सूतशेखर रस शरीर में अधिक पित्त के कारण होने वाले रोग/पित्त विकार, अम्लपित्त, मन्दाग्नि, पेट दर्द, चक्कर आना, उल्टी, अतिसार, पेट फूलना, हिचकी आदि रोगों में लाभप्रद है।
सूतशेखर रस एक आयुर्वेदिक दवाई है जिसे औषधीय वनस्पतियों और धातुओं की भस्मों के संयोग से बनाया गया है।
यह एक रस-औषधि है जिसमें रस, पारा है। पारे को ही आयुर्वेद में रस या पारद कहा जाता है और बहुत सी दवाओं के निर्माण में प्रयोग किया जाता है। पारा एक विषाक्त धातु है और इसे आयुर्वेद में केवल सही प्रकार से शोधित कर के ही इस्तेमाल किया जाता है। रस औषधियां शरीर पर शीघ्र प्रभाव डालती हैं। इन्हें डॉक्टर की देख-रेख में ही लेना सही रहता है।
सूतशेखर रस के घटकों में शामिल है, परद, गंधक, चांदी, त्रिकटु, धतूरा, सुहागा, चातुर्जात आदि।
इसके दो प्रकार हैं, सूतशेखर रस स्वर्ण युक्त या सूतशेखर रस नंबर १ तथा सूतशेखर रस साधा। दोनों ही अम्लपित्त के उपचार में प्रयोग किये जाते है। दोनों के घटक समान हैं लेकिन सूतशेखर रस स्वर्ण युक्त में सोने की भस्म भी है जिससे यह हृदय और मस्तिष्क को भी बल देता है। यह वातवाहिनी और रक्तवाहिनी नसों पर विशेष प्रभाव डालता है। इसके सेवन से हृदय को बल मिलता है। स्वर्ण भस्म होने से यह, सूतशेखर रस सादा, से अधिक मूल्य का होता है।
सूतशेखर रस शरीर में अधिक पित्त के कारण होने वाले रोग/पित्त विकार, अम्लपित्त, मन्दाग्नि, पेट दर्द, चक्कर आना, उल्टी, अतिसार, पेट फूलना, हिचकी आदि रोगों में लाभप्रद है। रोगानुसार अनुपान के साथ इसे बहुत से रोगों के उपचार में प्रयोग किया जाता है।
Sutshekhar Ras is an Ayurvedic medicine containing herbal and mineral ingredients. This medicine is used in treatment of hyperacidity. It gives relief in cough and excessive acid. It improves digestive power. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.
सूतशेखर रस के घटक | Ingredients of Sutshekhar Ras in Hindi
- शुद्ध सूत (शुद्धा परद) 1 Part
- शुद्ध गंधक 1 Part
- स्वर्ण भस्म 1 Part
- रौप्य भस्म 1 Part
- शुद्धा सुहागा 1 Part
- शुंठी (Rz.) 1 Part
- मरीचा (Fr.) 1 Part
- पिप्पली (Fr.) 1 Part
- उन्मत्त बीजा (शुद्ध धत्तुरा) (Sd.) 1 Part
- ताम्रा भस्म 1 Part
- दालचीनी 1 Part
- पत्र (तेजपत्र) (Lf.) 1 Part
- एला (Sd.) 1 Part
- नागकेशर (Adr.) 1 Part
- शंखभस्म 1 Part
- बिल्व मज्जा (बिल्व) (Fr.P.) 1 Part
- ककरका (कर्चूर) (Rz.) 1 Part
- भृंगराज स्वरस (Pl.) Q. S. for मर्दन
सूतशेखर रस के प्रकार – सूतशेखर रस में अंतर | Difference between two Sutshekhar Ras in Hindi
सूतशेखर रस स्वर्ण युक्त: इसमें स्वर्ण भस्म का प्रयोग होता है। स्वर्ण भस्म के कारण इसमें कुछ विशेष गुण आ जाते हैं।
सूतशेखर रस सादा: इसमें सारे घटक सूतशेखर रस स्वर्ण के समान हैं लेकिन स्वर्ण नहीं है।
सूतशेखर रस के लाभ | Benefits of Sutshekhar Ras in Hindi
- यह एसिडिटी और खांसी में राहत देता है।
- यह वात और पित्त को शांत करता है।
- सूखी खांसी में, इसे (स्वर्ण युक्त) सितोपलादि चूर्ण के साथ लेने से रोग ठीक होता है।
- यह (स्वर्ण युक्त) मस्तिष्क और दिल को शक्ति देता है।
- यह मल को बांधता है।
- यह पाचन में सुधार करता है ।
- यह दर्द में राहत देता है।
- यह धीरे-धीरे काम करता है लेकिन प्रभावी ढंग से रोग को ठीक करता है।
सूतशेखर रस के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Sutshekhar Ras in Hindi
- अम्लपित्त (Dyspepsia)
- शूल (Colicky Pain)
- गुल्म (Abdominal lump)
- कास (Cough)
- ग्रहणी (Malabsorption syndrome)
- अतिसार (Diarrhea)
- श्वास (Dyspnoea/Asthma)
- अग्निमांद्य (Digestive impairment)
- हिक्का (Hiccup)
- उदावर्त (वायु का ऊपर की ओर चढ़ना)
- राजयक्ष्मा (Tuberculosis)
- वमन, कै (Vomiting)
- माइग्रेन या आधासीसी जिसमें उल्टी हो
सूतशेखर रस की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Sutshekhar Ras in Hindi
- 125 mg से 250 mg या 1/२ से १ गोली, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
- इसे 1 ग्राम गोघृत + 3 ग्राम शहद, और अनार के रस/आंवला मुरब्बा के साथ लें।
- इसे भोजन करने के बाद लें।
या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
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