अश्वशिला कैप्सूल के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

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अश्वशिला कैप्सूल Patanjali Ashvashila Capsule or Ashwashila Capsule (Divya Ashwashila Capsule)  पतंजलि द्वारा निर्मित एक प्रोप्राइटरी आयुर्वेदिक दवा है। इस दवा में दो द्रव्य हैं, अश्वगंधा और शिलाजीत, इसलिए इसे नाम दिया गया है अश्वशिला। दोनों ही द्रव्य रसायन, वाजीकारक, शुक्रल, बलवर्धक हैं और शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को ठीक करने में सहयोगी है।

अश्वगंधा (Withania somnifera) की जड़ें आयुर्वेद में टॉनिक, कामोद्दीपक, वजन बढ़ाने के लिए और शरीर की प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए increases weight and improves immunity प्रयोग की जाती है।

शिलाजीत, हिमालय की चट्टानों से निकलने वाला पदार्थ है। आयुर्वेद में औषधीय प्रयोजन के लिए शिलाजीत को शुद्ध करके प्रयोग किया जाता है। यह एक adaptogen है और एक प्रमुख आयुर्वेदिक कायाकल्प टॉनिक है। यह पाचन और आत्मसात में सुधार करता है। आयुर्वेद में, इसे हर रोग के इलाज में सक्षम माना जाता है। इसमें अत्यधिक सघन खनिज और अमीनो एसिड है।

शिलाजीत प्रजनन अंगों पर काम करता है। यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है और प्रतिरक्षा में सुधार करता है। यह पुरानी बीमारियों, शरीर में दर्द और मधुमेह में राहत देता है। इसके सेवन शारीरिक, मानसिक और यौन शक्ति देता है। शिलाजीत को हजारों साल से लगभग हर बीमारी के उपचार में प्रयोग किया जाता रहा है। आयुर्वेद में यह कहा गया है की कोई भी ऐसा साध्य रोग नहीं है जो की शिलाजतु के प्रयोग से नियंत्रित या ठीक नहीं किया जा सकता। शिलाजीत प्रमेह रोगों की उत्तम दवा है।

इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें।

Patanjali Ashwashila Capsule is proprietary Ayurvedic pharmacy from Patanjali. It is a tonic medicine and helps to improve overall health. It especially useful for males and helps in sexual disorders. Ashwashila promotes better functioning of reproductive organs and improves sexual performance. It reduces stress, fatigue and boosts the energy level. It is taken in dose of 1 to 2 tablets depending on health, digestion, disease and other factors. The results may not be same for every person. It may or may not work in your condition.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  1. पर्याय: Divya Ashvashila Capsule, Divya Ashwashila Capsule
  2. उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  3. दवाई का प्रकार: अश्वगंधा और शिलाजीत युक्त दवा
  4. मुख्य उपयोग: वाजीकरण
  5. मुख्य गुण: शरीर को बल देना
  6. मूल्य MRP: ASHVASHILA (CAPSULE) 20 gm @ Rs। 70

अश्वशिला कैप्सूल के घटक | Ingredients of Patanjali Ashwashila Capsule in Hindi

प्रत्येक कैप्सूल में:

  1. अश्वगंधा Extract of Aswagandha (Withania somnifera) 200 mg
  2. शिलाजीत Dry extract of Asphaltum (Shilajit) 200 mg

अश्वगंधा जड़ में कई एल्कलॉइड होते हैं जैसे की, विथानिन, विथानानाइन, सोमनाइन, सोम्निफ़ेरिन आदि। जड़ में फ्री अमीनो एसिड में जैसे की एस्पार्टिक अम्ल, ग्लाइसिन, टाइरोसीन शामिल एलनाइन, प्रोलाइन, ट्रीप्टोफन ,ग्लूटामिक एसिड और सीस्टीन aspartic acid, glycine, tyrosine, alanine, proline, tryptophan, glutamic acid and cysteine आदि भी पाए जाते हैं। विथानिन में शामक और नींद दिलाने वाला गुण है sedative and hypnotic। विथफेरिन एक अर्बुदरोधी antitumor, एंटीऑर्थरिटिक anti-arthritic और जीवाणुरोधी antibacterial है।

अश्वगंधा स्वाद में कसैला-कड़वा और मीठा होता है। तासीर में यह गर्म hot in potency है। इसका सेवन वात और कफ को कम करता है लेकिन बहुत अधिक मात्रा में सेवन शरीर में पित्त और आम को बढ़ा सकता है। यह मुख्य रूप से मांसपेशियों muscles, वसा, अस्थि, मज्जा/नसों, प्रजनन अंगों reproductive organ, लेकिन पूरे शरीर पर काम करता है। यह मेधावर्धक, धातुवर्धक, स्मृतिवर्धक, और कामोद्दीपक है। यह बुढ़ापे को दूर करने वाली औषधि है।

