सितोपलादि चूर्ण के सेवन से कफ और पेट सम्बन्धी रोगों में लाभ होता है। यह चूर्ण अस्थमा, सांस की तकलीफ, सूखी-गीली खांसी, कोल्ड, कफ, साइनोसाइटिस, ब्रोंकाइटिस आदि तकलीफों में लाभप्रद है।
सितोपलादि चूर्ण एक हर्बल आयुर्वेदिक औषधि है। इसे सोलह भाग मिश्री, आठ भाग बंशलोचन, चार भाग पिप्पली, दो भाग इलाइची के बीज और एक भाग दालचीनी को मिलाकर बनाया गया है। सितोपलादि चूर्ण एक शास्त्रीय योग है जिसे शारंगधर संहिता (मध्यमखंड अध्याय 6, 134-137) से लिया गया है तथा इसका कई आयुर्वेदिक फार्मेसियों निर्माण करती है।
सितोपलादि चूर्ण के सेवन से कफ और पेट सम्बन्धी रोगों में लाभ होता है। यह चूर्ण अस्थमा, सांस की तकलीफ, सूखी-गीली खांसी, कोल्ड, कफ, साइनोसाइटिस, ब्रोंकाइटिस आदि तकलीफों में लाभप्रद है। इसके अतिरिक्त यह भूख न लगना, अग्निमांद्य, जीभ की शून्यता, पसली के दर्द आदि को दूर करता है।
सितोपलादि चूर्ण पित्त और कफ दोनों को ही शांत करता है। बढ़े हुए कफ के कारण होने वाले बुखार में भी यह लाभ करता है। जब कफ सूख कर छाती में बैठ जाता है, हाथ-पैर में जलन होती है तथा खांसी आने लगती है ऐसे में इस दवा का प्रयोग उपयोगी है। यह पाचक पित्त बढ़ा भोजन को पचने में मदद करता है और शरीर को बल देता है। इसके सेवन से कफ रोगों के कारण शरीर में होने वाला आलस, कमजोरी, माथे में दर्द आदि दूर होते है।
इसे बच्चों के सूखा रोग, टी.बी., और बार-बार आने वाले बुखार जैसे की टाइफाइड, मलेरिया में भी दिया जाता है।
यह आम सर्दी, खांसी, जुखाम, ज्वर, दुर्बलता, गले में खराश, साइनस आदि के लिए एक सुरक्षित हर्बल आयुर्वेदिक दवा है।
Sitopaladi Churna is an herbal Ayurvedic medicine prepared from Rock candy and four herbal ingredients. The chief ingredient of this medicine is Sitopala or Rock Candy. The herbal ingredient include Silicacious Concretion of Bambusa arundinacea, long pepper, lesser cardamom and Cinnamon. Sitopaladi Churna is effective in treatment of excessive phlegm, associated symptoms, low appetite, digestive weakness, and weakness. It is also indicated in fever due to Kapha. It is taken with ghee and honey (6:1 ratio) or with only honey.
Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.
सितोपलादि चूर्ण के घटक | Ingredients of Sitopaladi Churna in Hindi
- सितोपला Sitotpala (Sita) 192 g
- वंशलोचन Vamsha Locana (Vamsha) (Silicacious Concretion) 96 g
- पिप्पली Pippali (Fr.) 48 g
- छोटी इलाइची Ela (Sukshmaila) (Sd.) 24 g
- दालचीनी Tvak (St. Bk.) 12 g
प्रमुख तत्व
सितोपला: इसमें मुख्य घटक सितोपला होने से इस दवा को सितोपलादि कहा जाता है। सितोपला, मिश्री का ही आयुर्वेदिक नाम है। इसे रॉक कैंडी और रॉ शुगर भी कहा जाता है। यह बड़े, सफ़ेद, क्रिस्टल के रूप में उपलब्ध होती है। सौंफ के साथ इसे माउथ फ्रेशनर की तरह भी प्रयोग किया जाता है। मिश्री का सेवन शरीर को उर्जा देता है। यह स्वाद में मीठी होती है तथा शरीर में वात को कम करती है। दावे में डालने पर यह दवा का स्वाद अच्छा करती है। यह भोजन के प्रति अरुचि को भी दूर करने में सहायक है।
इसे खांसी, कफ और पाचन विकार में अन्य जड़ी-बूटियों के साथ प्रयोग किया जाता है।
वंश लोचन/ बांस मन्ना / तवाशीर / तुगा / तुगाक्षीरी:
वंश लोचन सफेद नीलापन लिए हुए, मोटे फीमेल बांस की गांठों में पाया जाने वाला पदार्थ है। आयुर्वेद में इसे बहुत सी दवाएं बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। वंशलोचन, तासीर में ठंडा होता है। इसका सेवन खांसी, कफ, शरीर में बढ़ी गर्मी, हाथ-पैर की जलन, पसली के दर्द, और कमजोरी को दूर करता है। इसमें मुख्यतः सिलिका होता है जो की मांसपेशियों, उतकों, बालों, टेंडन आदि के लिए ज़रूरी है। यह शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाता है। यह एंटीबैक्टीरियल भी है। यह शरीर के लिए पौष्टिक भी है।
पिप्पली: पिप्पली, उत्तेजक, वातहर, विरेचक है तथा खांसी, स्वर बैठना, दमा, अपच, में पक्षाघात आदि में उपयोगी है. यह तासीर में गर्म है। पिप्पली पाउडर शहद के साथ खांसी, अस्थमा, स्वर बैठना, हिचकी और अनिद्रा के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है। यह एक टॉनिक है।
