शतावरी चूर्ण के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

Shatavari churna is an Ayurvedic medicine which contains Root Powder of plant Asparagus racemosus. Shatavar is used to treat infertility in both sexes, to increase sexual vigour, for urinary and kidney diseases, strangury and retention of urine.

शतावरी चूर्ण, का एकमात्र घटक शतावर है। शतावरी Asparagus racemosus पौधे की जड़ को आयुर्वेद में स्त्री रोगों को लिए प्रमुखता से प्रयोग किया जाता है। यह एक एंटीऑक्सिडेंट और जीवाणुरोधी है, तथा प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करती है।

satavar
By Frank Vincentz (Own work)

शतावर को माहवारी पूर्व सिंड्रोम (PMS), गर्भाशय से रक्तस्राव और नई मां में दूध उत्पादन शुरू करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त शतावर को अपच, कब्ज, पेट में ऐंठन, और पेट के अल्सर, दर्द, चिंता, कैंसर, दस्त, ब्रोंकाइटिस, क्षय रोग, मनोविकार, और मधुमेह के लिए भी प्रयोग किया जाता है। यह एक aphrodisiac के रूप में यौन इच्छा को बढ़ाने के लिए भी प्रयोग की जाती है।

इसमें एक सक्रिय antioxytocic saponins भी है जो की विशेष रूप से गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय की मांसपेशियों को बहुत ही अच्छा आराम देता है और संकुचन को रोकता है। इससे गर्भपात को रोकने और समय पूर्व प्रसव को रोकने में मदद होती है।

आम तौर पर गर्भपात को रोकने के लिए इसके पाउडर को दूध के साथ उबाल कर दिया जाता है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं में स्तन दूध को बढ़ाने में मदद करता है। यह खून की कमी से बचने में मदद करता है।

इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें।

Shatavari churna is an Ayurvedic medicine which contains Root Powder of plant Asparagus racemosus. Shatavar is used to treat infertility in both sexes, to increase sexual vigour, for urinary and kidney diseases, strangury and retention of urine.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्बल आयुर्वेदिक दवाई
  • मुख्य उपयोग: गर्भाशय के रोग और माताओं में दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए
  • मुख्य गुण: रसायन, बल्य, स्तन्यजन्य और शुक्रवर्धक

शतावरी चूर्ण के घटक Ingredients of Shatavari Churna

शतावरी की जड़ का पाउडर

शतावरी चूर्ण के फायदे | Benefits of Shatavari Churna in Hindi

  1. इसका शरीर में स्त्री हॉर्मोन एस्ट्रोजन जैसा असर होता है।
  2. इसका सेवन गर्भस्थ शिशु को ताकत देता है।
  3. यह दूध का अधिक स्राव कराने वाली औषध है।
  4. इसके सेवन से वज़न बढ़ता है।
  5. यह गर्भपात को रोकती है।
  6. यह गर्भाशय के संकुचन को कम कराती है।
  7. यह लिकोरिया या सफ़ेद पानी की समस्या में लाभप्रद है।
  8. यह बच्चों में शरीर के विकास और पुरुषों में अन्य द्रव्यों के साथ शुक्र बढ़ाने के लिए दी जाती है।

शतावरी चूर्ण के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Shatavari Churna in Hindi

  1. रक्त साफ़ करना Blood purification
  2. पेचिश, दस्त Diarrhoea and dysentery
  3. अल्सर Duodenal ulcers, dyspepsia, heartburn, gastritis, colitis, crohn’s disease and आईबीएस irritable bowel syndrome
  4. प्रजनन अंगों को ताकत देना Female reproductive tonic
  5. बार-बार होने वाला इन्फेक्शन Infections
  6. बाँझपन Infertility in both sexes
  7. कम कामेच्छा Low libido/impotence
  8. मीनोपॉज Menopause
  9. टॉनिक Nutritive tonic
  10. यौन कमजोरी दूर करना Promotes conception for sexual debility in both sexes
  11. स्तनों से दूध का स्राव ल्राना Promotes lactation
  12. संभावित गर्भपात Threatened miscarriage

सतवारी चूर्ण की सेवन विधि, लेने का तरीका और मात्रा | Dosage of Shatavari Churna in Hindi

  1. शतावरी चूर्ण को लेने की मात्रा 3-30 ग्राम है।
  2. ज्यादातर मामलों में इसे पांच ग्राम की मात्रा में लिया जाता है।
  3. इसे शहद, दूध, पानी के साथ लें।
  4. इसे भोजन करने के बाद लें।
  5. या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

सावधनियाँ/ साइड-इफेक्ट्स/ कब प्रयोग न करें Cautions/Side effects/Contraindications in Hindi

  1. इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  2. इसके सेवन से वज़न बढ़ सकता है।
  3. इसके अधिक सेवन से कफ, आमदोष और शरीर में स्रोतों में रुकावट हो सकती है।
  4. यदि बहुत कफ, अधिक आमदोष, पित्त की कमी और फेफड़े की जकड़न में न लें।
  5. इसका असर एस्ट्रोजन जैसा होता है।
  6. शतावरी चूर्ण को लेने की सटीक मात्रा बहुत से कारकों पर निर्भर है।
  7. इसे गर्भावस्था में लिया जा सकता है। आयुर्वेद में इसे संभावित गर्भस्राव को रोकने और गर्भाशय के रोगों में प्रयोग किया जाता है। इसके सेवन से गर्भाशय से होने वाले आसामान्य स्राव दूर होते है।
  8. शतावरी मूत्रल है। इसका प्रयोग किडनी में सूजन होने पर न करें।

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