पंचगव्य घृत, पंचगव्य के सभी पांच घटकों से तैयार किया जाता है। इसे यकृत रोग, बुखार, सूजन, एनीमिया और एक टॉनिक के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसके सेवन से शरीर में ताकत आती है। यह पौष्टिक होने के साथ-साथ शरीर के भीतर की रूक्षता को दूर करता है और कब्ज़ से राहत देता है।
आयुर्वेद में, पंचगव्य गाय से प्राप्त पाँच महत्वपूर्ण पदार्थों, दूध, घी, दही मूत्र और गोबर का वर्णन करने के लिए प्रयुक्त शब्द है। पंचगव्य घृत, पंचगव्य के सभी पांच घटकों से तैयार किया जाता है। इसे यकृत रोग, बुखार, सूजन, एनीमिया और एक टॉनिक के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसके सेवन से शरीर में ताकत आती है। यह पौष्टिक होने के साथ-साथ शरीर के भीतर की रूक्षता को दूर करता है और कब्ज़ से राहत देता है। यह पाचक और बस्ती को शुद्ध करता है। यह धातुक्षीणता को दूर करता है और शरीर को सबल बनता है।
Panchagavya Ghrita is a medicated Ghee. It contains five components viz. cow milk, ghee and curd from cow milk, cow urine and fresh cow dung juice. It is useful against mania, epilepsy, fever and jaundice. It improves cognitive performance. It has anti-epileptic, anti-convulsing, anti-seizure, and antioxidant properties. Its intake protects liver and gives relief in swelling. It is also useful in Obsessive Compulsive Disorder (OCD).
It gives strength and cures internal dryness. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.
पंचगव्य घृत के घटक | Ingredients of Panchagavya Ghrita in Hindi
- गोमय स्वरस (watery substance of cow\’s dung) 3.072 l
- क्षीर milk (Go-dugdha) 3.072 l
- दधि curd (Go-dadhi) 3.072 kg
- मूत्र cow\’s urine (Go-mutra) 3.072 l
- घी Go-ghrita 768 g
पंचगव्य घृत के लाभ | Benefits of Panchagavya Ghrita in Hindi
- यह यकृत की रक्षा करता है।
- इसमें रक्त शोधन गुण है।
- यह मुख्य रूप से तंत्रिका तंत्र और मनोवैज्ञानिक रोगों में प्रयोग किया जाता है।
- यह स्रोतों को साफ़ करता है।
- यह त्रिदोषनाशक है।
- यह विशेष रूप से मिरगी, उन्माद/मनोविकृति और तंत्रिकाजन्य विकारों में अत्यंत लाभप्रद है।
- यह मस्तिष्क को शक्ति देता है।
- यह अत्यंत पौष्टिक है।
- यह स्निग्ध है और आन्तरिक रूक्षता दूर करता है।
- यह वज़न, कान्ति, और पाचन को बढ़ाता है।
- यह कब्ज़ से राहत देता है।
- यह दिमाग, नसों, मांस, आँखों, मलाशय आदि को शक्ति प्रदान करता है।
- यह धातुओं को पुष्ट करता है।
- यह पित्त विकार को दूर करता है।
पंचगव्य घृत के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Panchagavya Ghrita in Hindi
- मिरगी
- पागलपन
- पीलिया
- मलेरिया/टाइफाइड, विषम ज्वर
- मनोभ्रंश, अवसाद और अल्जाइमर रोग
- ओबसेसिवे कम्पलसिव डिसऑर्डर
पंचगव्य घृत की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Panchagavya Ghrita in Hindi
- 5 ग्राम- 12 ग्राम दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
- इसे दूध अथवा गर्म पानी के साथ लें।
- या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
कृपया ध्यान दें, आयुर्वेदिक दवाओं की सटीक खुराक आयु, ताकत, पाचन शक्ति का रोगी, बीमारी और व्यक्तिगत दवाओं के गुणों की प्रकृति पर निर्भर करता है।
मोटापा, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल में एहतियात के साथ इस दवा का उपयोग करना चाहिए।
इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
उपलब्धता
This medicine is manufactured by AVP (Panhagavya Gritham), Arya Vaidya Sala (Panchagavya Ghritam), Atharv\’s (Panchagavya Ghritam), Vaidyaratnam (Panchagavyam Ghrutham), Nisarg (Panchagavya Ghrita), Nagarjuna (Panchagavya Ghrutham), and many other Ayurvedic pharmacies.