Know about Ayurvedic medicine Patanjali Arogya Vati to increase immunity and increase viral disease like viral fever, dengue fever, chukunguniya etc. Details of it's herbal ingredients, health benefits, safe dosage, how to use Arogya Vati and price.
आरोग्य वटी, स्वामी रामदेव की पतंजलि दिव्य फार्मेसी में निर्मित आयुर्वेदिक दवा है। क्योंकि यह आरोग्य (बिना रोग) करने वाली गोली है इसलिए आरोग्य वटी कहलाती है।
इस दवा में केवल तीन हर्ब हैं, गिलोय, नीम और तुलसी। इस दवा का सेवन मुख्य रूप से शरीर की इम्युनिटी / रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
गिलोय, नीम और तुलसी जैसे मजबूत एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण यह दवाई शरीर के सही काम करने में मदद करती है। इसके सेवन से ज्वर, कफ, त्वचा रोगों, प्रमेह आदि में लाभ होता है। नीम का रक्त साफ़ करने का गुण तो सर्वविदित है। नीम को तो सर्वरोगनिवारिण भी कहा जाता है। इसी प्रकार गिलोय आयुर्वेद की प्रमुख रसायन औषधि है। इसके सेवन से लीवर की रक्षा होती है और लीवर फंक्शन ठीक होता है। डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया आदि जैसे मच्छर जनित बुखारों में नीम और गिलोय के सेवन से अत्यंत लाभ होता देखा गया है। तुलसी भी अनेकों रोगों में लाभप्रद है।
इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें।
Patanjali Arogya Vati is completely herbal Ayurvedic medicine from Divya Pharmacy. This medicine is herbal combination of Giloy, Neem and Tulsi. It is mainly indicated in low immunity. Arogya Vati helps to boost immunity and helps to prevent recurrent infections.
Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.
- निर्माता / ब्रांड: पतंजलि दिव्य फार्मेसी
- उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
- दवाई का प्रकार: हर्बल आयुर्वेदिक दवाई
- मुख्य उपयोग: रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना
- मुख्य गुण: एंटीऑक्सीडेंट, रसायन और इम्युनिटी बूस्टर
- दवा का अनुपान: गर्म जल
- दवा को लेने का समय: दिन में दो बार, प्रातः और सायं
- दवा को लेने की अवधि: कुछ महीने
- मूल्य MRP: Arogya Vati 40 gm @ Rs. 60.00
आरोग्य वटी के घटक | Ingredients of Patanjali Arogya Vati in Hindi
- गिलोय Giloy extract 250 mg
- नीम Neem 125 mg
- तुलसी Tulsi 125 mg
- Excpients –q.s.
जानिए दवा के घटकों के बारे में
1- गिलोय टिनोस्पोरा कोरडीफ़ोलिया
गिलोय आयुर्वेद की बहुत ही मानी हुई औषध है। इसे गुडूची, गुर्च, मधु]पर्णी, टिनोस्पोरा, तंत्रिका, गुडिच आदि नामों से जाना जाता है। यह एक बेल है जो सहारे पर कुंडली मार कर आगे बढती जाती है। इसे इसके गुणों के कारण ही अमृता कहा गया है। यह जीवनीय है और शक्ति की वृद्धि करती है। इसे जीवन्तिका भी कहा जाता है।
दवा के रूप में गिलोय के अंगुली भर की मोटाई के तने का प्रयोग किया जाता है। जो गिलोय नीम के पेड़ पर चढ़ कर बढती है उसे और भी अधिक उत्तम माना जाता है। इसे सुखा कर या ताज़ा ही प्रयोग किया जा सकता है। ताज़ा गिलोय को चबा कर लिया जा सकता है, कूंच कर रात भर पानी में भिगो कर सुबह लिया जा सकता है अथवा इसका काढ़ा बना कर ले सकते है। गिलोय को सुखा कर, कूट कर, उबाल कर और फिर जो पदार्थ नीचे बैठ जाए उसे सुखा कर जो प्राप्त होता है उसे घन सत्व कहते हैं और इसे एक-दो ग्राम की मात्रा में ले सकते हैं।
