स्वपन रोगहर टेबलेट के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

स्वपन रोगहर टेबलेट, मुल्तानी फार्मासुटिकल द्वारा निर्मित जड़ी-बूटियों और भस्म युक्त दवा है। जैसा नाम से ही पता चलता है, यह दवा केवल पुरुषों के लिए है। इसका मुख्य उपयोग स्वप्नदोष को दूर करने के लिए है।

स्वप्नदोष को नोक्टर्नल एमिशन, नाईट फॉल आदि नामों से भी जानते हैं। इस स्थिति में नींद में ही वीर्यपात हो जाता है। यह यह कोई बहुत गंभीर स्थिति नहीं है। किशोरों में इसके होने का अर्थ है की अब वह युवा हो रहा है और उसकी पौरुष ग्रंथि सक्रिय हो गयी है। वीर्य पात होने का यह अर्थ भी है की शुक्रकोष में वीर्य की मात्रा अधिक हो गयी है और और यह शुक्रकोष में नहीं समा रहा। इसप्रकार स्वप्नदोष एक स्वस्थ्य और स्वाभाविक प्रक्रिया है जो हर पुरुष के साथ कभी न कभी होती है। स्वप्नदोष जड से शादी के बाद ही जाता है।

यदि यह हर सप्ताह में २-३ बार हो रहा है तो कोई समस्या नहीं लेकिन व्यक्ति को यदि रोज ही स्वप्नदोष होता हो तो ज़रूर ही इसका इलाज़ किया जाना चाहिए।

स्वप्नदोष की चिकित्सा के लिए आवश्यक है विचारों को पवित्र रखना और इतना परिश्रम करना की गहरी नींद आ सके। जिन कारणों से यह हो रहा है उनको जान कर उन्हें दूर करने की चेष्टा करनी चाहिए। दैनिक कोई न कोई व्यायाम करना चाहिए। प्राणायाम करना चाहिए। रात का भोजन हल्का करना चाहिए। रात को सोने से पहले दूध-मलाई या गरिष्ठ भोजन का सेवन भी स्वप्नदोष को बढ़ा सकता है।

यदि कब्ज़ रहती हो तो पहले उसका उपचार अवश्य करना चाहिए। इसके लिए इसबगोल की भूसी को रात में सोने से पहले पर्याप्त मात्रा में पानी के साथ लेना चाहिए। अथवा नियमित रूप से त्रिफला चूर्ण का सेवन गर्म जल के साथ करना चाहिए।

आयुर्वेद में बहुत से लोग इसे प्रमेह का तो कुछ लोग निद्रा का दोष मानते हैं। जो लोग इसे प्रमेह का रोग मान भांग अथवा अफीम युक्त दवाओं के सेवन से इसे दूर करना चाहते हैं उन्हें यह भली भांति जानना चाहिए की इस प्रकार की दवाएं कुछ दिन तक तो शायद अच्छे परिणाम से दें लेकिन बाद में यह रोग को और अधिक जटिल बना देती है और साथ ही अफीम युक्त दवाएं मनुष्य के पूरे स्वास्थ्य को ही नष्ट कर देती हैं।

यह हमेशा ध्यान रखें की जिन दवाओं में पारद, गंधक, भस्में आदि होते हैं, उन दवाओं का सेवन लम्बे समय तक नहीं किया जाता। इसके अतिरिक्त इन्हें डॉक्टर के देख-रेख में बताई गई मात्रा और उपचार की अवधि तक ही लेना चाहिए। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें।

  • निर्माता/ब्रांड: मुल्तानी फार्मासुटिकल
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: पारद-गंधक, भस्म और जड़ी-बूटियों युक्त आयुर्वेदिक दवाई
  • मुख्य उपयोग: पुरुषों के लिए
  • मुख्य गुण: पुरुष प्रजनन अंगों को ताकत देना, वीर्यपात को रोकना

Swapna roghar is a herbo mineral combination from Multani Pharmaceuticals. It supports better ejaculatory control, cures erectile dysfunction and is good for genitourinary disorder.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

स्वपन रोगहर के घटक | Ingredients of Multani Swapna Roghar in Hindi

प्रत्येक टेबलेट में

  1. जायफल पाउडर 35.71 mg
  2. जावित्री पाउडर 35.71 mg
  3. सर्पगंधा 35.73 mg
  4. वंग भस्म 35.71 mg
  5. अभ्रक भस्म 35.71 mg
  6. लौह भस्म 35.71 mg
  7. शुद्ध पारद 17.86 mg
  8. शुद्ध गंधक 17.86 mg

जायफल या जातीफल एक प्रसिद्ध मसाला है। यह मिरिस्टिका फ्रेगरेंस वृक्ष के फल में पाए जाने वाले बीज की सुखाई हुई गिरी है। जायफल और जावित्री दोनों एक ही बीज से प्राप्त होते हैं। जायफल की बाहरी खोल outer covering या एरिल को जावित्री Mace कहते है।

जायफल और जावित्री दोनों ही स्वाद में कटु, तिक्त, गुण में लघु और तेज है। स्वभाव से गर्म है और कटु विपाक है। यह उष्ण वीर्य है।

