प्रवाल पिष्टी तथा प्रवाल भस्म को मूंगे (अंग्रेजी में कोरल) से तैयार किया जाता है और दोनों में ही एक जैसे गुण पाए जाते हैं। पिष्टी को बनाने में आग का प्रयोग नहीं होता जबकि भस्म आग के इस्तेमाल से बनती है। इसलिए प्रवाल पिष्टी और प्रवाल भस्म में से प्रवाल पिष्टी अधिक सौम्य मानी जाती है।
प्रवाल पिष्टी तथा प्रवाल भस्म दोनों को ही हाइपरएसिडिटी, पित्त की अधिकता, अम्लता, ब्लीडिंग डिसऑर्डर, कैल्शियम की कमी जैसे विकारों के इलाज के लिए किया जाता है क्योंकि इसमें शीतलन गुण होते हैं।
प्रवाल पिष्टी का उपयोग हर्बल फाइटोस्ट्रोजन के साथ मीनोपॉज के लक्षणों के प्रबंधन में भी किया जाता है। इसे टीबी से खांसी, अत्यधिक पसीना, हृदय संबंधी फाइब्रिलेशन, ऑस्टियोपोरोसिस, पेशाब की जलन, आदि में भी दिया जाता है।
टीबी में प्रवाल पिष्टी अथवा प्रवाल भस्म हो सितोपलादि चूर्ण के साथ दिया जाता है। प्रवाल पिष्टी को कोरल को गुलाब जल में संसाधित करके फिर खरल करके महीन चूर्ण द्वारा बनाया जाता है। इसमें कैल्शियम कार्बोनेट, मैग्नीशियम के साथ अन्य खनिज भी पाए जाते हैं।
प्रवाल पिष्टी तथा प्रवाल भस्म की खुराक | Prawal Pishit dosage in Hindi
प्रवाल पिष्टी को 125 मिलीग्राम से 250 मिलीग्राम की खुराक में दिन में दो बार ले सकते है। एक दिन में इसे 2।5 ग्राम से ज्यादा की मात्रा में नहीं लेना चाहिए। इसे शहद, मक्खन या घी के साथ लिया जाना चाहिए।
प्रवाल पिष्टी के आयुर्वेदिक गुण | Praval Pishti Properties in Hindi
- वीर्य: शीत
- विपाक: मधुर
- रस (स्वाद): मधुर, हल्का खट्टा
- गुण: लघु, रूक्ष
- दोष कर्म (विकारों पर प्रभाव): वात-पित्त-कफ संतुलित करना
प्रवाल पिष्टी के संकेत | Praval Pishti Medicinal Uses in Hindi
प्रवाल पिष्टी (मूंगा पाउडर) को क्रीम या शहद के चम्मच के साथ, कैल्शियम की कमी, बुखार आदि में दिया जाता है। इसे लेने से घबराहट और अनियमित धड़कन की समस्या में भी लाभ होता है। यह हृदय के लिए टॉनिक है। इसके सेवन से हड्डियां मज़बूत होती है और मेनोपौज़ के लक्षणों में भी आराम होता है। मीनोपॉज में इसे अशोकारिष्ट के साथ लेना चाहिए। पित्त रोगों में गुलकंद के साथ लेने से शरीर में शीतलता आती है।
- अनियमित धड़कन
- ऑस्टियोपोरोसिस
- कमजोर हड्डियाँ
- कैल्शियम की कमी
- कैल्शियम सप्लीमेंट
- गर्भाशय से अत्यधिक रक्तस्राव
- गैस्ट्र्रिटिस
- घाव
- टीबी की खाँसी
- डिप्रेशन
- नाक से खून गिरना
- निम्न अस्थि खनिज घनत्व
- पेट में दर्द
- पेशाब में जलन-दर्द
- बुखार
- माइग्रेन
- मासिक धर्म में अत्यधिक रक्तस्राव
- रजोनिवृत्ति
- हाइपर एसिडिटी
- हाथ पैर में जलन
प्रवाल पिष्टी के फायदे | Praval Pishti Benefits in Hindi
