पोसेक्स फोर्ट के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

पोसेक्स फोर्ट कैप्सूल POSEX FORTE CAPSULES in Hindi, चरक फार्मा द्वारा निर्मित अच्छी दवाई है। इस दवा में जड़ी बूटियों के साथ साथ भस्में भी हैं। इसमें चन्द्रकला रस, जहरमोहरा पिष्टी, लौह भस्म, मुक्ताशुक्ति भस्म, स्वर्णमाक्षिक भस्म, स्वर्णमाक्षिक भस्म, और शुद्ध फिटकरी है।

इसलिए इसे डॉक्टर की देख रेख में बताए हुए समय के अनुसार लिया जाना चाहिए।

पोसेक्स फोर्ट में प्राकृतिक ब्लीडिंग रोकने वाली हर्ब जैसे की खादिरा, लजालू, लोध्र, वंशलोचन आदि है जो शरीर से ब्लीडिंग को रोकते हैं । इसमें घाव भरने वाले गुण भी हैं।

पोसेक्स फोर्ट कैप्सूल को स्त्रियों में गर्भाशय के खून बहने के विकार, कॉपर टी लगवाने के बाद ब्लीडिंग, पीरियड में बहुत खून जाना, गर्भावस्था के दौरान बवासीर के मस्से से रक्तस्राव, और योनि से असामान्य ब्लीडिंग में दिया जाता है। इसे लेने से ब्लीडिंग होना कम होता है।

पोसेक्स फोर्ट कैप्सूल को स्त्री रोग के अतिरिक्त नाक से खून गिरना, खून की उलटी होन, ब्लीडिंग पाइल्स आदि में भी लिया जा सकता है। यह मुख्य रूप से आंतरिक ब्लीडिंग को रोकने की दवा है और इसी तरह के रोगों में इस्तेमाल की जाती है। पोसेक्स फोर्ट को लेने की मात्रा दो कैप्सूल दिन में तीन बार है। इसे कुछ मामलों में हर दो घंटे पर दो कैप्सूल की मात्रा में ली जा सकती है।

दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा यह भी दावा नहीं है कि यह आपके रोग को एकदम ठीक कर देगी। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।

Posex Forte Capsule from Charak is Ayurvedic medicine with haemostyptic and astringent activities. It contains Khadir (Acacia catechu), Lajjalu (Mimosa pudica), Lodhra (Symplocos racemosa), and Vanshlochan (Bombax malabaricum). The other ingredients enhance the coagulatory properties of these main haemostyptic agents. Posex forte is indicated in menorrhagia and metrorrhagia, management of post-partum bleeding, to check bleeding associated with IUCD insertion or MTP procedures, management of dysfunctional uterine bleeding and pre-menopausal bleeding. It is also indicated in capillary bleeding, blood-stained mucus, blood in the urine etc. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • दवा का नाम: पोसेक्स फोर्ट Posex Forte
  • निर्माता: चरक फार्मा प्राइवेट लिमिटेड
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्बल
  • मुख्य उपयोग: शरीर से असामान्य रक्त स्राव रोकना, प्रसूति रक्तस्राव के प्रबंधनManagement of post-partum bleeding
  • मुख्य गुण: ब्लीडिंग रोकना
  • साइड इफ़ेक्ट: ज्ञात नहीं
  • मूल्य MRP: Posex Forte Capsule 20 Capsule current market Price is Rupees 89.00.

पोसेक्स फोर्ट के घटक | Ingredients of Posex Forte Capsules in Hindi

  • चन्द्रकला रस Chandrakala Ras 30 mg
  • जहरमोहरा पिष्टी Jaharmohara pishti 30 mg
  • कुक्कुटाण्डत्वक भस्म Kukkutandtwak Bhasma 30 mg
  • लौह भस्म Loh bhasma 30 mg
  • मुक्ताशुक्ति भस्म Muktashukti Bhasma 30 mg
  • स्वर्णमाक्षिक भस्म Suvarnamakshik Bhasma 30 mg
  • यशद भस्म Yashad Bhasma 30 mg
  • शुद्ध फिटकरी Phitkari Shuddha 15 mg

Extracts of the following:

  • मुलेठी Yashtimadhu Glycyrrhiza glabra 300 mg
  • लोध्र Lodhra Symplocos racemosa 300 mg
  • आंवला Amalaki Emblica officinalis 150 mg
  • खदिरा Khadir chhal Acacia catechu 150 mg
  • वासा Vasa Adhatoda vasica 150 mg
  • अशोक Ashok Saraca indica 75 mg
  • कुटज Kutaj Holarrhena atidysenterica 75 mg
  • लज्जालु Lajjalu Mimosa pudica 75 mg
  • बोल Bola Commiphora myrrha 75 mg
  • शलमाली Shalmali Bombax malabaricum 75 mg

