बवासीर की आयुर्वेदिक दवाएं

पाइल्स में गुदा anus या मलाशय rectum के आसपास नसों nerves और मांसपेशियों muscles में सूजन हो जाती है। ऐसा संभवतः लम्बे समय तक, शौच के दौरान पड़ने वाले पर दबाव (कब्ज़ के कारण) से होता है। कब्ज़ में दबाव पड़ने से मलाशय में सूजन हो जाती जो की पाइल्स में विकसित हो सकती है।

पाइल्स में गुदा anus या मलाशय rectum के आसपास नसों nerves और मांसपेशियों muscles में सूजन हो जाती है। ऐसा संभवतः लम्बे समय तक, शौच के दौरान पड़ने वाले पर दबाव (कब्ज़ के कारण) से होता है। कब्ज़ में दबाव पड़ने से मलाशय में सूजन हो जाती जो की पाइल्स में विकसित हो सकती है। पाइल्स के लक्षणों में शामिल है मोशन के दौरान रक्त स्राव, ऐनस पर खुजली, मुयुकस डिस्चार्ज, पाइल्स मास, दर्द आदि। बवासीर का मुख्य कारण विभिन्न कारणों के कारण गुदा और मलाशय नसों में बार-बार दबाव है।

अर्श / बवासीर के कारण

  • बवासीर कब्ज, उम्र बढ़ने, लंबे समय तक बैठे रहने, आघात, मोटापा और मधुमेह आदि कारणों से हो सकती है।
  • कब्ज, बार-बार डायरिया
  • गुदा पर दबाव
  • लंबी अवधि के लिए शौचालय सीट पर बैठना
  • लगातार कड़ी सतह पर बैठे रहने से
  • शौच लगने पर न जाना
  • गर्भावस्था, प्रसव के बाद
  • फाइबर का कम सेवन
  • मधुमेह, वंशानुगत, मोटापा

बवासीर के लक्षण

  • गुदा anus में दर्द
  • शौच आने पर दर्द
  • गुदा क्षेत्र में खुजली, जलन, बेचैनी
  • गुदा से ताज़ा रक्त बहना
  • पाइल्स मास piles mass

बवासीर के लिए आयुर्वेदिक दवाएं

बवासीर अर्श के इलाज़ के लिए कई आयुर्वेदिक दवाएं बाजार में उपलब्ध हैं।

Classical Ayurvedic medicines

Proprietary Ayurvedic medicines

बवासीर में आहार और जीवनशैली में परिवर्तन

बवासीर में काले चने, आलू, तेज़ मसाले, अचार, सफेद तिल, कब्ज़ और गैस बनाने वाले आहार न लें।

दिन में न सोये। बहुत ज्यादा मात्रा में चाय/कॉफी, लहसुन, प्याज, काली मिर्च न लें लंबे समय तक के लिए बैठे।

बवासीर में पुराने चावल, मक्का, मूंग, लौकी, शलजम, पत्तेदार सब्जियों, पपीता, सेब, ककड़ी, काले अंगूर, आम, आंवला, घी, मक्खन दूध, पिस्ता, बादाम, नाशपाती, सूखे अंजीर, जामुन, कच्ची मूली आदि खाने चाहिए। मूली का रस तो पाइल्स में विशेतः उपयोगी है। पपीता रोज़ खाने से कब्ज़ नहीं होती। पानी पर्याप्त मात्रा में पुरे दिन भर पियें। पेट साफ़ रखें।

  • कैफीन और अल्कोहल से बचें।
  • जंक फूड, मसालेदार भोजन, नूडल्स,मैदा, मांसाहारी भोजन, पनीर, मिर्च, अचार और तेल न खाएं।
  • नियमित रूप से कुछ व्यायाम अवश्य करें।
  • सूजन, दर्द और परेशानी को कम करने में मदद करने के लिए औषधीय क्रीम लगाएं।

बवासीर में सब से पहले आहार पर नियंत्रण और लाइफ-स्टाइल में परिवर्तन ज़रूरी है। उन चीज़ों में बदलाव की ज़रुरत है जो अर्श या बवासीर होने का कारण हैं या समस्या को गंभीर बना रहे हैं।

One thought on “बवासीर की आयुर्वेदिक दवाएं

  1. Hame gudde me dard hai av 4 ya 5 din huye utna av jyada dard v ni hai ki mal tyagne ya uthne baithne me taklif av kuchh jyada ni hai kya samay se pahle arshkalp lena sahi hai….. Please hame btaye

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