स्टे ऑन कैप्सूल के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

स्टे ऑन कैप्सूल  Stay-On Capsule  in Hindi अश्वगंधा, सफेद मुस्ली, कौंच, गोखरू, अकरकरा, शतावरी, वंग भस्म, मकरध्वज आदि का एक संयोजन है। इसमें  एण्ड्रोजेनिक, ताकत देने के और कामोत्तेजक गुण हैं।  यह दवा ताकत, शक्ति और पौष्टिकता को बढ़ावा देने में मदद करती है तथा पुरुषों में शीघ्रपतन, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, नामर्दी, वीर्य विकार, कामेच्छा की कमी आदि में लाभप्रद है।

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Stay-On Capsule is Herbomineral Ayurvedic medicine. It is indicated in treatment of erectile dysfunction. It has antioxidant, adaptogenic, anti-stress, energy boosting and tonic properties. It improves energy level, strength, vitality and vigor. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • दवा का नाम: स्टे ऑन कैप्सूल  Stay-On Capsule
  • निर्माता:  Shree Maruti Herbal
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्ब,मिनरल औ मकरध्वज युक्त दवा
  • मुख्य उपयोग: स्तम्भन दोष, शीघ्र पतन, वीर्य का पतला होना
  • मुख्य गुण: जोश, ताकत बढ़ाना

मूल्य MRP:

10caps @ Rs. 275.00

स्टे ऑन कैप्सूल के घटक | Ingredients of  Stay-On Capsule in Hindi

In Each Capsule of Maruti’s Stay-On (एक पैक पर मिली जानकारी अनुसार) 

  • सफ़ेद मुस्ली Asparagus Adscendens 8%
  • Myri Sucabragnus 8%
  • अश्वगंधा Withania Somnifera 7%
  • इलाइची Cardamonum 5%
  • लवंग Caryophyllus aromaticus 5%
  • कोकिलाक्षा Hygrophila spinosa 5%
  • अतिबला Abutilon Indicum 5%
  • Aulophia Comperstrisswall 4%
  • अभ्रक भस्म Abhrak Bhasma 3%
  • केशर Crocus Sativas 1%
  • जायफल Myristica fragrans 8%
  • अकरकरा Anacyclus pyrethrum  8%
  • सोंठ Zingiber officinale 8%
  • पिप्पली Piper Longum 5%
  • कौंच Mucuna pruriens a 8%
  • शतावरी Asparagus racemosus 5%
  • बला Sida cordifolia 5%
  • वंग भस्म  Bang Bhasma 2%
  • मकरध्वज Makhradhwaj 3%

अश्वगंधा

अश्वगंधा जड़ में कई एल्कलॉइड होते हैं जैसे की, विथानिन, विथानानाइन, सोमनाइन, सोम्निफ़ेरिन आदि। जड़ में फ्री अमीनो एसिड में जैसे की एस्पार्टिक अम्ल, ग्लाइसिन, टाइरोसीन शामिल एलनाइन, प्रोलाइन, ट्रीप्टोफन ,ग्लूटामिक एसिड और सीस्टीन aspartic acid, glycine, tyrosine, alanine, proline, tryptophan, glutamic acid and cysteine आदि भी पाए जाते हैं। विथानिन में शामक और नींद दिलाने वाला गुण है sedative and hypnotic। विथफेरिन एक अर्बुदरोधी antitumor, एंटीऑर्थरिटिक anti-arthritic और जीवाणुरोधी antibacterial है। अश्वगंधा स्वाद में कसैला-कड़वा और मीठा होता है। तासीर में यह गर्म hot in potency है। इसका सेवन वात और कफ को कम करता है लेकिन बहुत अधिक मात्रा में सेवन शरीर में पित्त और आम को बढ़ा सकता है। यह मुख्य रूप से मांसपेशियों muscles, वसा, अस्थि, मज्जा/नसों, प्रजनन अंगों reproductive organ, लेकिन पूरे शरीर पर काम करता है। यह मेधावर्धक, धातुवर्धक, स्मृतिवर्धक, और कामोद्दीपक है। यह बुढ़ापे को दूर करने वाली औषधि है।

अश्वगंधा (Withania somnifera) की जड़ें को इंडियन जिन्सेंग के नाम से भी जाना जाता है। यह पुरुष प्रजनन अंगों पर विशेष प्रभाव डालती है तथा यौन शक्ति बढ़ाने के लिए प्रयोग की जाती है। यह वीर्य की मात्रा और गुणवत्ता को बढ़ाने में भी मदद करती है। अश्वगंधा आयुर्वेद में टॉनिक, कामोद्दीपक, वजन बढ़ाने के लिए और शरीर की प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए increases weight and improves immunity प्रयोग की जाती है। अश्वगंधा तंत्रिका कमजोरी, बेहोशी, चक्कर और अनिद्रा nervous weakness, fainting, giddiness and insomnia तथा अन्य मानसिक विकारों की भी अच्छी दवा है।

