलेटर वे पदार्थ है जो ब्रांकाई और ब्रॉन्किलोल को फैलते हैं, श्वसन वायुमार्ग में प्रतिरोध को कम करते हैं और फेफड़ों में वायु प्रवाह बढ़ता है। ब्रोन्कोडायलेटर, श्वास संबंधी कठिनाइयों के उपचार के लिएदिए जाते हैं। एक्स्पैक्टोरेंट वे होते हैं जो जो श्वसन तंत्र से बलगम के निर्वहन या निष्कासन को बढ़ावा देती हैं।
कासमधु एक्स्पैक्टोरेंट एक्शन से यह फेफड़ों, ब्रांकाई, और ट्रेकिआ से बलगम और अन्य सामग्री को दूर करने में मददगार है। कास मधु फेफड़ों से श्लेष्म को पतला करके बलगम को निकालने में बढ़ावा देती है। इसके सेवन से लंग कंजेशन में राहत मिलती है।
दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा यह भी दावा नहीं है कि यह आपके रोग को एकदम ठीक कर देगी। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। मार्किट में इसी तरह के फोर्मुले की अन्य फार्मसियों द्वारा निर्मित दवाएं उपलब्ध हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।
Kasmadhu (Tulison Pharma) is Herbal Ayurvedic medicine. It effectively controls cough and smoothens the respiratory mucosa. It gives relief in excessive cough, cold and related disorders. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.
- दवा का नाम: कासमधु Kasmadhu
- निर्माता: Tulison Pharma
- उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
- दवाई का प्रकार: हर्बल
- मुख्य उपयोग: कफ समस्याएं
- मुख्य गुण: कफ कम करना
मूल्य MRP:
- KASMADHU COUGH SYRUP 100 ml @ Rs. 78.00
- KASMADHU COUGH SYRUP 200 ml @ Rs. 140.00
कासमधु के घटक | Ingredients of Kasmadhu in Hindi
प्रत्येक 5 ml में
- मुलेठी Yashti Madhu 50 mg
- कैफल Kaiphal 50 mg
- वासा Vasaka 50 mg
- कर्कटा श्रृंगी Karkatashingi 50 mg
- उनाब Unnab 50 mg
- बनफशा Gul Banafsha 50 mg
- नागर मोथा Nagar Motha 50 mg
- पिप्पली Pipal 25 mg
- जपा Jupha 50 mg
- सौंफ Saunf 50 mg
- पान के पत्ते Paan ke Patte 50 mg
- कपूर Karpoor 2।25 mg
- सत पुदीना Sat Podina 2।25 mg
- सोडियम बेन्जोएट Sodium Bezoate (as preservative)
- चीनी Sugar Colour QS
मुलेठी
मुलेठी की जड़ या लिकोरिस, को आयुर्वेद में यष्टिमधु कहते हैं। मुलेठी को इसके मीठे स्वाद और एंटीअल्सर एक्शन के लिए जाना जाता है। लीकोरिस को कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने, श्वसन तंत्र संबंधी रोगों को ठीक करने और प्रतिरक्षा स्तर को बढ़ाने सहित विभिन्न बीमारियों के लिए प्रयोग किया जाता है। लीकोरिस का मुख्य घटक, ग्लिसरीफिसिन है। लीकोरिस में उपस्थित अन्य घटक ग्लूकोज, सूक्रोज, मैनाइट, स्टार्च, asparagine, कड़वाहट प्रिंसिपल, रेजिन, एक वाष्पशील तेल और रंग का पदार्थ है, जो सामूहिक रूप से औषधीय गुण लीकोरिस को देते हैं। यकृत पर इसकी लाभकारी कार्रवाई के माध्यम से, यह पित्त प्रवाह को बढ़ाता है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है।
श्वसन रोग में इसके सेवन से जलन और सूजन कम हो जाती है। इंटरफेरोन के स्तर को बढ़ाकर यह प्रतिरक्षा को बढ़ाता है, जिससे शरीर में वायरस रोगों से आराम होता है। एंटी-एलर्जी गुण से यह एलर्जी रिनिटिस, नेत्रश्लेष्मलाशोथ और ब्रोन्कियल अस्थमा में उपयोगी होती है।
लीकोरिस युवा स्वस्थ पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन उत्पादन कम कर सकता है। पोटेशियम की कमी से ग्रस्त व्यक्ति को लिकोरिस का उपयोग नहीं करना चाहिए।
पिप्पली
पिप्पली उत्तेजक, वातहर, विरेचक है तथा खांसी, स्वर बैठना, दमा, अपच, में पक्षाघात आदि में उपयोगी है। यह तासीर में गर्म है। पिप्पली पाउडर शहद के साथ खांसी, अस्थमा, स्वर बैठना, हिचकी और अनिद्रा के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है। यह एक टॉनिक है।
कासमधु के लाभ फायदे | Benefits of Kasmadhu in Hindi
- इस दवा में कफःनिस्सारक expectorant गुण है इसलिए यह कफ को ढीला कर उसे आसानी से निकालने में मदद करती है।
- इसमें कासरोधी, कफनिस्सारक, और ब्रोंकोडाईलेटरी mucolytic, antitussive, expectorant and broncho dilatory गुण हैं।
- इसमें म्यूकोलाईटिक गुण है जिससे यह बलगम को ढीला करने में मदद करता है।
- कासमधु के सेवन से कफ से राहत मिलती है।
- यह अल्कोहल रहित है।
- यह खांसी, कन्जेशियन, कॉमन कोल्ड और फ्लू में आराम देती है।
- यह फेफड़ों और गले में जमा बलगम को निकालने में मदद करता है।
- यह बच्चों के लिए सुरक्षित है।
- यह सूखी और गीली दोनों तरह की खांसी में लाभप्रद है।
- यह हर्बल दवाई है।
कासमधु के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Kasmadhu in Hindi
- कासमधु खांसी, नजले, जुकाम, नाक बहना cold, cough & bronchitis आदि में लाभप्रद है।
- खांसी
- नजला
- जुकाम
- फ्लू
- पोल्यूशन से खांसी
- सूखी खांसी
- गीली खांसी
कासमधु की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Kasmadhu in Hindi
- 1 से 2 चम्मच दिन में दो बार या तीन बार लें।
- इसे गर्म पानी के साथ लें।
- इसे भोजन करने के बाद लें।
- या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
कासमधु के इस्तेमाल में सावधनियाँ | Cautions in Hindi
- इस औषधि को केवल विशिष्ट समय अवधि के लिए निर्धारित खुराक में लें।
- इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
- इसे ज्यादा मात्रा में न लें।
- कम दिन तक लेने में इसका कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं देखा जाता।
कासमधु के साइड-इफेक्ट्स | Kasmadhu Side effects in Hindi
- निर्धारित खुराक में लेने से दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
- इसके कुछ घटक उष्णवीर्य हैं, इसलिए अधिकता में सेवन पित्त बढ़ा सकता है जिससे पेट में जलन हो सकती है।
- निर्धारित मात्रा में और निर्धारित समय तक लेने से इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
कासमधु को कब प्रयोग न करें | Contraindications in Hindi
- डॉक्टर से परामर्श के बिना, गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान न लें।
- यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।
- इसमें चीनी है इसलिए डायबिटीज में इसे सावधानी से प्रयोग करें। यदि अनियंत्रित शुगर है तो इसका सेवन न करें। यदि शुगर नियंत्रण में है और कुछ मात्रा में मीठे का प्रयोग कर सकते है तो इसे भी लिया जा सकता है।