कौंच बीज चूर्ण Shuddh Konch Churna Detail and Uses in Hindi

कौंच बीज चूर्ण, कौंच के बीजों से बना हुआ हुआ पाउडर है। कौंच को कपिकच्छु, केवांच, मकूना प्रुरीन्स और आत्मगुप्ता नाम से भी जाना जाता है।

केंवाच बीज क्या होता है?

केवांच, एक लता वाला पौधा है और भारत भर में 3000 फीट की ऊंचाई तक पहाड़ियों वाले इलाके में पाया जाता है। फली पर पाए जाने वाले रोएं बंदर के बाल जैसे दिखते हैं और यही कारण है कि इस कपिकच्छू, कपिलोमा, कपि, मर्कटी और वानारी जैसे नाम दिए गए हैं। यौन रोगों और बांझपन के आयुर्वेदिक उपचार में इसका इस्तेमाल पुराने समय से होता आया है।

केवांच के बीज दो तरह के पौधों से मिलते हैं, जंगली और खेती वाली किस्म। मेडिकली, जंगली किस्म में बेहतर उपयोगिता है व काले बीज, सफ़ेद बीज की तुलना में अधिक फायदेमंद हैं।

कौंच बीज के पाउडर का मुख्य रूप से पुरुषों के गुप्त रोगों में इस्तेमाल करते हैं। इससे शीघ्रपतन, पेनिस का नहीं खड़ा हो पाना, धात गिरना, रात में सपने वीर्य निकल जाना, सेक्स का मन नहीं करना आदि में लाभदायक है। क्योंकि यह रसायन है, इसलिए स्त्रियों के लिए भी लाभप्रद है। यह प्रजजन अंगों पर काम करने वाली दवा है इसलिए औरतों में पीरियड्स की दिक्कत, कमोरी, आदि में फायदेमंद है।

कौंच एक ऐसी आयुर्वेदिक दवाई है जो पार्किन्सन रोग में बहुत लाभ कर सकती है। कौंच बीजों का मुख्य घटक फिक्स्ड ऑयल, एल्कालोइड और 3, 4-डायहाइड्रोक्सीफिनेलिएलाइनिन है। एल-डोपा (एल –3,4-डाइहाइड्रॉक्सीफिनेलिएनाइन) के पूरक से शरीर में डोपामिन स्तर को बढ़ा सकते हैं। एल-डोपा को पार्किंसंस की बीमारी का सबसे प्रभावी उपचार माना जाता है।

Kaunch Beej Churna or Kapikacchu powder has aphrodisiac, nervine tonic, anti-parkinsonism, anti-inflammatory, and hypocholesterolaemic properties. It is useful in various sexual disorders including loss of libido, erectile dysfunctions, night emission, premature ejaculation, spermatorrhoea and oligospermia. It is also used in Parkinson’s disease. Kapikacchu powder has aphrodisiac, nervine tonic, anti-parkinsonism, anti-inflammatory, and hypocholesterolaemic properties.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्बल दवाई
  • मुख्य उपयोग: पुरुषों के लिए यौन प्रदर्शन को सुधारने के लिए
  • मुख्य गुण: सेक्स के लिए इच्छा बढ़ाना / लिबिडो ज्यादा करना, धातु गिरना, अवसाद, नर्व के लिए टॉनिक,
  • दवा का अनुपान: गर्म जल अथवा गर्म दूध
  • दवा को लेने का समय: दिन में एक या दो बार, केवल रात को या प्रातः और सायं

यूनानी में केवांच की तासीर

केवांच को तासीर में दूसरे दर्जे का गर्म और शुष्क माना गया है।

कौंच के बीज का मूल्य

केवांच की गिरी का पाउडर पतंजलि, प्लेनेट आयुर्वेदा, व्यास Vyas Kaunch Beej Churna, Shivalik Kounch Beej Velvet Bean capsules 500 mg, Sanjeevika Kaunch Beej Churna आदि के द्वारा उपलब्ध है।

  • पतंजलि कौंच बीज चूर्ण 100 ग्राम की कीमत 45 रुपए है।
  • व्यास कौंच बीज चूर्ण के 100 ग्राम की कीमत रुपए 75 है।

शुद्ध कौंच बीज चूर्ण के घटक Ingredients of Shuddh Konch Beej Churna

प्रत्येक 5 ग्राम में कौंच बीज का चूर्ण 5 ग्राम।

कौंच के आयुर्वेदिक गुण और कर्म

आयुर्वेद में, यह कफ विकर, वात-विकार, दुर्बलता और तंत्रिका कमजोरी सहित विभिन्न प्रकार के रोगों के उपचार में उपयोग किया जाता है। मुकूना बीज पाउडर का विशेष रूप से यौन फंक्शन में सुधार और बांझ पुरुषों में वीर्य की गुणवत्ता में सुधार के लिए उपयोग किया जाता है।

