कुक्कुटाण्डत्वक भस्म, एक क्लासिकल आयुर्वेदिक दवाई है। यह मुर्गी के अंडे के छिलके से तैयार की जाती है। कुक्कुट का अर्थ मुर्गी है, अंडात्वक का अर्थ अंडे का छिलका है।
मुर्गी के अंडे का सफेद छिलका लेकर उसे मोटा-मोटा कूट लिया जाता है। इसे मिट्टी के बर्तन में रखकर चंगेरी पौधे Oxalis corniculata का रस इतना भरा जाता है जिससे छिलके डूब जाएँ। इस बर्तन को फिर बंद करके, संधिलेप लगा कर पुट में पकाते हैं। ठण्डा हो जाने पर बर्तन को खोलते हैं तो सफेद भस्म को देखते हैं। अगर यह बन गई होती है तो इसे रख लेते हैं, नहीं तो फिर से पकाना होता है। ज़रूरी होने पर इसे कई पुट देते हैं। इस तरह से कुक्कुटांडत्वक् भस्म बनती है। चंगेरी रस में अंडे के छिलके रख पकाने से इसमें होने वाली अशुद्धियों और टोक्सिन नष्ट हो जाते हैं और साथ ही मानव उपभोग के लिए इसकी उपयुक्तता बढ़ जाती है। पौधे के रस में पका होने से मानव शरीर में इसकी जैवउपलब्धता बढ़ जाती है।
यह दवा बहुत से रोगों में लाभ करती है। यह प्रमेह, धातु विकार, शुक्र दोष, स्वप्नदोष, स्त्री रोग, प्रसव बाद, कमजोरी आदि में लाभप्रद है। यह कैल्शियम का एक समृद्ध स्रोत है और स्वाभाविक रूप से अस्थि घनत्व में सुधार करने में मददगार है। यह आयुर्वेदिक कैल्शियम सप्लीमेंट है।
Kukkutandatvak bhasma is natural calcium supplement. It promotes healthy bone, improves bone mineral density, relieves bone and joint pains, and possesses anti-inflammatory property.
Kashaya Rasa is predominant in kukkutandtwak bhasma. It drives off kleda by virtue of sangrahi, soshana, stambhna, and shleshma prashamana properties of kashaya rasa. It is mainly having ruksha guna. It is sheeta virya. Sheeta virya drugs act in srotasa and cause stambhana.
In case of leucorrhoea, Kukkutanda twak bhasma is administered at the dose of 500 mg, twice daily orally for 3 months. It is to be taken with Honey, which is yogavahi, Lekhana, Ropana, and Sandhana karma and Brimhana.
Clinical Study done on Kukkutanda Twak Bhasma, suggests that the administration of Kukkutanda twak bhasma is highly significant in treating almost all the major symptoms of swetapradara (ie, discharge, itching, consistency, pH, pus cells). In cases of anemia also this drug will provide satisfactory results.
Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.
- दवा का नाम: कुक्कुटाण्डत्वक भस्म, कुक्कुटांड त्वक भस्म Kukkutanda Twak Bhasma, Kukkutandatvak Bhasma, Twak Bhasm, Kukkutand bhasma, Eggshell Calcium, Egg Shell Calx, Eggshell Bhasma
- उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
- दवाई का प्रकार: Calcined Medicine
- मुख्य उपयोग: कैल्शियम सप्लीमेंट
- मुख्य गुण: कैल्शियम स्रोत
कुक्कुटांडत्वक् भस्म के घटक | Ingredients of Kukkutandatvak Bhasma in Hindi
मुर्गी के अंडे के छिलका
केमिकल कम्पोज़िशन
- कैल्शियम कार्बोनेट Calcium Carbonate (CaCO3) 95%
- कैल्शियम फॉस्फेट, मैग्नीशियम कार्बोनेट, प्रोटीन (घुलनशील और अघुलनशील) आदि। Calcium Phosphate, Magnesium Carbonate, Proteins (Soluble and Insoluble) 5%
आयुर्वेदिक गुण और कर्म
- रस (taste on tongue): मधुर/मीठा, कटु/तीखा,
- गुण (Pharmacological Action): लघु/हल्का, मृदु / मुलायम, रुक्ष/सुखाने वाला
- वीर्य (Potency): शीत/ ठंडक देने वाला,
- विपाक (transformed state after digestion): मधुर/मीठा
औषधीय गुण
- कफहर: द्रव्य जो कफदोष निवारक हो।
- गर्भाशयस्राव नाशक: गर्भाशय के स्राव को रोकने वाला।
- बल्य: द्रव्य जो बल दे।
- बाजीकरण: द्रव्य जो रति शक्ति में वृद्धि करे।
- मूत्रकृच्छघ्न: द्रव्य जो पेशाब की जलन में लाभप्रद हो।
- रसायन: द्रव्य जो शरीर की बीमारियों से रक्षा करे और वृद्धवस्था को दूर रखे।
- वाताघ्न: द्रव्य जो वात को कम करे।
- शुक्रप्रवर्तक: द्रव्य जो वीर्य या शुक्र को उत्पन्न और प्रवर्तन करे।
- शुक्रल: द्रव्य जो शुक्र की वृद्धि करे।
- हृदय: द्रव्य जो हृदय के लिए लाभप्रद है।
कुक्कुटांडत्वक् भस्म के लाभ फायदे | Benefits of Kukkutandatvak Bhasma in Hindi
