पतंजलि गिलोय घनवटी के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

जहाँ पर हम गिलोय का काढ़ा देते हों उन सभी जगह पर इस घन वटी का प्रयोग कर सकते हैं। लेकिन जो प्रभाव ताजे काढ़े का होता है वह शायद इसका न हो। इसलिए यदि आपको ताज़ी बेल से तना मिल जाता हो उसी का काढ़ा बना कर लें।

गिलोय घनवटी, गिलोय के तने से तैयार एक आयुर्वेदिक दवाई है जो की पतंजलि द्वारा निर्मित है। इस दवा में एकमात्र घटक गिलोय है। ऐसे तो इसे विविध रोगों में प्रयोग किया जा सकता है लेकिन इसका मुख्य प्रयोग बैक्टीरिया और वायरस जनित बुखारों में है। जहाँ पर हम गिलोय का काढ़ा देते हों उन सभी जगह पर इस घन वटी का प्रयोग कर सकते हैं। लेकिन जो प्रभाव ताजे काढ़े का होता है वह शायद इसका न हो। इसलिए यदि आपको ताज़ी बेल से तना मिल जाता हो उसी का काढ़ा बना कर लें।

जिन लोगों को गिलोय न मिल पाती हो वे इसका प्रयोग गिलोय की जगह पर कर सकते हैं।

इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें।

Patanjali Giloy Ghanvati is an herbal preparation of Giloy or Tinospora cordifolia. It is mainly indicated in treatment of fever, low immunity, liver diseases, skin diseases and after chronic illness. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्बल आयुर्वेदिक दवाई
  • मुख्य उपयोग: ज्वर, कम रोगप्रतिरोधक क्षमता, कमजोरी
  • मुख्य गुण: रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना, एंटीऑक्सीडेंट, और टॉनिक
  • मूल्य MRP: Giloy Ghan Vati 40grams @ Rs. 90.00

गिलोय घनवटी के घटक | Ingredients of Giloy Ghanvati in Hindi

गिलोय घन वटी का एकमात्र घटक गिलोय है.

प्रत्येक गोली में:

गिलोय टिनोस्पोरा कोरडीफ़ोलिया 500mg

गिलोय (टिनोस्पोरा कोर्डिफोलिया)

गिलोय आयुर्वेद की बहुत ही मानी हुई औषध है। इसे गुडूची, गुर्च, मधु]पर्णी, टिनोस्पोरा, तंत्रिका, गुडिच आदि नामों से जाना जाता है। यह एक बेल है जो सहारे पर कुंडली मार कर आगे बढती जाती है। इसे इसके गुणों के कारण ही अमृता कहा गया है। यह जीवनीय है और शक्ति की वृद्धि करती है। इसे जीवन्तिका भी कहा जाता है।

दवा के रूप में गिलोय के अंगुली भर की मोटाई के तने का प्रयोग किया जाता है। जो गिलोय नीम के पेड़ पर चढ़ कर बढती है उसे और भी अधिक उत्तम माना जाता है। इसे सुखा कर या ताज़ा ही प्रयोग किया जा सकता है। ताज़ा गिलोय को चबा कर लिया जा सकता है, कूंच कर रात भर पानी में भिगो कर सुबह लिया जा सकता है अथवा इसका काढ़ा बना कर ले सकते है। गिलोय को सुखा कर, कूट कर, उबाल कर और फिर जो पदार्थ नीचे बैठ जाए उसे सुखा कर जो प्राप्त होता है उसे घन सत्व कहते हैं और इसे एक-दो ग्राम की मात्रा में ले सकते हैं।

गिलोय वात-पित्त और कफ का संतुलन करने वाली दवाई है। यह रक्त से दूषित पदार्थो को नष्ट करती है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। यह एक बहुत ही अच्छी ज्वरघ्न है और वायरस-बैक्टीरिया जनित बुखारों में अत्यंत लाभप्रद है। गिलोय के तने का काढ़ा दिन में तीन बार नियमित रूप से तीन से पांच दिन या आवश्कता हो तो उससे अधिक दिन पर लेने से ज्वर नष्ट होता है। किसी भी प्रकार के बुखार में लीवर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में गिलोय का सवेन लीवर की रक्षा करता है।

मलेरिया के बुखार में इसके सेवन से बुखार आने का चक्र टूटता है।

यदि रक्त विकार हो, पुराना बुखार हो, यकृत की कमजोरी हो, प्रमेह हो, तो इसका प्रयोग अवश्य करना चाहिए।

इसके अतिरित गिलोय को टाइफाइड, कालाजार, कफ रोगों, तथा स्वाइन फ्लू में भी इसके प्रयोग से आशातीत लाभ होता है।

गिलोय के अनुपान

  1. गिलोय को वात रोगों में घी के साथ, पित्त रोगों में शक्कर / चीनी / गुड़ के साथ और कफ रोगों में शहद के साथ लेना चाहिए।
  2. नेत्र रोगों में गिलोय को आंवले के रस के साथ लिया जाता है।
  3. आमवात में इसे सोंठ के साथ लेना चाहिए।
  4. प्लेटलेट की कमी में इसे एलोवरा के जूस के साथ लेते हैं।
  5. स्वाइन फ्लुए में इसे तुलसी के रस के साथ लेना चाहिए।

गिलोय घनवटी के फायदे | Benefits of Giloy Ghanvati in Hindi

गिलोय घनवटी को बहुत से रोगों के उपचार में प्रयोग किया जा सकता है। यदि डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया आदि में ताज़ा गिलोय काढ़ा बनाने के लिए न उपलब्ध हो तो आप इसका प्रयोग कर सकते हैं। इसका सेवन शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह बार-बार होने वाले इन्फेक्शन में लाभ करती है।