छोटी इलायची: इला / इलायची, त्रिदोष-हर, पाचन, वातहर, पोषक, विरेचक और कफ को ढीला करती है। यह मूत्रवर्धक है। इलाइची उलटी, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, गले के विकार, बवासीर, गैस, पाचन विकार और खाँसी में उपयोगी है।
दालचीनी: दालचीनी या दारुचिनी एक पेड़ की छाल है। यह वात और कफ को कम करती है, लेकिन पित्त को बढ़ाती है। यह मुख्य रूप से पाचन, श्वसन और मूत्र प्रणाली पर काम करती है। इसमें दर्द-निवारक / एनाल्जेसिक, जीवाणुरोधी, ऐंटिफंगल, एंटीसेप्टिक, खुशबूदार, कसैले, वातहर, स्वेदजनक, पाचन, मूत्रवर्धक, उत्तेजक और भूख बढ़ानेवाले गुण है। दालचीनी पाचन को बढ़ावा देती है और सांस की बीमारियों के इलाज में भी प्रभावी है।
सितोपलादि चूर्ण के फायदे | Benefits of Sitopaladi Churna in Hindi
- यह वात-पित्त-कफ संतुलित करती है।
- यह दवा कफ को दूर करती है।
- इसके सेवन से हाथ-पैर की जलन में आराम होता है।
- यह भूख को बढ़ाती है।
- यह खांसी, जुखाम में लाभदायक है।
- यह कफ के कारण कमजोरी, थकावट, और आलस्य में लाभकारी है।
- यह स्वाद में मधुर, गुण में लघु, स्निग्ध और वीर्य में उष्ण है।
- यह पूरी तरह से हर्बल है।
सितोपलादि चूर्ण के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Sitopaladi Churna in Hindi
- सर्दी, खांसी, जुखाम, कफ
- श्वास / अस्थमा
- पुराना बुखार
- फेफड़ों में विकार
- खून की कमी
- अरोचक (tastelessness)
- अग्निमांद्य (digestive impairment)
- पित्तज श्वास (asthma due to pitta dosha)
- हाथ-पैर की जलन Burning sensation in palms and soles
- पार्श्वशूल (intercostal neuralgia and pleurodynia)
- क्षय (pthisis = pulmonary tuberculosis or a similar progressive wasting disease)
- सुप्तजिह्वा (numbness of tongue)
- उर्ध्वागत रक्तपित्त (bleeding from orifices of the upper part of the body)
- ब्रोंकाइटिस (inflammation of the mucous membrane in the bronchial tubes caused by bronchospasm and coughing)
- पल्मनरी टी. बी. Pulmonary tuberculosis
- अस्थमा (respiratory condition marked by attacks of spasm in the bronchi of the lungs, causing difficulty in breathing। It is usually connected to allergic reaction or other forms of hypersensitivity)
- रायनाइटिस (inflammation of the mucous membrane of the nose, caused by a virus infection or by an allergic reaction)
सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Sitopaladi Churna in Hindi
- २ ग्राम दिन में तीन बार, सुबह, दोपहर और शाम लें।
- इसे शहद के साथ लें।
- या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
This medicine is manufactured by Baidyanath (Sitopaladi Churna), Dabur (Sitopaladi Churna), Zandu (Sitopaladi Churna), Vyas Pharma (Sitopaladi Churna), Patanjali Divya Pharmacy (Divya Sitopaladi Churna), and many other Ayurvedic pharmacies.
Kya 35 aged person without doctor let Sakta hai kya,sap ke niyamonke sath
haan, lekin 1 month se jyada lagatar sevan na karen
Hello, mera baby 1 year ka he use cough ki problem hoti he kya me usse sitopal de sakti hu? Dose kitna du aur kitne din tak du??
परहेज क्या है
Mujhe 1 Year ho gaya ha cough ataata par koi bhe madicen kam nahi kar rahe ha to kaya ma isa la sakta hu
ji haa le sakati hain, २ ग्राम दिन में तीन बार, सुबह, दोपहर और शाम लें। और १ महीने से ज्यादा नहीं लें
Pregnancy me khasi me kha sakte hai plz reply
nahin
Nice churn good for health
How long time nd what dose can be taken in daily use
२ ग्राम दिन में तीन बार, सुबह, दोपहर और शाम लें। 1 महीने तक ले सकते हैं
Mujhe kafi din se kaph ki shikayat thi iske sevan se mujhe kaphi aaram mila
Kitne din aur kitni dose lene se Aram hua.. Kitne Time se pblm thi.
Sinus infection useful medicine
Can it be taken along with Giloy satva and Kasisa bhasm/Prawal Pishti in case of anaemia and debility ?
yes
Nice madicin good job
Bhai kis cheej me kaam aata h yhe churan
Excellent information good Job
Nice. Information sitopaladi churn in detail thsnks
Very good jankari keliye
Nic
अति उत्तम ज्ञान वर्द्धक जानकारी |
धन्यवाद
nice nice nice