प्रवाल पिष्टी को कोरल से बनाते हैं और यह तासीर में ठंडा है। इसके सेवन से शरीर में ठंडक आती है और शरीर में पित्त की अधिकता से होने वाले विकारों में भी लाभ होता है। पेशाब की जलन, हाथ-पैर की जलन, पेट मे जलन आदि में भी इसे दिया जाता है। प्रवाल पिष्टी के कुलिंग गुण के कारण इसे बुखार में भी दिया जाता है। बुखार में इसके सेवन से पेरासिटामोल या एसिटामिनोफेन जैसा असर होता है और बुखार का वेग कम होना शुरू हो जाता है।
शरीर में लाए ठंडक
प्रवाल पिष्टी वात, पित्त और कफ दोष से हो रहे रोगों में लाभप्रद है लेकिन इसका मुख्य प्रभाव पित्त रोगों पर अधिक दीखता है क्योंकि यह शरीर में शीतलता लाती है।जिन लोगों के शरीर में जलन या गर्मी अक्सर रहती है उन्हें इस दवा का सेवन करके देखना चाहिए।
कम करे जलन
प्रवाल पिष्टी अम्लता और पित्त की अधिकता के विकारों में फायदेमंद हैं क्योंकि इसमें अम्लत्वनाशक (पेट में अम्ल उत्पादन कम कर देता है) गुण है। शरीर में पित्त की अधिकता से जलन, सिर में दर्द, हाइपरएसिडिटी आदि लक्षण होते है। प्रवाल पिष्टी को लेने से जलन और ब्लीडिंग की समस्या में लाभ होता है। गर्म दवाओं के सेवन के साथ आप प्रवाल पिष्टी को ले सकते हैं।
पित्त रोगों में प्रवाल पिष्टी को गुलकंद के साथ लेना चाहिए।
बुखार में करे फायदा
प्रवाल पिष्टी में ज्वरनाशक गुण है तथा यह एसिटामिनोफेन की तरह से बुखार को कम करने की दवा है। प्रवाल पिष्टी मस्तिष्क में तापमान केंद्र पर कार्य करके ज्वर काम करती है।
कैल्शियम का है स्रोत
प्रवाल पिष्टी प्राकृतिक कैल्शियम पूरक है। कैल्शियम कार्बोनेट, मैग्नीशियम और अन्य आवश्यक खनिज होने से यह हड्डियों के गठन में मदद करती है। इसे लेने से शरीर में कैल्शियम की कमी दूर होती है। इसमें गठिया नाशक गुण है। यह हड्डियों को मजबूत करने की दवा है।
बढ़ते बच्चों, किशोरावस्था और बाद में रजोनिवृत्ति महिलाओं को अधिक कैल्शियम की आवश्यकता होती है। यह स्वस्थ हड्डियों, दांतों और कोशिका झिल्ली के विकास और रखरखाव के लिए प्राकृतिक कैल्शियम प्रदान करता है।
प्रवाल पिष्टी के साइड इफेक्ट्स | Praval Pishti Side Effects in Hindi
यह दवा केवल सख्त चिकित्सा पर्यवेक्षण के तहत ली जानी चाहिए।
प्रवाल पिष्टी प्राकृतिक और सुरक्षित है।
कब नहीं लें
यदि खून में कैल्शियम स्तरबढ़ा है तो इसे नहीं लें।
रोगानुसार ही दवा का प्रयोग करें।
प्रवाल पिष्टी के ब्रांड और प्राइस
- बैद्यनाथ Baidyanath Prawal Pishti – Rs 231.00
- पतंजलि Patanjali Praval Pishti – 5 GM Rs. 30.00
- धूतपापेश्वर Dhootapapeshwar Mouktik Mukta Pishti Rs. 359.00
- डाबर Dabur Praval Pishti 5Gm Rs. 151.00 आदि।