- यह कैल्शियम का अच्छा स्रोत है।
- इसके सेवन सेअस्थि घनत्व में सुधार लाने में मदद हो सकती है।
- यह गठिया और हड्डियों की कमजोरी में लाभप्रद है।
- श्वेत प्रदर में इसके सेवन से लाभ होता है।
- महिलाओं में मासिक धर्म से संबंधित समस्याओं में भी इसका इस्तेमाल होता है।
- चंद्रप्रभा वटी के साथ-साथ, कुक्कुटाण्डत्वक भस्म पेशाब को कम करने में मदद करता है।
- यह जोड़ों के दर्द से राहत और शारीरिक क्षमता को प्राप्त करने में मदद करता है।
- इसमें एन्टासिड गुण है।
- यह रसायन है।
- यह धातुवर्धक और शुक्र धातु को पुष्ट करता है।
- इसके सेवन से ताकत, बल और उर्जा में बढ़ोतरी होती है।
- यह स्पर्मेटोजेनिसिस को बढ़ाता है।
- इसके सेवन से स्पर्म काउंट बढ़ता है।
- यह वीर्य को गाढ़ा करता है।
कुक्कुटांडत्वक् भस्म के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Kukkutandatvak Bhasma in Hindi
कुक्कुटांडत्वक् भस्म को एक आयुर्वेदिक कैल्शियम सप्लीमेंट के रूप में समझा जा सकता है। इसके सेवन से हड्डी का घनत्व बढ़ता है हड्डी-दांत मजबूत होते हैं। इससे जोड़ों में दर्द और हड्डियों के फ्रैक्चर होजाने पर भी लाभ होता है। इसके कुछ औषधीय उपयोगोंके बारे में यहाँ जानकारी डी गई है:
कैल्शियम की कमी
कुक्कुटांडत्वक् भस्म उन सभी स्थितियों में लिया जा सकता है जिसमें हड्डियाँ कमजोर होती है। यदि हड्डियों में खनिज घनत्व कम है, ऑस्टियोपोरोसिस, फ्रैक्चर, अस्थिभक्षण, ऑस्टियोआर्थराइटिस, गठिया, हड्डी में दर्द है, तो इसका सेवन करके देखना चाहिए।
- हड्डियाँ टूट जाना
- हड्डियां कमजोर होना
- हड्डियों का कम घनत्व
- ऑस्टियोपोरोसिस
- ऑस्टियोआर्थराइटिस
- ऑस्टियोपीनिया
- दांत कमजोर होना
स्त्री रोग
- यह स्त्रियों में प्रदर और सोम रोग में लाभप्रद है। सोम रोग में योनि से काफी मात्रा में पानी जैसा स्राव होता है। यह अक्सर कमजोर स्त्रियों में देखा जाता है।
- प्रदर
- सफ़ेद पानी की समस्या, लिकोरिया
- कमजोरी
- सोम रोग
पुरुषों की यौन समस्या
- शारीरिक कमजोरी
- धात गिरना
- रात में सोये में स्खलन होना, नाईट फाल
- वीर्य का पानी जैसा होना
- धात गिरना
पेशाब की समस्या
पेशाब के अधुइक जाने, बूँद बूँद करके जाने और रात में ज्यादा एशाब आना में इसे चन्द्रप्रभा वटी के साथ लेने से फायदा होता है।
बालों की समस्या
- गंजापन, खालित्य
- बालों का असमय सफ़ेद होना
कुक्कुटांडत्वक् भस्म की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Kukkutandatvak Bhasma in Hindi
कुक्कुटांडत्वक् भस्म को लेने की मात्रा 1 रत्ती से 3 रत्ती (125 mg to 375 mg) है। इसे शहद के साथ, दिन में दो बार सुबह और शाम लेना चाहिए। इसे अकेले ही या अन्य कई दवाओं के साथ रोगानुसार लेते हौं।
प्रमेह
कुक्कुटांडत्वक् भस्म 1 रत्ती ( =125 mg) + वंग भस्म 1 रत्ती, को मलाई के साथ खाना चाहिए।
धातु विकार, शुक्र दोष, वीर्य का पतला होना, धात गिरना, सपने में स्खलित हो जाना
कुक्कुटांडत्वक् भस्म 1 रत्ती + इलाइची चूर्ण 4 रत्ती + कान्तलौह भस्म 2 रत्ती, को मिलाकर द्राक्षासव के साथ लेना चाहिए।
स्त्रियों में प्रदर रोग, सफ़ेद पानी की समस्या, सोम रोग
कुक्कुटांडत्वक् भस्म का सेवन 2-3 रत्ती की मात्रा में करें।
प्रसव के बाद
कुक्कुटांडत्वक् भस्म 1 रत्ती + प्रतापलंकेश्वर रस (कुछ दिन के लिए) के साथ, अनार के जूस और दशमूलारिष्ट के साथ लेने से फायदा होता है।
सावधनियाँ Cautions
- इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
- इसे ज्यादा मात्रा में न लें।
कुक्कुटांडत्वक् भस्म के साइड-इफेक्ट्स | Side effects in Hindi
- यह आयुर्वेदिक कैल्शियम सप्लीमेंट है और ज्यादातर लोगों में इसके सेवन से कोई विशेष दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है।
- इसे आप 3 से 6 महीनों नियमित उपयोग कर सकते हैं।
कब प्रयोग न करें Contraindications
- इसे गर्भावस्था में बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लें।
- इसे बताई मात्रा से अधिकता में न लें।
उपलब्धता
- इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
- बैद्यनाथ Baidyanath Kukkutandatwak Bhasma (5gm) प्राइस MRP INR 75
- श्री धूतपापेश्वर Shree Dhootapapeshwar Limited SDL Kukkutandatvak Bhasma
- तथा अन्य बहुत सी फर्मसियाँ।