अश्वगंधा तंत्रिका कमजोरी, बेहोशी, चक्कर और अनिद्रा nervous weakness, fainting, giddiness and insomnia तथा अन्य मानसिक विकारों की भी अच्छी दवा है। यह पुरुषों में यौन शक्ति बढ़ाने के लिए प्रयोग की जाती है। यह पुरुष प्रजनन अंगों पर विशेष प्रभाव डालती है। यह पुरुषों में जननांग के विकारों के लिए एक बहुत ही अच्छी हर्ब है। यह वीर्य की मात्रा और गुणवत्ता को बढ़ाने में भी मदद करती है। स्त्रियों में अश्वगंधा का सेवन स्तनपान breastfeeding कराते समय दूध की मात्रा में वृद्धि galactagogue करता है और हॉर्मोन के संतुलन में मदद करता है। इसका सेवन भ्रूण fetus को स्थिर करता है और हार्मोन पुन: बनाता है। प्रसव after delivery बाद इसका सेवन शरीर को बल देता है।

शिलाजीत क्या है?

शिलाजीत पहाड़ों से प्राप्त, सफेद-भूरा मोटा, चिपचिपा राल जैसा पदार्थ है (संस्कृत शिलाजतु) जिसमे सूजन कम करने, दर्द दूर करने, अवसाद दूर करने, टॉनिक के, और एंटी-ऐजिंग गुण होते हैं। इसमें कम से कम 85 खनिजों पाए जाते है।

शिलाजीत कहाँ मिलता है?

भारत में यह गंगोत्री के आस-पास शिलाओं से टपकता है। यह नेपाल में भी मिलता है। यह अल्ताई, हिमालय, और मध्य एशिया के काकेशस पहाड़ों से प्राप्त किया जाता है।

शिलाजीत के लाभ क्या हैं?

शिलाजीत एक टॉनिक है जो पुरुषों में यौन विकारों के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है। शिलाजीत रस में अम्लीय और कसैला, कटु विपाक और समशीतोष्ण (न अधिक गर्म न अधिक ठंडा) है। ऐसा माना जाता है, संसार में रस-धातु विकृति से उत्पन्न होने वाला कोई भी रोग इसके सेवन से दूर हो जाता है। शिलाजीत शरीर को निरोगी और मज़बूत करता है।

  1. शिलाजीत पुरुषों के प्रमेह की अत्यंत उत्तम दवा है।
  2. शिलाजीत वाजीकारक है और इसके सेवन से शरीर में बल-ताकत की वृद्धि होती है।
  3. शिलाजीत पुराने रोगों, मेदवृद्धि, प्रमेह, मधुमेह, गठिया, कमर दर्द, कम्पवात, जोड़ो का दर्द, सूजन, सर्दी, खांसी, धातु रोग, रोगप्रतिरोधक क्षमता की कमी आदि सभी में लाभप्रद है।
  4. शिलाजीत शरीर में ताकत को बढाता है तथा थकान और कमजोरी को दूर करता है।
  5. शिलाजीत यौन शक्ति की कमी को दूर करता है।
  6. शिलाजीत भूख को बढाता है।
  7. शिलाजीत पुरुषों में नपुंसकता, शीघ्रपतन premature ejaculation, कम शुक्राणु low sperm count, स्तंभन erectile dysfunction में उपयोगी है।
  8. यह शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने में मदद करता है।

शिलाजीत के सेवन के दौरान, आहार में दूध की प्रधानता रहनी चाहिए।

शिलाजीत पुरुषों के लिए विशेष लाभप्रद है क्योंकि इसके सेवन से शरीर में टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ता है।

टेस्टोस्टेरोन पुरुषों के वृषण और एड्रेनल ग्लैंड से स्रावित होने वाला एंड्रोजन समूह का एक स्टीरॉएड हार्मोन है। यह प्रमुख पुरुष हॉर्मोन है जो की एनाबोलिक स्टीरॉएड है। टेस्टोस्टेरॉन पुरुषों में उनके प्रजनन अंगों के सही से काम करने और पुरुष लक्षणों जैसे की मूंछ-दाढ़ी, आवाज़ का भारीपन, ताकत आदि के लिए जिम्मेदार है। यह पुरुष के शरीर में बालों का डिस्ट्रीब्यूशन, बोन मॉस, मसल्स मास, फैट का डिस्ट्रीब्यूशन, आवाज़, समेत सेक्स ड्राइव, और स्पर्म के बनने का भी कारण है।

यदि टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो जाता है तो यौन प्रदर्शन पर सीधे असर पड़ता है, जैसे की इंद्री में शिथिलता, कामेच्छा की कमी, चिडचिडापन, सेक्स में अरुचि, नपुंसकता, प्रजनन क्षमता की कमी आदि।

