खदिरादी वटी या गुटिका एक आयुर्वेदिक दवा है जिसका मुख्य घटक कत्था या खैरसार है। इसका दवा का उपयोग मुँह के रोगों के उपचार में होता है।
Khadiradi Vati/Khadiradi Gutika is a polyherbal Ayurvedic formulation. The main ingredient of this medicine is catechu. This medicine is useful in treatment of diseases of oral cavity. Here information is given about complete list of ingredients, properties, uses and dosage of this medicine in Hindi language.
खदिरादी वटी या गुटिका एक आयुर्वेदिक दवा है जिसका मुख्य घटक कत्था या खैरसार है। इसका दवा का उपयोग मुँह के रोगों के उपचार में होता है। इसके अतिरिक्त इसको चूसने से मुँह का जायका ठीक होता है। मुँह सूखता नहीं है और कफ पिघल कर निकल जाता है।
नीचे इस दवा के घटक, गुण, सेवनविधि, और मात्रा के बारे में जानकारी दी गयी है।
घटक Ingredients of Khadiradi Vati
कत्था 4 तोला, जावित्री 1 तोला, कंकोल मिर्च 1 तोला, कपूर 1 तोला, सुपारी 1 तोला
बनाने की विधि
खदिरादी वटी को बनाने के लिए कपूर को छोड़ कर शेष द्रव्यों को कूट, कपडछन चूर्ण बनाया जाता है। फिर इसमें कपूर मिला पानी के साथ मर्दन करके २-२ रत्ती की गोलियां बना कर धूप में अच्छी तरह से सुखाया जाता है। ये सूखी गोलियां ही खदिरादी वटी हैं।
मुख्य गुणधर्म और उपयोग Qualities and therapeutic uses
यह दवा शरीर में वात, पित्त और कफ को संतुलित करती है।
- मुंह के छालों में
- दांत के रोग dental diseases, होंठ रोग
- दंत क्षय cavities
- Tonsillitis
- स्वर भंग hoarseness of voice
- जीभ के विकार tongue problems
- तालू आदि के रोग
सेवनविधि और मात्रा How to take and dosage
1 गोली मुंह में रख कर धीरे धीरे इसे चूसना चाहिए। एक-एक कर, एक दिन में 4-5 गोलियाँ चूसी जा सकती हैं।
इसको अधिक मात्रा में लेने से पेट में जलन हो सकती है।
Where to buy
आप इस दवा को सभी फार्मेसी दुकानों पर या ऑनलाइन online खरीद सकते हैं।
Khadiradi Vati खदिरादी वटी को बहुत सी आयुर्वेदिक फार्मास्यूटिकल कंपनियां बनाती है जैसे की बैद्यनाथ, डाबर, पतंजलि, झंडु आदि।