सप्तामृत लौह का सेवन दिमाग, आँखों, कान, नाक, गले, आदि इन्द्रियों को ताकत देता है। सही पथ्य का पालन करने पर इसका सेवन एसिडिटी, गैस, मूत्राघात/पेशाब का शरीर में रूक जाना, बुखार, उल्टी, अनीमिया आदि पर अच्छे प्रभाव दिखाता है।
सप्तामृत लौह आयुर्वेद का लौह कल्प है। लौह कल्प वह दवा है जिनमे मुख्य घटक लौह है। सप्तामृत लौह को बनाने के लिए पांच घटक बराबर मात्रा में मिलाये जाते हैं, ये पांच घटक हैं आमला, हरीतकी, बहेड़ा, मुलेठी और लोह भस्म। यह दवा आँखों की तकलीफें दूर करने के लिए प्रयोग की जाती है। यह सब तरह के आँखों के रोगों की उत्तम दवा है। इसका सेवन आँखों को ताकत देता है और दृष्टि को मजबूत बनाता है।
सप्तामृत लौह का सेवन दिमाग, आँखों, कान, नाक, गले, आदि इन्द्रियों को ताकत देता है। सही पथ्य का पालन करने पर इसका सेवन एसिडिटी, गैस, मूत्राघात/पेशाब का शरीर में रूक जाना, बुखार, उल्टी, अनीमिया आदि पर अच्छे प्रभाव दिखाता है।
इसका सेवन सभी के लिए हितकर है। यह एक अच्छा रसायन है जो सौम्य है और निरापद है।
कम मात्रा में इसका सेवन यदि सालभर किया जाए तो रस, रक्त, सहित सारी धातुएं सबल हो जाती है और शरीर को कान्ति मिलती है और ओज की वृद्धि होती है।
सप्तामृत लौह को घर पर भी बनाया जा सकता है। इसके लिए आमला (10 gram), हर्रे (10 gram), बहेड़ा (10 gram), मुलठी (10 gram) को बारीक पीस कर कपडे से छान लें। अब इसमें 10 gram लोह भस्म मिला दें। सारे घटकों को अच्छे से मिला कर एक एयर-टाइट डब्बे में रख लें। यही सप्तामृत लोह है।
Saptamrit Lauh is an Ayurvedic medicine containing herbal and mineral ingredients. It is prepared by mixing Amla, Haritaki, Vibhitaki, Mulethi with loh Bhasma. This medicine is a tonic that improves overall health. It is useful in treatment of diseases of eyes. It improves eye sight and digestion.
Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.
सप्तामृत लौह के घटक | Ingredients of Saptamrit Lauh in Hindi
- मुलेठी Madhuka (Yashti) (Rt.) 1 Part
- हर्रे Haritaki (P.) 1/3 Part
- बहेड़ा Bibhitaka (P.) 1/3 Part
- आमला Amalaki (P.) 1/3 Part
- लोह भस्म Lauha bhasma 1 Part
सप्तामृत लौह के लाभ | Benefits of Saptamrit Lauh in Hindi
- यह दृष्टि की कमजोरी को दूर करती है।
- इसका सेवन आँखों की लाली, खुजली, पानी गिरना, अंधेरा छाना, रतौंधी, आँखों में दर्द आदि तकलीफों को दूर करता है।
- आँखों के अतिरिक्त यह पूरे स्वास्थ्य पर अच्छे प्रभाव डालता है।
- यह शरीर में लोहे की कमी को दूर करता है और अनीमिया के कारण होने वाली परेशानियों से बचाव करता है।
- त्रिफला होने के कारण यह पाचन शक्ति को बढ़ाता है और कब्ज़ नहीं होने देता।
- इसका महात्रिफला घी से साथ नियमित सेवन करने से लगा हुया चश्मा हट सकता है।
- यह सभी इन्द्रियों की शक्ति में वृद्धि करता है।
- यह एक टॉनिक है जो संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
सप्तामृत लौह के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Saptamrit Lauh in Hindi
यह दवा आँखों की सभी तरह की तकलीफों के लिए लाभदायक है। इसे आँखों में जलन, खुजली, कमजोरी, रतौंधी, मोतियाबिन्द, आदि सभी में प्रयोग किया जाता है।
सप्तामृत लौह का सेवन कब्ज़, कमज़ोर पाचन शक्ति, खून की कमी, कफ की वृद्धि, पेट के कीड़ों, वात-विकार, और शारीरिक कमजोरी को दूर करता है।
- आँखों की सभी तरह की तकलीफें
- छर्दि (Emesis),
- शूल (Colicky Pain)
- अम्लपित्त (Dyspepsia)
- ज्वर (Fever)
- मूत्राघात (Obstruction in urinary tract)
- तिमिर (early stage of Cataract),
- कलमा (Tiredness without exertion),
- अनाह (Distension of abdomen due to obstruction to passage of urine and stools)
- शोथ (Inflammation)
सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Saptamrit Lauh in Hindi
- 1-2 गोली (375 mg-750 mg),दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
- इसे 1 gram घी + 3 gram शहद के साथ लें और फिर गाय का दूध पी लें।
- इसे भोजन करने के बाद लें।
- या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
You can buy this medicine online or from medical stores.
This medicine is manufactured by Baidyanath (Saptamrit Lauh), Dabur (Saptamrit Lauh), Unjha (Saptamrit Loha), Patanjali Divya Pharmacy (Divya Saptamrit Lauh), Shri Dhootapapeshwar Limited (Saptamrut Loha), Maharishi Ayurved (Saptamrit Lauh), Sri Sri Ayurveda (Sapthamruth Lauha), and many other Ayurvedic pharmacies.