लीलाविलास रस का सेवन शरीर में बढ़े हुए पित्त को कम करता है और साथ ही पाचन को बेहतर बनाकर अपच, पेट के भारीपन, गैस आदि से राहत देता है।
लीलाविलास रस, एक आयुर्वेदिक दवाई है जिसमें शुद्ध पारा, शुद्ध गंधक, अभ्रक, लोहे, आंवला, और भृंगराज है। यह दवा अम्लपित्त के उपचार में प्रयोग की जाती है। अम्लपित्त, हाइपरएसिडिटी को कहते है। यह एक पित्त विकार है। इस रोग में शरीर में पित्त की कुछ वज़हों से अधिकता हो जाती है और कुपित होकर यह अम्लीय या खट्टा हो जाता है। अम्लपित्त दो शब्दो से मिलकर बना है, अम्ल = खट्टा + पित्त, तो जिसमें पित्त खट्टा हो जाए वही अम्लपित्त है। सामान्य पित्त बिना दुर्गन्ध, नील वर्ण, पीले वर्ण, गर्म तथा कटु होता है। विकृत होने पर ही यह खट्टा या अम्ल-रस का होता है।
पित्त की अधिकता पित्तवर्धक खाना ज्यादा खाने से, गर्म-मसालों के खाने से, पाचन की कमजोरी से, दूषित खाने या बासी खाने से हो सकता है। दो अलग तासीर के भोजनों का साथ में सेवन, मल-मूत्र के वेग को रोकना, ज्यादा नमक खाना, गुस्सा करना, तनाव होना, ज्यादा अचार, चटनी से भी अम्लपित्त हो सकता है। धूप में ज्यादा रहने, ज्यादा पैदल चलना भी इसका कारण माना गया है।
लीलाविलास रस का सेवन शरीर में बढ़े हुए पित्त को कम करता है और साथ ही पाचन को बेहतर बनाकर अपच, पेट के भारीपन, गैस आदि से राहत देता है।
Lilavilas Ras is a herbomineral Ayurvedic medicine indicated in treatment of Amla pitta. It balances pitta and give relief in acidity and associated symptoms.
Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.
लीलाविलास रस के घटक | Ingredients of Leela Vilas Ras in Hindi
- शुद्ध पारद Shuddha Parada) 1 Part
- शुद्ध गंधक Gandha (Shuddha Gandhaka) 1 Part
- ताम्र भस्म Tamra (bhasma) 1 Part
- अभ्रक भस्म Abhra (Abhraka bhasma) 1 Part
- लौह भस्म 1 Part
- बहेड़ा Bibhitaka (P.) 1 Part
- आमला Dhatri (Amalaki) (P.) 1 Part
- हरितकी Haritaki (P.) 2 Part
- काढ़ा बनाने के लिए पानी Water for Decoction Q. S. for bhavana 25 times
- भृंगराज जूस Bhringaja drava (Bhringaraja svarasa) Q. S. for bhavana 25 times
लीलाविलास रस के फायदे | Benefits of Lilavilas Ras in Hindi
- यह रसायन पित्त को कम करता है।
- पित्त के बढ़ने पर शरीर में जलन, आँखों में जलन, पेशाब की जलन, उल्टी आदि लक्षण पैदा करता है।
- इस दवा के सेवन से पित्त विकार देता है।
- यह मूत्र रोगों, लीवर रोगों, और अपच को दूर करने में मदद करता है।
- यह पेट और लीवर के काम को सही करता है।
- यह शरीर में पाचन को सही कर बल की वृद्धि में सहयोगी है।
लीलाविलास रस के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Lilavilas Ras in Hindi
यह रस-औषधि अम्लपित्त की चिकित्सा में प्रयोग की जाती है। इसके सेवन से पित्त-विकार दूर होते है। यह दवा पेशाब में जलन, अधिक प्यास, उल्टी, सीने में जलन, आँखों में जलन आदि को दूर करता है।
अम्लपित्त (खट्टी डकार, छाती में जलन, पेट में, भारीपन, बार-बार सिर में दर्द , सुस्ती, शरीर में जलन और दर्द)
लीलाविलास रस की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Lilavilas Ras in Hindi
- 1 गोली, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
- इसे शहद/दाड़िमावलेह/कुष्मांडावलेह/आंवले के रस, के साथ लें।
- इसे भोजन करने के बाद लें।
- या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
This medicine is manufactured by Baidyanath (Lilavilas Ras), Dabur and many other Ayurvedic pharmacies.