गिलोय वात-पित्त और कफ का संतुलन करने वाली दवाई है। यह रक्त से दूषित पदार्थो को नष्ट करती है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। यह एक बहुत ही अच्छी ज्वरघ्न है और वायरस-बैक्टीरिया जनित बुखारों में अत्यंत लाभप्रद है। गिलोय के तने का काढ़ा दिन में तीन बार नियमित रूप से तीन से पांच दिन या आवश्कता हो तो उससे अधिक दिन पर लेने से ज्वर नष्ट होता है। किसी भी प्रकार के बुखार में लीवर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में गिलोय का सवेन लीवर की रक्षा करता है।
- मलेरिया के बुखार में इसके सेवन से बुखार आने का चक्र टूटता है।
- यदि रक्त विकार हो, पुराना बुखार हो, यकृत की कमजोरी हो, प्रमेह हो, तो इसका प्रयोग अवश्य करना चाहिए।
- इसके अतिरित गिलोय को टाइफाइड, कालाजार, कफ रोगों, तथा स्वाइन फ्लू में भी इसके प्रयोग से आशातीत लाभ होता है।
2- नीम अजादिरीक्टा इंडिका
नीम को आयुर्वेद में निम्ब, पिचुमर्द, पिचुमंद, तिक्तक, अरिष्ट, पारिभद्र, हिंगू, तथा हिंगुनिर्यास कहा जाता है। इंग्लिश में इसे मार्गोसा और इंडियन लीलैक, बंगाली में निमगाछ निम्ब, गुजराती में लिंबडो, और हिंदी में नीम कहा जाता है। नीम को फ़ारसी में आज़ाद दरख्त कहा जाता है। नीम का लैटिन नाम मेलिया अजाडीरीक्टा या अजाडीरीक्टा इंडिका है।
नीम शीत वीर्य/स्वभाव में ठंडा (बीज, तेल छोड़ कर), कड़वा, पित्त और कफशामक, और प्रमेह नाशक है। यह खांसी, अधिक कफ, अधिक पित्त, कृमि, त्वचा विकारों, अरुचि, व्रण आदि में लाभकारी है। नीम के पत्ते, आँखों के लिए हितकारी, वात-कारक, पाक में चरपरे, हर तरह की अरुचि, कोढ़, कृमि पित्त और विष नाशक हैं।
3- तुलसी ओसिमम संकटम
तुलसी की पत्तियों के स्वास्थ्य लाभ के बारे में तो सभी को पता है। यह गुणों की खान है और इसके फायदों के बारे में तो पूरी- पूरी किताबें लिखी जा सकती है। तुलसी के पत्तो के सेवन से सर्दी, खांसी, जुखाम, बुखार, इम्युनिटी की कमी, तथा अनेकों तरह के रोग दूर होते हैं। यह मन को शांत रखते हैं और अवसाद तथा तनाव को दूर करते हैं। तुलसी के पत्तों का सेवन उर्जा देता है, हार्मोन का संतुलन करता है, संक्रमण से बचाता है, और तनाव को दूर करता है।
तुलसी एक प्रबल antihistaminic है जो bronchospasms पराग-प्रेरित अस्थमा को रोकने में बहुत उपयोगी है | पवित्र तुलसी में नाइट्रिक ऑक्साइड पाया जाता है, जो की एक बहुत अच्छा antioxidant है | यह एलर्जी श्वसन विकारों के उपचार में उपयोगी है।
आरोग्य वटी के फायदे | Benefits of Patanjali Arogya Vati in Hindi
- यह रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।
- यह लीवर फंक्शन को सही करती है इसके सेवन से कोलेस्ट्रोल, ट्राइग्लिसराइड लेवल, LDL लेवल कम होता है।
- यह आंतों से विषाक्तता बाहर करती है।
- यह यकृत को स्वस्थ करती है।
- यह रसायन, दीपन, पाचन, शरीर से गन्दगी निकलने वाली, और मल को साफ़ करने वाली दवा है।
- यह वात और कफ दोष को संतुलित करती है।
- यह शरीर में फ्री रेडिकल का बनना कम करती है।
- यह लीवर फंक्शन को सही करती है।
- यह लीवर की रक्षा करती है।
- इसके सेवन से आरोग्य आता है।
आरोग्य वटी के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Patanjali Arogya Vati in Hindi