पोसेक्स फोर्ट के प्रमुख घटक

चन्द्रकला रस, रक्तस्राव विकारों, मधुमेह और इसके जटिलताओं के आयुर्वेदिक उपचार में प्रयोग किया जाता है। चन्द्रकला रस 20 प्रकार के प्रमेह, सफ़ेद पानी की समस्या, पेशाब में दर्द, पेशाब के साथ वीर्य जाना, स्वप्न दोष, वीर्य दोष वात-पित्त रोग, लीवर रोग, शरीर में गर्मी बढ़ जाने से ब्लीडिंग, सिर में दर्द, आँखे लाल होना, नाक-मुंह से ब्लीडिंग, ब्लीडिंग नहीं रुकना, रक्त पित्त, खून के साथ वमन, पित्त की अधिकता से रोग, आदि में किया जाता है। यह एक रस-रसायन है और इसमें शुद्ध पारा-शुद्ध गंधक, ताम्र भस्म, अभ्रक भस्म आदि हैं।

लोध्र, तिल, तिरीटक शाबर, मालव, गाल्व, हस्ती, हेमपुष्पक आदि नामों से जाना जाता है। हिंदी में इसे लोध, बंगाली में लोधकाष्ठ, मराठी में लोध, गुजरती में लोदर, पठानीलोध, और लैटिन में सिम्प्लेकोस रेसीमोसा कहते हैं। यह अतिसार, आम अथवा रक्तअतिसार, रक्त प्रदर तथा श्वेतप्रदर के उपचार में बहुत लाभप्रद है। यह स्त्रियों के प्रदर की समस्या की प्रमुख औषधि है।

  • रस (taste on tongue): कषाय astringent
  • गुण (Pharmacological Action): लघु, रुक्ष light and drying
  • वीर्य (Potency): शीत Cooling
  • विपाक (transformed state after digestion): कटु Pungent

आयुर्वेद में लोध को ग्राही, हल्का, शित्रल, नेत्रों के लिए हितकार, कसैला, कफ तथा पित्तहर बताया गया है। यह रक्तपित्त, रुधिरविकार, ज्वर, ज्वारातिसार, और शोथ को हरने वाली प्रभावी औषध है।

अशोक की छाल को आयुर्वेद में प्रमुखता से स्त्री रोगों के उपचार में प्रयोग किया जाता है। यह स्वभाव से शीत होती और प्रजनन तथा मूत्र अंगों पर विशेष रूप से काम करती है। यह गर्भाशय की कमजोरी और योनी की शिथिलता को दूर करती है। यह संकोचक, कडवा, ग्राही, रंग को सुधारने वाला, सूजन दूर करने वाला और रक्त विकारों को नष्ट करने वाला है।

अशोक स्त्री रोगों में बहुत ही फायदा करता है। इसके सेवन से बाँझपन नष्ट होता है और राजोविकर दूर होते है। यह दर्द, सूजन, रक्त प्रदर, श्वेत प्रदर, दर्द, अतिसार, पथरी, पेशाब में दर्द, आदि में लाभप्रद है।

आंवला, ठंडक देने वाला, कसैला, पाचक, विरेचक, भूख बढ़ाने वाले और कामोद्दीपक माना गया है। इसमें ज्वरनाशक, सूजन दूर करने के और मूत्रवर्धक गुण है। आंवला एक रसायन है जो की शरीर में बल बढाता है और आयु की वृद्धि करता है। यह शरीर में इम्युनिटी boosts immunity को बढाता है। यह विटामिन सी vitamin C का उत्कृष्ट स्रोत है। इसके सेवन से बाल काले रहते है, वात, पित्त और कफ नष्ट होते है और शरीर में अधिक गर्मी का नाश होता है।

लौह भस्म आयरन का ऑक्साइड है और आयुर्वेद बहुत अधिक प्रयोग होता है। आयुर्वेद में लौह कल्प, वह दवाएं हैं जिनमे लौह भस्म मुख्य घटक है। लौह के अतिरिक्त इन दवाओं में हर्बल घटक भी होते हैं। लौह कल्प के नाम में ‘लौह’ शब्द का प्रयोग होता है। लौह कल्प को क्रोनिक बिमारियों के इलाज़ के लिए प्रयोग किया जाता है। यह पांडू रोग या अनीमिया को नष्ट करता है।