क्योंकि शिलाजीत कैप्सूल का सेवन टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाता है और इसलिए यह यौन प्रदर्शन को सुधारने में भी लाभप्रद है।

अश्वशिला कैप्सूल के फायदे | Benefits of Patanjali Ashwashila Capsule in Hindi

  1. यह एक टॉनिक औषधि है और कमजोरी को दूर करती है।
  2. यह दवाई वृषण testes को सही काम करने में सहयोगी है और शुक्राणुजनन को उत्तेजित करती है।
  3. इसके सेवन से शुक्राणुओं की गुणवत्ता में सुधार होता है।
  4. यह वाजीकारक है।
  5. यह शक्तिवर्धक, जोशवर्धक, वाजीकारक रसायन है।

अश्वशिला कैप्सूल के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Patanjali Ashwashila Capsule in Hindi

  1. ऑलिगॉस्पर्मिया Oligospermia
  2. शुक्राणु असामान्यताएं Sperms abnormalities
  3. शीघ्रपतन, समयपूर्व स्खलन Premature ejaculation
  4. नपुंसकता Impotency
  5. सामान्य दुर्बलता General debility
  6. यौन दुर्बलता
  7. यौन विकार
  8. कामेच्छा की कमी
  9. जोश – शक्ति की कमी
  10. ब्रोंकाइटिस
  11. शारीरिक या मानसिक कमजोरी
  12. ऑस्टियोपोरोसिस
  13. पेप्टिक अल्सर
  14. मोटापा
  15. यक्ष्मा टी बी
  16. शारीरिक व मानसिक थकान

अश्वशिला कैप्सूल की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Patanjali Ashwashila Capsule in Hindi

  1. 1-2 कैप्सूल दिन में दो बार, नाश्ते और डिनर के बाद लें।
  2. इसे दूध के साथ लें।
  3. या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

सावधनियाँ/ साइड-इफेक्ट्स/ कब प्रयोग न करें Cautions/Side effects/Contraindications in Hindi

  1. शिलाजीत के सेवन के समय विदाही (जलन करने वाले भोजन) और भारी भोजन नहीं करना चाहिए।
  2. कुल्थी का सेवन भी नहीं करना चाहिए। आयुर्वेद के कुछ व्याख्याकार ने तो यहाँ तक कहा है जो लोग शिलाजीत का सेवन कर रहे हो उन्हें एक वर्ष तक कुलथी का सेवन नहीं करना चाहिए।
  3. शिलाजीत उन लोगों को नहीं लेना चाहिए जिनका यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है। जिनमें यूरिक एसिड की पथरी हो, गठिया हो उन्हें भी इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  4. शिलाजीत को अधिक पित्त में भी इसका सेवन सावधानी से किया जाना चाहिए।
  5. संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन करें।
  6. खाने में दूध, फलों और सब्जियां को शामिल करें।
  7. मादक पदार्थों, शराब, चाय और कॉफी का सेवन नहीं करें।
  8. पानी पर्याप्त मात्रा में पियें।
  9. प्राणायाम और व्यायाम करें।
  10. पाचन सही रखें।
  11. खाना सुपाच्य खाएं।
  12. कब्ज़ न रहने दें। फाइबर युक्त भोजन करें, सलाद खाएं, मुनक्का का सेवन करें और रात को सोने से पहले गर्म पानी के साथ त्रिफला का सेवन करें।
  13. गर्भवती महिलाओं में इस दवा का अध्ययन नहीं किया गया है। इसमें छेदन, मेदोहर, गुण हैं। इसलिए, गर्भवती महिलाओं को इस दवा का उपयोग न करने की सलाह दी जाती है।
  14. इस दवा के सेवन के दौरान ब्लड शुगर लेवल की बराबर जांच करते रहें।
  15. उच्च रक्तचाप में इसे कम मात्रा में लिया जाना चाहिए।
  16. इसे आप एलोपैथी की दवा के सेवन के दौरान भी ले सकते हैं। दवाओं में किसी तरह का इंटरेक्शन न हो इसलिए 2-3 घंटे का गैप रखें।
  17. इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  18. इसे ज्यादा मात्रा में न लें।
  19. अधिक मात्रा में लेने से पित्त बढ़ सकता है और पेट में जलन, डकार, आदि समस्या हो सकती है।
  20. निर्धारित मात्रा में लेने से इसका कोई साइड-इफेक्ट नहीं है।

8 thoughts on “अश्वशिला कैप्सूल के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

  1. Male sex problem ke liye kitne dino tak ashvashila capsul leni hongi. Kya ashvashila powder milti hain kya uska upyog kaise kare aur kitne dino ke liye

  2. क्या उच्च रक्तचाप से पीडित व्यक्ति भी अश्वशिला का सेवन कर हैं।

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