- पुराना बुखार / क्रोनिक फीवर Jirna jvara (Chronic fever)
- वात-पित्त-कफ दोषों के कारण उत्पन्न बुखार
- इन्फेक्शन जो की इम्युनिटी की कमी के कारण बार-बार होते हैं
- चमड़ी के रोग
- इम्युनिटी की कमी
- मच्छर जनित बुखार (डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया)
- स्वाइन फ्लू
- शारीरिक, मानसिक कमजोरी
- यकृत रोग
- यकृत कमजोरी
- रक्त शर्करा का बढ़ा स्तर
- गठिया, यूरिक एसिड का बढ़ जाना
आरोग्य वटी की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Patanjali Arogya Vati in Hindi
- 1-2 गोली, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
- इसे पानी के साथ लें।
- इसे भोजन करने के बाद लें।
- या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
सावधनियाँ/ साइड-इफेक्ट्स/ कब प्रयोग न करें Cautions/Side effects/Contraindications in Hindi
- इस दवा में गिलोय, नीम और तुलसी हैं जिन्हें लेना पूरी तरह से सुरक्षित है।
- इसे लम्बे समय तक लिया जा सकता है।
- इसके सेवन का कोई हानिप्रद प्रभाव नहीं है।
- दवाई के स्थान पर आप गिलोय के तने, नीम और तुलसी के पत्ते को पानी मन उबाल कर काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं।
- यदि बुखार के लिए इसका सेवन कर रहे हो तो काढ़े का सेवन अच्छे परिणाम देगा।
- स्तनपान के दौरान इसका सेवन करने से कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
- गर्भावस्था में किसी भी दवा का सीवन बिना डॉक्टर की सलाह पर न करें।
Mujhe dinay ek saal se hai dawa khane par chhut jata hai fir kuchh din me ho jata hai. Kripya upay batay
Mera triglyceride lebal 261 hai kya mujhe aarogya wati se fayda milega
MERI wife pergnent hai bokhar ke ley eska seavan Ker Sakti hai ya Nahi
Mujhe hepatitis b positive hh aur mai Apne baby ko feed krati hu,too kya Mai ise use kr skti hu
Mera pait saaf nahi hota,bawasir bhi hai ,low fever bhi rahta hai ,aarogya vati laabh degi
मेरे दोनों हाथ पैर सुन हो जाते है याने कुछ टोचौ गे तो भी लगता नहीं मुझे बताओ कौन सी दवा युज करु ।
Hello sir meri immunity bahut kam h mujhe jaldi jaldi fever ho jata h or gas ki bhi problem h
plz help me
giloy ghan vati 3 month subah saam lijiye
Mera triglyceride lebal 261 hai kya mujhe aarogya wati se fayda milega
Meri immunity power bahut weak hai me baar baar bimaar ho jaata hoon kya me iska upyog kr skta hoon ???
haan kam se kam 2-3 mahine kariye
Kya ise 2,3 sal ke bache ko diya ka Sakta hai?
nahi itane chhote bachche ko bina dr ko dikhaye koi dawa nahi deni chahiye
सर आरोग्य बटी का उपयोग एक नार्मल इंसान को कैसे करना चाहिए दिन कितनी गोली कब और कैसे लेनी है
1-2 गोली, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें। इसे पानी के साथ, भोजन करने के बाद लें।
Is it works on kidney disease?
Nahi, waise bhi kidney ki bimari men koi risk nahi lena chahiye, kidney ki bimari hone par kisi achchhe dr se upchar karana chahiye
isse digestive system be thik hota ha kya
kya poori tarah se swasth log iska sevan kar sakte hai?
ji haan kar sakate hain