लौह भस्म को पाण्डु (anaemia), प्रमेह (diabetes), यक्ष्मा (tuberculosis), अर्श (piles), कुष्ठ (skin disorders), कृमि रोग (worm infestation), क्षीणतवा (cachexia), स्थूलया (obesity), ग्रहणी (bowel syndrome), प्लीहा रोग (spleenic disorders), मेदोरोगा (hyperlipidemia), अग्निमांद्य (dyspepsia), शूल (spasmodic pain), और विषविकार (poisoning) में प्रयोग किया जाता है।

फिटकरी का संस्कृत में नाम स्फटिका, कांक्षी, तुवरी, स्फटिका सौराष्ट्री, शुभ्रा, स्फुटिका आदि है। इसे इंग्लिश में पोटाश एलम कहते हैं। फिटकरी एक रंगहीन क्रिस्टलीय पदार्थ है। इसका रासयनिक नाम पोटेशियम एल्युमिनियम सल्फेट है तथा इसका केमिकल फार्मूला KAl(SO4)2।12H2O है।

आयुर्वेद में चिकित्सा के लिए फिटकरी का प्रयोग प्राचीन समय से किया जाता रहा है। चरक संहिता में भी इसके प्रयोग का वर्णन पाया जाता है। रत्न समुच्चय ग्रन्थ में इसे तुवरी कहा गया है। रसतरंगिणी में इसे पित्त-कफ नाशक, ज्वरनाशक, आँखों के रोगों में लाभप्रद, खून के बहने को रोकने वाली, मुख के रोगों, कान रोगों और नाक से खून बहने से रोकने वाली माना गया है।

पोसेक्स फोर्ट दवा के औषधीय कर्म

  • कफहर: द्रव्य जो कफ को कम करे।
  • गर्भाशयस्रावनाशक: गर्भाशय के स्राव को रोकने वाला।
  • ग्राही: द्रव्य जो दीपन और पाचन हो तथा शरीर के जल को सुखा दे।
  • प्रमेहहर: द्रव्य जो प्रमेह अर्थात मूत्र रोग को दूर करे।
  • रक्त स्तंभक: जो चोट के कारण या आसामान्य कारण से होने वाले रक्त स्राव को रोक दे।
  • रक्तप्रदरहर: द्रव्य जो रक्त प्रदर की समस्या को दूर करे।
  • व्रणरोपण: घाव ठीक करने के गुण।
  • शीतल: स्तंभक, ठंडा, सुखप्रद है, और प्यास, मूर्छा, पसीना आदि को दूर करता है।
  • शोथहर: द्रव्य जो शोथ / शरीर में सूजन, को दूर करे।
  • शोधक: द्रव्य जो शरीर की गंदगी को मुख द्वारा या मलद्वार से बाहर निकाल दे।
  • श्वेतप्रदरहर: द्रव्य जो सफ़ेद पानी की समस्या को दूर करे।

पोसेक्स फोर्ट के लाभ / फायदे | Benefits of Posex Forte Capsules in Hindi

  • इसका एसट्रिनजेंट astringent गुण ब्लीडिंग डिसऑर्डर में लाभकारी है।
  • इसके सेवन से रोजोविकर/मासिक धर्म menstrual disorders के विकारों में लाभ होता है।
  • यह एक गर्भाशय का टॉनिक uterine tonic है और गर्भाशय को बल देता है।
  • यह इनफर्टिलिटी infertility में भी लाभप्रद है।
  • यह दवा प्रमेह, मधुमेह, शुक्रमेह, रक्त प्रदर आदि में लाभकारी है।

पोसेक्स फोर्ट के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Posex Forte Capsules in Hindi

 स्त्री रोग में In Gynecology:

  • असामान्य गर्भाशय रक्तस्राव Abnormal uterine bleeding
  • प्रसव बाद रक्तस्राव Post-partum bleeding
  • आईयूसीडी, कॉपर टी या एमटीपी प्रक्रियाओं से संबंधित ब्लीडिंग To check bleeding associated with IUCD insertion or MTP procedures
  • रजोनिवृत्ति होने से पहले अनियमित ब्लीडिंग Pre-menopausal irregular bleeding
  • गर्भावस्था के दौरान रक्तस्राव Bleeding associated with haemorrhoids during pregnancy

सामान्य चिकित्सा / सर्जरी में In General Medicine/Surgery:

  • शल्य चिकित्सा से पहले Preoperative prophylaxis in minor surgery
  • नाक से खून आना Epistaxis
  • हेमोटाईसिस Haemoptysis
  • पेशाब में खून Haematuria
  • खून की उलटी Haematemesis
  • बवासीर Haemorrhoids

पोसेक्स फोर्ट की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Posex Forte Capsules in Hindi