यह हाइपोथेलेमस, पिट्यूटरी और गोनाडल अक्ष पर पुरुष क्रियाशीलता में सुधार लाता है। यह तनाव कम कर देता है। म्यूकूना बीज पाउडर तनाव की वज़ह कमजोर वीर्य की गुणवत्ता से लड़ने में मदद करता है, और एक मजबूत टॉनिक या कामोद्दीपक के रूप में कार्य करता है।

कौंच ऑलिगोस्पार्मिया, स्तंभन दोष, समय से पहले स्खलन, कम कामेच्छा, और नपुंसकता आदि पुरुष विकारों में प्रयोग की जानी वाली प्रमुख आयुर्वेदिक दवा है। कौंच बीज शरीर में वात और पित्त को कम करते हैं और कफ को बढ़ाते है। यह मुख्यतः प्रजनन अंगों पर करता है। यह एक टॉनिक, और कामोद्दिपक aphrodisiac है जो पाचन को दुरुस्त करता है।

  • रस (taste on tongue): मधुर/मीठा, तिक्त/कड़वा
  • गुण (Pharmacological Action): गुरु/भारी, स्निग्ध/चिकना
  • वीर्य (Potency): उष्ण
  • विपाक (transformed state after digestion): मधुर/मीठा
  • दोष: वात और पित्त को कम करना, कफ बढ़ाना

कर्म Principle Action

  • वातहर: द्रव्य जो वातदोष निवारक हो।
  • वृष्य: द्रव्य जो बलकारक, वाजीकारक, वीर्य वर्धक हो।
  • शुक्रप्रवर्तक: द्रव्य जो वीर्य या शुक्र को उत्पन्न और प्रवर्तन करे।
  • बाजीकरण: द्रव्य जो रति शक्ति में वृद्धि करे।
  • पाचन: द्रव्य जो आम को पचाता हो लेकिन जठराग्नि को न बढ़ाये।

कौंच बीज चूर्ण के लाभ / फ़ायदे Benefits of Shuddh Konch Beej Churna

  • कौंच बीज चूर्ण के फ़ायदे नीचे दिए गए हैं:
  • कौंच या केवांच बीज Mucuna pruriens की गिरी है। केवांच की गिरी बहुत ही प्रभावशाली हर्बल दवा है तथा इसे हजारों वर्षों से पुरुष प्रजनन क्षमता में सुधार करने के लिए प्रयोग किया जाता रहा है।
  • यह दवा शरीर और नाड़ियों में ताकत का संचार कर यौन प्रदर्शन को ठीक करती है।
  • यह शक्तिवर्धक, जोश वर्धक, और वाजीकारक औषधि है। इसके सेवन से प्रजनन अंगों को ताकत मिलती है और यौन दुर्बलता दूर होती है।
  • यह हाइपोथेलेमस पर काम करता है।
  • इसके सेवन से सीरम टेस्टोस्टेरोन, लुटीनाइज़िंग luteinizing हार्मोन, डोपामाइन, एड्रेनालाईन, आदि में सुधार होता है।
  • यह शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता में भी उचित सुधार करने वाली नेचुरल दवा है।
  • मानसिक तनाव, नसों की कमजोरी, टेस्टोस्टेरोन के कम लेवल आदि में इसके सेवन से बहुत लाभ होता है।

कौंच बीज चूर्ण के चिकित्सीय उपयोग Uses of Shuddh Konch Beej Churna

केवांच एक लता से प्राप्त होने वाला बीज है जिसके बीजों को गिरी को आयुर्वेद में वाजीकारण और यौन दुर्बलता को दूर करने के लिए दिया जाता है। इसके सेवन से स्तम्भन दोष जिसे इरेक्टाइल डिसफंक्शन भी कहते हैं, में भी लाभ हो सकता है। यह उत्तम वाजीकारक हैं और कामेच्छा शक्ति को बढ़ाता है।

यह कामेच्छा enhances libido, प्रजनन क्षमता fertility, sexual performance, Kapikacchu , स्तंभन दोष, स्वपनदोष, समय से पहले स्खलन, शुक्राणु की कमी, ऑलिगोस्पर्मिया, पार्किंसंस आदि में किया जाता है. यह शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता है।

इसके अलावा यह पेट गैस, दस्त, खांसी, आमवाती विकार, मांसपेशियों में दर्द, मधुमेह, मासिक धर्म और तपेदिक के इलाज के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