जायफल और जावित्री को बाजिकारक aphrodisiac दवाओं और तेल को तिलाओं में डाला जाता है। यह पुरुषों की इनफर्टिलिटी, नपुंसकता, शीघ्रपतन premature ejaculationकी समस्याओं में उपयोगी है। इनके सेवन से इरेक्शन बढ़ता है लेकिन स्खलन रुकता है। ये शुक्र धातु को बढ़ातेहै। यह बार-बार मूत्र आने की शिकायत तथा वात-कफ को कम करने में लाभप्रद है।

सर्पगंधा को आयुर्वेद में उच्च रक्तचाप, अनिद्रा, और उन रोगों में जिनमें सेन्ट्रल नर्वस सिस्टम को दबाने की ज़रूरत (जैसे की पागलपन, शिजोफ्रेनिया, एंग्जायटी आदि) होती है, में प्रयोग किया जाता है।

केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र या सेन्ट्रल नर्वस सिस्टम CNS, मस्तिष्क और स्पाइनल कार्ड से बना होता है। यह हमारे शरीर के अभी अंगो से जुड़ा होता है। यह सम्पूर्ण शरीर की क्रियाओं एवं गतिविधियों के संचालन तथा नियमन के लिए आवश्यक है। सर्पगंधा एक ऐसी औषधि है जिसका सेवन केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र को दबाता या डिप्रेस CNS depressant करता है जिस कारण नींद आती है और शरीर के क्रियाकलाप धीमे होते हैं। यह सांस लेना, नाड़ी की गति, मस्तिष्क की सक्रियता आदि को कम करती है।

इसप्रकार सर्पगंधा का सेवन निद्राजनक, रक्तचाप कम करने का, और एंग्जायटी, पागलपन, आदि में लाभप्रद है। सर्पगंधा तासीर में बहुत गर्म होती है। पित्त को बढ़ाती है इसलिए जो लोग पित्त प्रकृति के हैं, जिनमे ब्लीडिंग डिसऑर्डर है, शरीर में बहुत गर्मी है उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

वंग या बंग भस्म, स्टेनम या टिन की भस्म है। इसे आयुर्वेद में हल्का, दस्तावर, रूखा, गर्म, पित्तकारक माना गया है। इसे मुख्य रूप से प्रमेह, कफ, कृमि, पांडू, श्वास रोगों में प्रयोग कियाजाता है। शुद्ध वांग को सम्पूर्ण प्राकर के प्रमेहों को नष्ट करने वाला कहा गया है। बंग भस्म का सेवन शरीर को बल देता है, इन्द्रियों को शक्ति देता है और पुरुषों के सभी अंगों को ताकत से भरता है तथा पुरुष होर्मोन का भी अधिक स्राव कराता है। यह मुख्य रूप से प्रजनन अंगों के लिए ही उपयोगी है। बंग भस्म वाजीकारक भी है।

आयुर्वेदिक गुण in Hindi

  1. शुक्रवर्धक, बलवर्धक, वीर्यवर्धक
  2. बाजीकरण: द्रव्य जो रति शक्ति में वृद्धि करे।
  3. शुक्रल: द्रव्य जो शुक्र की वृद्धि करे।

स्वपन रोगहर के फायदे | Benefits of Multani Swapna Roghar in Hindi

  1. यह इन्द्रिय की कमजोरी को दूर करने में सहयोगी है ।
  2. यह प्रमेह की समस्या को दूर करती है।
  3. यह शीघ्रपतन, स्तंभन दोष, अनैच्छिक शुक्रपात, स्वप्नदोष में लाभप्रद है।
  4. यह पुष्टिकारक है।
  5. यह स्वप्नदोषनाशक है।

स्वपन रोगहर के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Multani Swapna Roghar in Hindi

  1. वीर्यपात Spermatorrhoea
  2. स्वप्नदोष Nocturnal emission

स्वपन रोगहर की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Multani Swapna Roghar in Hindi

चेतावनी: यह दवा केवल डॉक्टर की देख-रेख में ही लें।

  1. 1-2 गोली, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
  2. इसे दूध, पानी के साथ लें।
  3. इसे भोजन करने के बाद लें।
  4. या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

सावधनियाँ/ साइड-इफेक्ट्स/ कब प्रयोग न करें Cautions/Side effects/Contraindications in Hindi

  1. इस दवा को डॉक्टर की देख-रेख में ही लें।
  2. इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  3. इसे ज्यादा मात्रा में न लें।
  4. यह हमेशा ध्यान रखें की जिन दवाओं में पारद, गंधक, खनिज आदि होते हैं, उन दवाओं का सेवन लम्बे समय तक नहीं किया जाता। इसके अतिरिक्त इन्हें डॉक्टर के देख-रेख में बताई गई मात्रा और उपचार की अवधि तक ही लेना चाहिए।
  5. इसमें सर्पगंधा है जो की अवसादक है और रक्तचाप को कम करती है। जिन्हें डिप्रेशन की समस्या हो उन्हें सर्पगंधा का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  6. जिन्हें पहले ही कम रक्तचाप हो उन्हें यह दवा लेते समय सावधानी की आवश्यकता है।
  7. जिनके शरीर में पित्त बढ़ा हुआ है और शरीर में अधिक गर्मी के कारण जलन burning sensation, रुधिर बहने के विकार है Bleeding disorder उन्हें इसका सेवन सावधानी से करना चाहिए।
  8. इसका सेवन अल्कोहल के साथ न करें।

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