2 गोली, दिन में तीन बार लें।

अधिक ब्लीडिंग में इसे हर दो घंटे पर 2 गोली लें, जबतक खून बहना रुक नहीं जाए। लेकिन 24 घंटे में 12 गोली से ज्यादा नहीं लें। इस प्रयोग को केवल डॉक्टर के निर्देश पर ही करें। इसमें मुलेठी है जिससे फ्लूइड रिटेंशन हो सकता है। मुलेठी का प्रयोग हृदय रोग में नहीं किया जाना चाहिए।

पूर्व ऑपरेटिव: ऑपरेशन / प्रक्रिया के दो दिन से दो कैप्सूल दिन में तीन बार और ऑपरेशन / प्रक्रिया होने के बाद अगले तीन दिनों तक लें। इस प्रयोग को भी डॉक्टर के निर्देश के बिना नहीं करें।

  • इसे पानी के साथ लें।
  • इसे भोजन करने के बाद लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

सावधनियाँ/ साइड-इफेक्ट्स/ कब प्रयोग न करें Cautions/Side effects/Contraindications

सावधान: इस दवा को डॉक्टर की देख-रेख में ही लें।

  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  • इसे ज्यादा मात्रा में न लें।

यह हमेशा ध्यान रखें की जिन दवाओं में खनिज होते हैं, उन दवाओं का सेवन लम्बे समय तक नहीं किया जाता। इसके अतिरिक्त इन्हें डॉक्टर के देख-रेख में बताई गई मात्रा और उपचार की अवधि तक ही लेना चाहिए।

मुलेठी licorice किसे नहीं लेनी चाहिए?

  • ज्यादा मात्रा में लम्बे समय तक लेने से उच्च रक्तचाप और शरीर में पोटैशियम की अधिक मात्रा हो जाती है।
  • यह बाहों और पैरों में मांसपेशियों में दर्द या सुन्नता कर सकती है।
  • 4 से 6 सप्ताह से अधिक समय तक किसी भी मुलेठी या इसके दवा वाले उत्पाद का सेवन नहीं किया जाना चाहिए।
  • उच्च रक्तचाप के लिए एसीई इनहिबिटर और मूत्रवर्धक लेते समय, मुलेठी उत्पादों का उपयोग न करें।
  • छोटी मात्रा में, यह उल्टी रोकती है लेकिन उच्च खुराक में, यह उल्टी लाती है।
  • यह कैल्शियम और पोटेशियम अवशोषण को रोकती है और इसलिए ऑस्टियोपोरोसिस में सावधानी से लिया जाना चाहिए।
  • 4-6 सप्ताह का उपयोग जारी रहता है तो हाइपोकैलेइमिया हो सकता है।
  • जब थियाज़ाइड मूत्रवर्धक के साथ संयोजन में लिया जाता है, जुलाब, यह पोटेशियम हानि बढ़ा सकती है।
  • डाइरेक्टिक्स, कार्डियक ग्लाइकोसाइड, कॉर्टिकॉस्टिरॉइड्स, उत्तेजक जुलाब या अन्य दवाओं के साथ इसका उपयोग इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन को बढ़ा सकते हैं।
  • यह उच्च नमक आहार के प्रभाव को बढ़ा सकती है।
  • यह गर्भनिरोधक गोली के प्रभाव को कम कर सकती है।
  • पर्याप्त डेटा की कमी के कारण 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों और किशोरों में उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
  • शराब की दवा लेने वाले मरीजों को अन्य लिकोरिस वाले उत्पादों को नहीं लेना चाहिए क्योंकि गंभीर प्रतिकूल घटनाएं हो सकती हैं जैसे कि जल प्रतिधारण, हाइपोकलिमिया, उच्च रक्तचाप, हृदय विकार।
  • उच्च रक्तचाप, किडनी रोग, यकृत या हृदय संबंधी विकार या हाइपोक्लैमिया से प्रभावित मरीजों में शराब की दवा का इस्तेमाल करने की सलाह नहीं दी जाती है, क्योंकि वे लिकोरिस के प्रतिकूल प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील हैं।
  • लिकोरिस में एंटी-एस्ट्रोजेनिक और एस्ट्रोजेनिक गतिविधि होती है, जहां घटक ग्लोब्रिडिन में उच्च सांद्रता पर कम सांद्रता और एस्ट्रोजेनिक गतिविधि पर एस्ट्रोजेनिक गतिविधि होती है।
  • लीकोरिस युवा स्वस्थ पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन उत्पादन कम कर सकता है।
  • पोटेशियम की कमी से ग्रस्त व्यक्ति को लिकोरिस का उपयोग नहीं करना चाहिए।

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