  • कामेच्छा कमी loss of libido
  • स्तम्भन दोष Erectile dysfunctions
  • शीघ्रपतन Premature ejaculation
  • शुक्रपात Spermatorrhoea
  • अल्पशुक्राणुता oligospermia
  • पार्किंसंस में Parkinson’s disease
  • डिप्रेशन Depression

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Konch Beej Churna

  • प्रजनन अंगों की समस्या में, केवांच के बीज को अश्वगंधा, सफ़ेद मूसली, शतावर, गोखरू के साथ लिया जाता है।
  • मांसपेशियों और नसों की दिक्कत में इसे ब्राह्मी, गोटूकोला, जटामांसी, टगर, और गोखरू के साथ लेते हैं।
  • केवांच को पेट की दिक्कत में सौंफ, सोंठ, चित्रक के साथ लेते हैं।
  • 3-5 ग्राम की मात्रा में दिन में एक बार लें।
  • इसे रात को दूध के साथ लें।
  • इसे भोजन करने के बाद लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

सावधानियां और सुरक्षा पहलु

  • कुछ लोगों में लम्बे समय तक कौंच का उपयोग वजन घटा सकता है।
  • कौंच के बीज के चूर्ण, मानसिक रोगों के लिए ली जाने वाली दवाओं, अवसाद की दवाओं आदि के साथ इंटरैक्ट कर सकता है.
  • यह आँतों की गति बढ़ाता है, रक्तचाप कम करता है, ब्लड वेसेल को रिलैक्स करता है।
  • यह ब्लड शुगर को कम कर सकता है।
  • इसे ज्यादा मात्रा में लेने से नुकसान होते हैं।
  • केवांच से दस्त लग सकते हैं जिसे यदि आहार परिवर्तन और सामान्य दवा से नियंत्रित नहीं हो पाता तो इसके सेवन को छोड़ देने की आवश्यकता हो सकती है।
  • केवांच को लेने के दौरान मसालेदार, सूखे, खट्टे, और उत्तेजक खाद्य पदार्थ और भावनात्मक विस्फोट करने वाले पदार्थों का सेवन नहीं करें।
  • अगर कौंच लेने से साइड इफेक्ट्स हों तो घी, शाद और चीनी लेनी चाहिए।
  • यह levodopa का असर बढ़ा देता है।
  • इससे अधिक मात्रा में लेने से acute toxic psychosis होना देखा गया है।

साइड-इफेक्ट्स / कब प्रयोग न करें Cautions/Side effects/Contraindications

  • कौंच से उलटी, भूख नहीं लगना, रक्तचाप कम होने से अनियमित धड़कन, आदि हो सकते हैं।
  • इससे मांसपेशियों में अनैच्छिक गति हो सकती है।
  • इससे हाथ पैर की मूवमेंट गड़बड़ा सकती है।
  • कौंच को ग्लूकोमा, हृदय रोग, लीवर, एंडोक्राइन, पलमनरी, किडनी रोग और मानसिक रोगों में सावधानी से लेना चाहिए।
  • यदि कोई भी साइड इफ़ेक्ट दिखे तो इसे लेना बंद कर दें।
  • इस दवा को डॉक्टर की देख-रेख में ही लें।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  • इसे ज्यादा मात्रा में न लें।
  • इसे गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान न लें।
  • गर्भवती महिला को कौंच के बीजों वाली कोई भी आयुर्वेदिक दवा नहीं लेनी चाहिए।
  • केवांच की फली के रोयें के संपर्क से शरीर में बहुत खुजली होती है।

24 thoughts on “कौंच बीज चूर्ण Shuddh Konch Churna Detail and Uses in Hindi

  1. Mam,
    Mera name tanish h meri umr 26 saal ki h me kuch glt aadto ke karan jyada hasthmathun krne lga tha to jiske karan mujhe ling me bhut jyada chhotapan agya h normal to bche ki trah dikhta h but jb utejit hota h to 3 4 inch ka hi hota h or mota nhi h jyada. Or girlfriend se bat krte hue hi chipchipa pani sa niklne lgta h ling se. Saris bhi kamjor ho gya h bhut.kripya aap mujhe kaunch ke churan lene ka sahi trika btaye. Mene bhut si dwaiya bhi khai pr aaram nhi hua.

  2. I am 54 have digestive issues like IBS and varicose nerves on left leg,which are troubling in pain on left testicle.
    Can I take this preparation?
    Please guide me

  3. Ye konch beej maine kharide ye white colour k hote hai ya black ?
    Maine jo kharide vo white colour k hai jabki pics me ye black colour k dikha rakhe hai

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