सफ़ेद मूसली

मुसली को हर्बल वियाग्रा के रूप में जाना जाता है। यह पुरुष प्रजनन प्रणाली को दुरुस्त करती है। मुसली की जड़ों को पुरुषों की यौन कमजोरी दूर करने के लिए पारंपरिक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। यह पुरुषों में यौन कमजोरी के लिए एक पोषक टॉनिक के रूप में कार्य करती है। मुसली का सेवन शरीर और मन को फिर से दुर्बलता को दूर करता है। इसके सेवन से कामेच्छा, शुक्राणुओं की संख्या बढ़ जाती है और सामान्य दुर्बलता का इलाज होता है। यह एक शक्तिशाली पुरुष और महिला यौन उत्तेजक के रूप में काम करता है। यह रक्त और वीर्य वर्धक है।

मकरध्वज

मकरध्वज (Makardhwaj) नपुंसकता, शीघ्रपतन, स्तंभन दोष, इरेक्टाइल डिसफंक्शन और अन्य स्थितियों के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है। यह एक इनोर्गानिक पदार्थ है तथा सल्फाइड ऑफ़ मरकरी और गोल्ड का कॉम्बिनेशन है। मकरध्वज को सोने, पारद और गंधक को एक निश्चित अनुपात में, आयुर्वेद में बताये गए तरीकों से बनाया जाता है। मकरध्वज का सेवन शरीर, दिल, और दिमाग को ताकत देता है।

जायफल

जायफल या जातीफल एक प्रसिद्ध मसाला है। यह मिरिस्टिका फ्रेगरेंस वृक्ष के फल में पाए जाने वाले बीज की सुखाई हुई गिरी है। जायफल और जावित्री दोनों एक ही बीज से प्राप्त होते हैं। जायफल की बाहरी खोल outer covering या एरिल को जावित्री Mace कहते है और इसे भी मसाले की तरह प्रयोग किया जाता है। भारत में जायफल के वृक्ष तमिलनाडु में और कुछ संख्या में केरल, आंध्र प्रदेश, निलगिरी की पहाड़ियों में पाए जाते है।

जायफल को बाजिकारक aphrodisiac दवाओं और तेल को तिलाओं में डाला जाता है। यह पुरुषों की इनफर्टिलिटी, नपुंसकता, शीघ्रपतन premature ejaculationकी दवाओं में भी डाला जाता है। यह इरेक्शन को बढ़ाता है लेकिन स्खलन को रोकता है। यह शुक्र धातु को बढ़ाता है। यह बार-बार मूत्र आने की शिकायत को दूर करता है तथा वात-कफ को कम करता है।

वंग भस्म

वंग भस्म का मुख्य प्रभाव मूत्र अंगों और जननांगों पर होता है। इसे पुरुषों और स्त्रियों के प्रजनन अंगों सम्बंधित रोगों में प्रयोग किया जाता है। यह पुरुष की इन्द्रिय को ताकत देती है, शुक्र धारण में सहयोग करती है, वीर्य को गाढ़ा करती है तथा नामर्दी, शीघ्रपतन, पेशाब के साथ शुक्र जाना, स्वप्न में स्खलन, हस्तमैथुन आदि में रोगों को नष्ट करती है। इसे आयुर्वेद में शुक्रक्षय, स्वप्नमेह, शुक्र स्खलन, नपुंसकता की सर्वोत्तम औषधि माना गया है।

आकारकरभ

आकारकरभ, अकरकरा, करकरा आदि एनासाइक्लस पायरेथम के संस्कृत नाम हैं। इसका अरेबिक नाम आकिरकिर्हा, ऊदुलकई और फ़ारसी में तर्खून कोही है। इंग्लिश में इसे पाइरेथ्रम रूट, पेलेटरी रूट, स्पेनिश पेलिटरी Pellitory Root आदि नामों से जानते हैं। अकरकरा में मूत्रल, वाजीकारक, बुद्धिवर्धक, कफनाशक, उत्तेजक और पित्तवर्धक गुण पाए जाते हैं। यह काम शक्ति को बढ़ाने और वाजीकारक की तरह, आंतरिक और बाहरी, दोनों ही तरह से प्रयोग किया जाता है। बाहरी रूप से इसका लेप (तिला के रूप में) और आंतरिक रूप से इसे चूर्ण की तरह प्रयोग किया जाता है। इसका सेवन उत्तेजना लाता है और इन्द्रिय को अधिक खून की सप्लाई करता है।

स्टे ऑन कैप्सूल के कर्म | Principle Action in Hindi

  • बाजीकरण: द्रव्य जो रति शक्ति में वृद्धि करे।
  • रसायन: द्रव्य जो शरीर की बीमारियों से रक्षा करे और वृद्धवस्था को दूर रखे।
  • वृष्य: द्रव्य जो बलकारक, वाजीकारक, वीर्य वर्धक हो।
  • शुक्रकर: द्रव्य जो शुक्र का पोषण करे।
  • शोथहर: द्रव्य जो शोथ / शरीर में सूजन, को दूर करे।

