नारायण तेल यह एक औषधीय तेल है जिसक वर्णन भैषज्य रत्नावली के वातव्याधिकार में है। क्योंकि यह एक क्लासिकल दवाई है और आयुर्वेद के प्राचीन ग्रन्थों में वर्णित है इसे बहुत सी आयुर्वेदिक फार्मेसी बना रही हैं।
नारायण तेल की मालिश से जोड़ों में दर्द, पीठ दर्द, पसलियों में दर्द, गले और काफ की चोट, कुछ हिस्से में दर्द या शरीर के पूरे हिस्से में दर्द से त्वरित और स्थायी राहत प्रदान करता है। इस तेल के साथ मालिश त्वचा, तंत्रिकाओं, मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करती है। इसे लगा कर तब तक की जानी चाहिए जब तक तेल शरीर के द्वारा सोख न लिया जाए। मालिश के बाद अंगों को गर्म कपड़े से तुरन्त ही ढक देना चाहिए।
नारायण तेल को न केवल बाह्य बल्कि आंतरिक प्रयोग के लिए आयुर्वेद में बताया गया है। इसका प्रयोग पीने, मालिश, भोजन या चाय में मिलाकर, और बस्ति enema के रूप में होता है। इस तेल के सेवन से सभी प्रकार की वातव्याधि जैसे एक साइड फालिस, हाथ-पैर कांपना, बहरेपन, सीमन की कमी, दर्द, सूजन, सिर में दर्द, आदि रोगों में लाभ होता है। इससे स्त्री बाँझपन में भी फायदा होता है और योनि के रोग दूर होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार इस तेल का नस्य लेने से मानसिक विकारों Nasya, or nasal administration of oil, often for psychological problems में लाभ होता है।
इसका बेस तेल तिल का तेल है। तिल का तेल, भारी, संकोचक और स्वाभाव से गर्म है। मालिश करने के लिए यह बहुत ही लाभकारी है। तिल के तेल को मालिश के तेल बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। यह शरीर में वात को कम करता है। इससे मालिश करने से गर्मी आती है। यह दर्द और जोड़ों की जकड़न को दूर करता है।
यद्यपि इसे आंतरिक रूप से इस्तेमाल कर सकते हैं, आप ऐसा केवल डॉक्टर के निर्देश पर ही करें। इसके लिए लेबल पर चेक करन भी ज़रूरी है कि तेल आंतरिक इस्तेमाल के लिए है भी या नहीं।
दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा यह भी दावा नहीं है कि यह आपके रोग को एकदम ठीक कर देगी। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।
- पर्याय: Narayan Oil, Narayana Thailam
- उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
- दवाई का प्रकार: आयुर्वेदिक हर्बल तेल
- मुख्य उपयोग: वात रोग
- मुख्य गुण: वात दोष दूर करना
Narayana Thailam is useful in degenerative conditions, arthritis, Spondylitis, joint pain, back pain, body pain, and other Vata Roga. It nourishes body, especially the musculoskeletal tissues. It is powerful pain-relieving oil and provide the quicker and longer-lasting relief than any other oil in Vata roga. It eliminates inflammation or stiffness in the joints.
Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and how to use in Hindi language.
नारायण तेल के घटक | Ingredients of Narayan Oil in Hindi
- Bilva (Rt./St.Bk.) 480 g
- Agnimantha (Rt./St.Bk.) 480 g
- Shyonaka (Rt./St. Bk.) 480 g
- Patala (Rt./St. Bk.) 480 g
- Paribhadra (St. Bk.) 480 g
- Prasarini (Pl.) 480 g
- Ashvagandha (Rt.) 480 g
- Brihati (Pl.) 480 g
- Kantakari (Pl.) 480 g
- Bala (Rt.) 480 g
- Atibala (Rt.) 480 g
- Shvadanshtra (Gokshura) (Pl.) 480 g
- Punarnava (Rakta Punarnava) (Rt.) 480 g
- Water for decoction 49.152 l reduced to 12.288 l
- Taila (Tila) (Ol.) 3.072 kg
- Shatapushpa (Shatahva) (Fr.) 96 g
- Devadaru (Ht. Wd.) 96 g
- Mansi (Jatamansi) (Rt./Rz.) 96 g
- Shaileyaka (Shaileya) (Pl.) 96 g
- Vaca (Rz.) 96 g
- Candana (Raktacandana) (Ht. Wd.) 96 g
- Tagara (Rt./Rz.) 96 g
- Kushtha (Rt.) 96 g
- Ela (Sukshmaila) (Sd.) 96 g
- Shalaparni (Pl.) 96 g
- Prishniparni (Pl.) 96 g
- Mudgaparni (Pl.) 96 g
- Mashaparni (Pl.) 96 g
- Rasna (Rt./Lf.) 96 g
- Turagandha (Ashvagandha) (Rt.) 96 g
- Saindhava lavana 96 g
- Punarnava (Rakta Punarnava) (Rt.) 96 g
- Shatavararasa (Shatavari) (Rt. Tr.) 3.072 l
- Gavyakshira (Godugdha) 12.288 l
नारायण तेल के लाभ / फायदे | Benefits of Narayan Oil in Hindi
नारायण तेल को मुख्य रूप से जोड़ों की मालिश और दर्द में इस्तेमाल करते हैं।
नियमित रूप से महानारायण तेल की मालिश खून के दौरे को बढ़ा देती है, जिससे आस-पास की मांसपेशियों में रक्त की आपूर्ति बढ़ जाती है और नसों को ताकत मिलती है जिससे दर्द से स्थायी राहत मिलती है।
नारायण तेल की मालिश दर्द को ठीक करने केलिए अच्छा प्राकृतिक उपाय है।
नारायण तेल के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Narayan Oil in Hindi
नारायण तेल की उपयोग विधि
- इसे प्रभावित जगह पर दिन में दो-तीन बार लगाया जाना चाहिए।
- इसको आंतरिक रूप से लेने की मात्रा 5 ml तक की है। इसे गर्म चाय या गर्म पानी या गर्म दूध के साथ ले सकते हैं।
- इस्की कुछ बूंदे नाक में नस्य के लिए डाली जाती है।
- आंतरिक प्रयोग से पहले तेल की बोतल के लेबल को इसके प्रयोग प्रयोगों के लिए दिए गए दिशा निर्देश पढ़ें।
सावधनियाँ/ साइड-इफेक्ट्स/ कब प्रयोग न करें Cautions/Side effects/Contraindications in Hindi
इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
प्रयोग से पहले पैच टेस्ट करें। यदि किसी प्रकार का कोई रिएक्शन न दिखे तो प्रयोग और जगहों पर करें।
उपलब्धता
इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
- Dindayal Narayan Taila Oil
- Sri Sri Ayurveda Narayan Taila
- तथा अन्य बहुत सी फर्मसियाँ।