यह एक दर्द-निवारक तेल है और दर्द में राहत देता है। यह सभी प्रकार के जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में उपयोगी है। जैसा की नाम से ही पता चलता है यह तेल अत्यंत विषैला है।
महाविषगर्भा तेल, औषधीय हर्बल तेल है जो की बाह्य रूप से जोड़ों के दर्द, सूजन, स्टिफनेस, मांसपेशियों में दर्द आदि के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह एक दर्द-निवारक तेल है और दर्द में राहत देता है। यह सभी प्रकार के जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में उपयोगी है। जैसा की नाम से ही पता चलता है यह तेल अत्यंत विषैला है। इस तेल में कई विषाक्त पदार्थ हैं (धतूरा, कनेर, आक, विषमुष्टी, आदि) इसलिए इस तेल को कभी भी मुंह या आँखों के संपर्क में नहीं आने देना चाहिए। हर उपयोग के बाद अच्छे से बंद कर बच्चों की पहुँच से दूर रहना चाहिए और हाथों को साबुन से पूरी तरह से साफ़ कर लेना चाहिए।
Maha Vishgarbha Tail is an herbal medicated oil. It applied externally to get relief from pain, inflammation and stiffness. It contains toxic medicinal herbs. Therefore, the hands should be washed properly after every use. It should be kept away from children\’s reach. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.
महाविषगर्भा तेल के घटक | Ingredients of Maha Vishgarbha Tail in Hindi
- महाविषगर्भा तेल को 72 घटकों से बनाया गया है. तिल का तेल बेस ऑइल है.
- तिल तैल (Ol.) 768 g
48 g Each:
कनक (Dhattura) (Rt.), निर्गुण्डी (Rt.), तुम्बिनी (Fr.), पुनर्नवा (रक्त पुनर्नवा ) (Rt.), वातारि (एरंड ) (Rt.), अश्वगंधा (Rt.), प्रपुन्नाडा (चक्रमर्द ) (Sd.), चित्रक (Rt.), शोभांजना (St. Bk.), काकमाची (Pl.), कलिहारी (Langali) (Rz.), निम्ब (St. Bk.), महानिम्ब (St. Bk.), ईश्वरी (Rt.), बिल्व (Rt./St. Bk.), श्योनक (Rt./St. Bk.), गंभारी (Rt./St. Bk.), पाटला (Rt./St. Bk.), अग्निमन्थ (Rt./St. Bk.), शालपर्णी (Pl.), पृश्निपर्णी (Pl.), बृहती (Pl.), कंटकारी (Pl.), गोक्षुर (Pl.), शतावरी (Rt. Tr.), करावल्ली (Fr.), सारिवा (श्वेता सारिवा ) (Rt.), श्रावणी (Mundi) (Pl.), विदारी (Rt.Tr.), वज्र (स्नुही ) (Rt.), अर्का (Rt.), मेषश्रृंगी (Lf.), श्वेता करवीर (Rt.), रक्त करवीर (Rt.), वाचा (Rz.), काकजंघा (Sd.), बाला (Rt.), अतिबला (Rt.), नागबला (Rt.), व्याघ्री (कंटकारी ) (Rt.), महाबला (Rt.), वासा (Rt.), सोमवल्ली (Rt.), प्रसरणी (प्रसारिणी ) (Pl.);
Water for decoction 12.288 l reduced to 3.072.
192 g Each:
सुण्ठी (Rz.), मरीचा (Fr.), पिप्पली (Fr.), विषतिन्दु (विषमुष्टि ) (Sd.), रसना (Rt./Lf.), कुष्ठ (Rt.), विष (Ativisha) (Rt.Tr.), घाना (Musta) (Rz.), देवदारु (Ht.Wd.), वत्सनाभ (Rt.Tr.), यवाक्षरा (Yava) (Pl.), स्वर्जिक्षरा (Sarjikshara), सैंधव लवण , सुवर्चल लवण , विड लवण , औद्भिदा लवण , समुद्र लवण , तुतथका (Tuttha), कट्फला (St. Bk.), पाठा (Rt.), भारंगी (Rt.), नवसादरा , त्रायन्ति (त्रयमाना ) (Pl.), धन्वायसा (Pl.), जीरक (श्वेता जीरक ) (Fr.), इन्द्रवरूनी (Rt.)
महाविषगर्भा तेल के लाभ | Benefits of Maha Vishgarbha Tail in Hindi
- यह जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द, जकड़न और सूजन में राहत देता है।
- यह रक्त परिसंचरण में सुधार करता है ।
- यह जोड़ों और मांसपेशियों को शक्ति देता है।
- यह कान के बजने और शरीर के किसी हिस्से के सुन्न/नम्ब होने पर भी लगाया जाता है।
- यह वात-विकारों के लिए बाह्य रूप से लगाया जाने वाला उपयोगी तेल है।
महाविषगर्भा तेल के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Maha Vishgarbha Tail in Hindi
- वात-रोग जैसे की गठिया, आर्थराइटिस, रयूमेटीज्म, पीठ दर्द
- साइटिका, कटिस्नायुशूल, लूम्बेगो
- मांसपेशियों में दर्द
- नसों का दर्द
- सभी अंगों में जकड़न
- स्पर्श अनुभूति का अभाव
- कर्णनाद
- कटिस्नायुशूल Gridhrasi
- टिटेनस
महाविषगर्भा तेल की प्रयोग विधि | How to Use Mahamarichyadi Taila in Hindi
- यह तेल केवल बाहरी उपयोग के लिए है।
- इसे प्रभावित हिस्सों पर लगायें।
- लगाने के बाद हाथों को अच्छे से धों लें।
- तेल को आँखों और मुंह के संपर्क में न आने दें।
- इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
This medicine is manufactured by Baidyanath (MahavishGarbha Tel/ Mahavishgarh Oil), Kamdhenu laboratories (Maha Vish Garbha Tail), Multani (Maha Vishgarbha Tail), (Maha Vishgarba Oil) and many other Ayurvedic pharmacies.