  1. गिलोय घन वटी को लेना सरल है।
  2. इसमें गिलोय के गुण हैं।
  3. यह यकृत की रक्षा करती है।
  4. यह इम्युनिटी को बढ़ाती है।
  5. यह रक्त में शर्करा के स्तर को कम करती है।
  6. यह बैक्टीरिया / वायरस / इन्फेक्शन के कारण तथा अन्य कारणों से होने वाले बुखार में बहुत प्रभावशाली है।
  7. यह बार-बार आने वाले, पुराने, या निश्चित समय पर आने वाले बुखार को नष्ट करने की दवा है।
  8. यह बुखार में लीवर की रक्षा करती है।
  9. यह अपने मूत्रल और सूजन दूर करने के गुणों के कारण शरीर में सूजन को कम करती है।
  10. यह शरीर से विषैले पदार्थों को नष्ट करती है।
  11. यह जीवनीय, रसायन है।

गिलोय घनवटी के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Giloy Ghanvati in Hindi

  1. पुराना बुखार
  2. बार – बार निश्चित समय पर आने वाला बुखार
  3. मच्छर जनित बुखार (डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया)
  4. स्वाइन फ्लू
  5. प्रमेह, कमजोरी, धातु का पतला होना, सुजाक
  6. शारीरिक, मानसिक कमजोरी
  7. हाथ-पैर में जलन
  8. बौद्धिक भ्रम
  9. यकृत रोग
  10. यकृत कमजोरी
  11. रक्त शर्करा का बढ़ा स्तर
  12. गठिया, यूरिक एसिड का बढ़ जाना

गिलोय घनवटी की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Giloy Ghanvati in Hindi

  1. व्यस्क, गिलोय घन वटी की 1 से 2 गोली, दिन में दो बार अथवा तीन बार लें।
  2. 5-12 वर्ष के बच्चों को आधा गोली दी जा सकती है।
  3. बहुत छोटे बच्चों को बिना डॉक्टर के परामर्श के इसे न दें।
  4. इसे शहद, पानी के साथ लें।
  5. इसे खाली पेट लें।
  6. या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
  7. उपलब्धता
  8. इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।

सावधनियाँ/ साइड-इफेक्ट्स/ कब प्रयोग न करें Cautions/Side effects/Contraindications

  1. निर्धारित मात्रा में लेने पर इस दवा के कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं देखे गए हैं।
  2. इसे कुछ महीनों तक लिया जा सकता है।
  3. गिलोय संग्राही है और कब्ज़ कर सकती है।
  4. इसके मूत्रल गुण है।
  5. यह रक्त में शर्करा के स्तर को कम करती है। इसलिए डायबिटीज में लेते समय शर्करा स्तर की अक्सर जांच करवाते रहें।
  6. सर्जरी से दो सप्ताह पहले गिलोय का सेवन न करें।
  7. गर्भावस्था में किसी भी हर्बल दवा का सेवन बिना डॉक्टर के परामर्श के न करें।
  8. यदि आपको ताज़ा गिलोय उपलब्ध हो जाती हो तो उसे काढ़ा बना कर लें।

33 thoughts on “पतंजलि गिलोय घनवटी के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

  1. Good Afternoon
    kya high blood pressure patient giloy ghan vati ko use kar sakte hain.

    Regards
    Dharmendra Srivastava
    Prayagraj

  2. सुबह दो गोली गिलोय वटी ओर दो गोली मेधा वटी एक साथ खाली पेट लेने का कोई नुकसान तो नही है ?

  3. स्वस्थ आदमी को कितने टाइम गोली लेनी चाहिए और कितनी गोली लेनी चाहिए. मेरा बेटा 4 साल का है उसे कितनी डोज देनी चाहिए

  4. शरीर में फोड़े फुंसी आए दिन निकलते रहते हैं क्या गिलोय में लाभकारी हो सकता है ?
    अगर नहीं तो इसका क्या उपचार करना चाहिए?

  5. Mam mujhe fiver 1 month pehle aaya tha dengu maleriya negative aaya but hanth pair ke joints me pain rehta hai Jo ki morning me jada, test karane me uric acid 7.9 nikla please aap mera margdarshan Karen.

    • एक बार डॉ से पूछ कर यूरिक एसिड कम करने की दावा लीजिये और अपन विटामिन का टेस्ट कराइए

  6. मेरे पेनिस के अंदर भाग में लाल लाल दाना निकल गया है मैं बहुत परेशान हो गया हूं कोई आयुर्वेद इलाज बताइये।

  7. क्या इसका सेवन वर्षा ऋतु मे स्वस्थ व्यक्ति भी कर सकते हैं

  8. Giloy ghan bati maximum kitne din tak le sakte hai? Agar koi ishse 1 1/2years se lerehi ho to koi problem ta nehi hogi naa

  9. Muje bukhar aaye din ho rahta hai mai bahut paresan hu kaphi weak feal karta hu mujhe kya karana chahiye giloy ke prayog ke bare me bataye

    • जी हाँ आप गिलोय वाली कोई भी औषधि ३-४ महीने प्रयोग करें, इसके साथ साथ ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें और रोज ४०-४५ मिनट व्यायाम करें

  10. Dr.sahiba.
    Mujhe 4-6 month par bukhar a a jata hai,or kamjori bani rahati hai jars so mousam parivaratan hone par,kon si dava le.

    • aap patanjali ki Giloy ghan vati 6 month tak lijiye aur roj kam kam se kam 10 gilas paani pijiye.

  11. Giloy tablet uric acid me faydemand ho sakti hai kya????? If yes, kindly advise the dose and for what time it should be continued.

    • ji haan, lekin aap ko paani aur peena chahiye, 3-4 month tak 2 tablet subah sham lijiye giloy vati ke

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