स्टे ऑन कैप्सूल के फायदे | Benefits of  Stay-On Capsule in Hindi

  • यह एक सेक्सुअल टॉनिक है।
  • इसमें केवांच, अश्वगंधा, मकरध्वज जैसे द्रव्य हैं जो की पुरुषों के विशेष रूप से उपयोगी माने गए हैं।
  • यह दवाई प्रजनन अंगों के सही प्रकार से काम करने में सहयोग करती है।
  • यह इरेक्टाइल डिसफंक्शन आदि को दूर करती है।
  • यह इम्पोटेंस में फायदेमंद है।
  • इसका सेवन शरीर में ताकत, उर्जा देता है।
  • यह यौन दुर्बलता को दूर करने में सहायक है।
  • यह नसों को ताकत देती है।
  • यह शीघ्रपतन, स्तंभन दोष, अनैच्छिक शुक्रपात, स्वप्नदोष, यौन दुर्बलता में लाभप्रद है।

स्टे ऑन कैप्सूल के चिकित्सीय उपयोग | Uses of  Stay-On Capsule in Hindi

  • यौन प्रदर्शन में सुधार
  • अस्थायी / आंशिक / सामयिक या स्थायी स्तंभन दोष को सुधारना
  • संभोग सुख बढ़ाना
  • कामेच्छा बढ़ाना
  • समयपूर्व (जल्दी और अचानक) स्खलन
  • जीवन शक्ति, उत्साह और सहनशक्ति को बढ़ाना
  • शीघ्रपतन या प्रीमेच्योर एजाकुलेशन
  • कम एनर्जी, कम कामेच्छा Low energy, vigour

शीघ्रपतन या प्रीमेच्योर एजाकुलेशन वह स्थिति है जिसमें योनि पेनेट्रेशन के 1 मिनट के भीतर स्खलन हो जाता है। जब यह हमेशा या लगभग हमेशा होता है है तो शीघ्र पतन की समस्या हो जाती है। इस यौन समस्या में स्खलन पर नियंत्रण की कमी रहती है। जिस कारण यौन संतुष्टि का अभाव रहता है और पार्टनर्स में निराशा तथा यौन प्रदर्शन की कमी, और संतुष्टि नहीं हो पाती।

स्तंभनदोष या नपुंसकता या इरेक्टाइल डिसफंक्शन, वह स्थिति है जब संभोग के दौरान शिश्न में तनाव / उत्तेजना नहीं आती अथवा यह उत्तेजना बनी नहीं रहती जिससे यौन निष्क्रियता हो जाती है।

नपुंसकता या नामर्दी में पुरुष सेक्स करने में असफल रहता है। यह स्थिति मानसिक भी हो सकती और शारीरिक भी। शारीरिक नपुंसकता के कई कारण हो सकते हैं जैसे की ब्लड सप्लाई की कमी, नर्व्स की गड़बड़ी से या हॉर्मोनल असंतुलन आदि तथा इसमें व्यक्ति के अंग में किसी स्थिति में उत्तेजना नहीं आती। मानसिक नपुंसकता चिंता, भय, स्ट्रेस, एंग्जायटी, आदि के कारण हो सकती है। इसमें मास्टरबेशन के दौरान पेनिस में उत्तेजना आती है जबकि सेक्स के दौरान नहीं।

स्टे ऑन कैप्सूल की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of  Stay-On Capsule in Hindi

  • 1 कैप्सूल नाश्ते से पहले और 1 शाम को खाने से पहले।
  • इसे दूध, के साथ लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

स्टे ऑन कैप्सूल के इस्तेमाल में सावधनियाँ | Cautions in Hindi

  • इसका इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह के आधार पर 1 महीने तक किया जा सकता है।
  • उम्र और ताकत पर विचार करते हुए और किसी वैद्य की विशेषज्ञ सलाह के साथ, दवा का उचित अनुपात में उचित अनुपान के साथ इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
  • इस औषधि को केवल विशिष्ट समय अवधि के लिए निर्धारित खुराक में लें।
  • इस दवा को डॉक्टर की देख-रेख में ही लें।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  • इसे ज्यादा मात्रा में न लें।
  • यह हमेशा ध्यान रखें की जिन दवाओं में पारद, गंधक, खनिज आदि होते हैं, उन दवाओं का सेवन लम्बे समय तक नहीं किया जाता। इसके अतिरिक्त इन्हें डॉक्टर के देख-रेख में बताई गई मात्रा और उपचार की अवधि तक ही लेना चाहिए।
  • यह पित्त को बढ़ाता है। इसलिए पित्त प्रकृति के लोग इसका सेवन सावधानी से करें।

स्टे ऑन कैप्सूल के साइड-इफेक्ट्स | Side effects of Stay-On Capsule in Hindi

  • निर्धारित खुराक में लेने से दवा का कोई दुष्प्रभाव ज्ञात नहीं है।
  • इससे कुछ लोगों में पेट में जलन हो सकती है।

स्टे ऑन कैप्सूल को कब प्रयोग न करें | Contraindications in Hindi

  • इसे बताई मात्रा से अधिकता में न लें।
  • यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।
  • अधिक मात्रा में सेवन पेट में जलन, एसिडिटी, आदि समस्या कर सकता है।

भंडारण निर्देश

सूखी जगह में स्टोर करें।

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