पतंजलि जहरमोहरा पिष्टी Patanjali Jaharmohra Pishti (AFI) in Hindi एक क्लासिकल यूनानी दवाई है जिसे आयुर्वेद में भी प्रयोग किया जाता है।
जहरमोहरा पिष्टी में हल्के मूत्रवर्धक गुण होते हैं जो शरीर से विषाक्त पदार्थ को साफ करते हैं। यह धमनियों और हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करने में सहयोगी है। यह मांसपेशियों को रिलैक्स करने में भी मदद करती है। इसमें विषघ्न गुण होते हैं जो पशु या कीड़े के काटने से सूजन का इलाज करते हैं।
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Jaharmohra Pishti (Patanjali) is mineral Ayurvedic medicine. It is Powder of serpentine orephite. Jaharmohra is useful in many clinical conditions like heart diseases, palpitation, weakness of heart, burning sensation in body, liver disorder, cholera, nausea, vomiting, indigestion, gastritis, Pitta related disorders, heart burn, headache and gastro-enteritis etc. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.
- दवा का नाम: पतंजलि जहरमोहरा पिष्टी Patanjali Jaharmohra Pishti, Divya Jahar Mohra Pishti
- प्रकार: भस्म और पिष्टी
- उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
- मुख्य उपयोग: विष के कारण उपद्रव, पेट के विकार, जलन, हैजा, दस्त, सूखा रोग आदि
- मुख्य गुण: विष नाशक, दिल और दिमाग को ताकत देना
- दोष इफ़ेक्ट: वात-पित्त और काफ को संतुलित करना
- गर्भावस्था में प्रयोग: बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं प्रयोग करें
- मूल्य MRP: पतंजलि जहरमोहरा पिष्टी 5 gram @ 20 रुपये
पतंजलि जहरमोहरा पिष्टी के घटक | Ingredients of Patanjali Jaharmohra Pishti in Hindi
- जहरमोहरा
- गुलाब जल
पतंजलि जहरमोहरा पिष्टी के फायदे | Benefits of Patanjali Jaharmohra Pishti in Hindi
- इसके सेवन से शरीर में जलन दूर होती है।
- यह उच्च रक्तचाप कम करती है।
- यह जहर या विष को शरीर से दूर करने के लिए प्रयोग की जाती है और इसलिए ही ज़हर मोहरा कहलाती है।
- यह ताकत को बढ़ाती है।
- यह दिल की कमजोरी में उपयोगी है।
- यह दिल की घबराहट में आराम देती है।
- यह पुराने बुखार में लाभप्रद है।
- यह बच्चों के लिए अमृततुल्य मानी गई है।
- यह बच्चों के शोष/सूखा रोग में अत्यंत लाभकारी है।
- यह बदहज़मी, उलटी-कै-वमन, में लाभप्रद है।
- यह मुख्य रूप से हृदय, मस्तिष्क और आँतों को बल देने वाली दवा है।
- यह विसूचिका/हैजा, दस्त, हरे पीले स्टूल आना, आदि में फायदेमंद है।
- यह वीर्य में वृद्धि करती है।
प्रधान कर्म
- कफहर: द्रव्य जो कफ को कम करे।
- ग्राही: द्रव्य जो दीपन और पाचन हो तथा शरीर के जल को सुखा दे।
- ज्वरहर: द्रव्य ज्वर को दूर करे।
- त्रिदोषजित: वात-पित्त और कफ को संतुलित करने वाला।
- दीपन: द्रव्य जो जठराग्नि तो बढ़ाये लेकिन आम को न पचाए।
- पित्तहर: द्रव्य जो पित्तदोष पित्तदोषनिवारक हो। antibilious
- विषहर : द्रव्य जो विष के प्रभाव को दूर करे।
- व्रण रोपण: घाव ठीक करने के गुण।
- शिथिलतानाशक: शिथिलता को संकुचित करने वाला।
- शोथहर: द्रव्य जो शोथ / शरीर में सूजन, को दूर करे। antihydropic
पतंजलि जहरमोहरा पिष्टी के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Patanjali Jaharmohra Pishti in Hindi
- अजीर्ण, कै, उल्टी
- अतिसार
- गंदे पानी के कारण होने वाले रोग
- घबराहट
- जीर्ण ज्वर
- दिल की घबराहट, उच्च रक्त चाप, रक्त चाप से आँखों में लाली, सर में दर्द
- पित्तरोग
- बालकों के हरे-पीले दस्त एवं सूखा रोग
- यकृत विकार
- शरीर में ज़हर
- हैजा, संक्रामक रोग
जहर मोहरा पिष्टी की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Patanjali Jaharmohra Pishti in Hindi
- इसे लेने की मात्रा 1-2 रत्ती / 125mg-250mg दिन में दो बार से चार बार है।
- इसे शहद, मौसंबी के जूस, अनार के जूस, दाड़िमावलेह, गाय के दूध, चन्दन के अर्क, गुलाब जल अथवा अन्य रोग निर्धारित अनुपान के साथ लेना चाहिए।
- या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
जहर मोहरा पिष्टी के इस्तेमाल में सावधनियाँ | Cautions in Hindi
- गर्मी के कारण होने वाले फोड़े-फुंसी, विस्फोट, आदि में इसे गुलाब जल, अर्क चन्दन अथवा नीम की छाल के काढ़े के साथ लेना चाहिए।
- उम्र और ताकत पर विचार करते हुए और किसी वैद्य की विशेषज्ञ सलाह के साथ, दवा का उचित अनुपात में उचित अनुपान के साथ इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
- इस दवा को डॉक्टर की देख-रेख में ही लें।
- इसे ज्यादा मात्रा में न लें।
जहर मोहरा पिष्टी के साइड-इफेक्ट्स | Patanjali Jaharmohra Pishti Side effects in Hindi
निर्धारित खुराक में लेने से दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
जहर मोहरा पिष्टी को कब प्रयोग न करें | Contraindications in Hindi
- इसे गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान बना डॉक्टर की सलाह के नहीं लें।
- यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।
- समस्या अधिक है, तो डॉक्टर की राय प्राप्तकर सही उपचार कराएं जिससे रोग बिगड़े नहीं।
भंडारण निर्देश
- सूखी जगह में स्टोर करें।
- इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।