मुलेठी क्वाथ, लिकोरिस या मुलेठी से बने काढ़े को कहते हैं। मुलेठी का काढ़ा कफजन्य रोगों, गले के संक्रमण, अम्लता, अपच और अन्य पेट संबंधी बीमारियों में लाभप्रद है।
मुलेठी आयुर्वेद में बहुत जानी-मानी औषधि है। यह स्वाद में मीठी होती है तथा पेट के अल्सर, कफ-रोग, पित्त-रोग, गैस, एसिडिटी आदि के उपचार में प्रयोग की जाती है। मुलेठी का लैटिन नाम ग्लाइसाईरिजा ग्लाब्रा Glycyrrhiza Glabra (glukus=sweet and rhiza=root) है जिसका शाब्दिक अर्थ है, मीठी जड़।
मुलेठी को संस्कृत में यश्ठी कहते हैं इंग्लिश में इसका नाम लिकोरिस है। मुलेठी क्वाथ, लिकोरिस या मुलेठी से बने काढ़े को कहते हैं। मुलेठी का काढ़ा कफजन्य रोगों, गले के संक्रमण, अम्लता, अपच और अन्य पेट संबंधी बीमारियों में लाभप्रद है। काढ़ा बनाने के लिए मुलेठी को पानी में उबाला जाता है और इसे छान कर गर्म-गर्म पीया जाता है। मुलेठी के साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं अगर ज्यादा मात्र में लम्बे समय तक इस्तेमाल की जाए तो।
‘मुलेठी क्वाथ’ Divya Mulethi Kwath नाम से, यह दवा पतंजलि दिव्य फार्मासी द्वारा उपलब्ध है।
Mulethi decoction is expectorant, demulcent, laxative, tonic, emollient, cooling, diuretic and emmenagogue. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.
मुलेठी क्वाथ के घटक | Ingredients of Mulethi Kwath in Hindi
- प्रत्येक ५ ग्राम में:
- मुलेठी ५ ग्राम
मुलेठी क्वाथ के लाभ | Benefits of Mulethi Kwath in Hindi
- यह कफ को कम करता है।
- यह पित्त को कम करता है।
- यह जोड़ों के दर्द, सूजन से राहत देता है।
- यह लीवर और पाचन के लिए अच्छा है।
- यह शरीर को ठंडक देता है।
- यह सूजन को कम करता है।
- यह कफ और गले के रोगों को दूर करते हैं।
मुलेठी क्वाथ के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Mulethi Kwath in Hindi
- मुलेठी का काढ़ा, अम्लपित्त, पेट के अन्य रोग और शरीर में बढ़े हुए कफ के कारण होने वाले रोगों में लाभप्रद है।
- अम्लपित्त
- गैस
- जोड़ों का दर्द
- कोलेस्ट्रोल का ज्यादा होना
- कफ जन्य रोग
- पित्त जन्य रोग
- अपच
- बाहरी रूप से, इस काढ़े से मुंह धोने पर यह त्वचा को मॉइस्चराइज और साफ़ करता है। यह एंटीबैक्टीरीयल है।
मुलेठी क्वाथ की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Mulethi Kwath in Hindi
लगभग 400 मिलीलीटर पानी में हर्ब का सूखा कुता पाउडर 5-10 ग्राम डाल कर उबालें, जब 100 मिलीलीटर बचा रहे तो छान लें। आप इसे और देर तक उबाल कर पानी की मात्रा को और कम कर सकते हैं। इसे सुबह खाली पेट और शाम को खाने से एक घंटे पहले लें।
इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
मुलेठी क्वाथ को लगातार कितने दिन तक उपयोग कर सकते है पेट की समस्या में । मुझे अम्लपित्त की समस्या है । pls बताये
jethimadha churna raat ko khali pate liya ja sakta hae ????
yes why not, better to make kadha and consume it. Read in post.