सोने की भस्म को स्वर्ण भस्म कहते हैं। स्वर्ण को आभूषण बनाने के अतिरिक्त एक औषधि की तरह भी आयुर्वेद में हजारों साल से प्रयोग कर रहे हैं। आयुर्वेद में स्वर्ण जैसी मूल्यवान धातु की रासयनिक विधि से भस्म बनाई जाती है जो की सोने की ही तरह बहुत मूल्यवान है।
सुवर्ण, कनक, हेम, हाटकं, ब्रह्मकंचन, चामिकरा, शतकुम्भ, तपनीय, रुक्कम जाबूनद हिरण्य, सुरल, व जातरूपकम आदि सभी सोने अर्थात स्वर्ण के नाम हैं। स्वर्ण को इंग्लिश में गोल्ड कहते है।
सोना कम मात्रा में पाया जाता है और इस कारण यह एक मूल्यवान धातु है। इसे चट्टानों, नदी के तलछट और खदानों से बहुत मुश्किल से निकाला जाता है। यह लोगों समेत दुनिया के अमीर देशों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है। यह केवल प्राकृतिक रूप से मिलता है और इसे बनाया नहीं जा सकता। यह बहुत ही आकर्षक, मुलायम, और नॉन-रियक्टिव धातु है। इसके पतले तार खींचे जा सकते है और आसानी से आकार दिया जा सकता है।
सोने को भारत में आज से नहीं अपितु बहुत ही प्राचीन समय से प्रयोग किया जाता रहा है। वैदिक काल से ही सोना धन-संपत्ति का पर्याय है। सोने के आभूषण, सिक्के, मूर्तियाँ, बर्तन आदि हमेशा से भारत में प्रचलन में रही हैं। इसके गहने तो सभी को आकर्षित करते हैं। भारत में सभी के शरीर पर कुछ न कुछ स्वर्ण आभूषण तो हमेशा ही रहते हैं। भारत में इतना सोना हुआ करता था की इसे सोने की चिड़िया भी कहते थे। सोना धरती के साथ ही बना है और माना जाता है की दुनिया भर में सबसे ज्यादा सोने का भण्डार भारत और अफ्रीका में है। भारत में कर्नाटक की कोलार गोल्ड फ़ील्ड्स जो की गोल्ड माइन है, से अंग्रेजों ने 75 वर्ष तक सोना निकाला। आजकल तो यह बंद कर दी गई है।
स्वर्ण को आभूषण बनाने के अतिरिक्त एक औषधि की तरह भी आयुर्वेद में हजारों साल से प्रयोग कर रहे हैं। आयुर्वेद में स्वर्ण जैसी मूल्यवान धातु की रासयनिक विधि से भस्म बनाई जाती है जो की सोने की ही तरह बहुत मूल्यवान है। सोने की भस्म को स्वर्ण भस्म कहते हैं।
आयुर्वेद ने अशुद्ध और बिना मारे स्वर्ण का आन्तरिक प्रयोग के लिए निषेध किया है। अशुद्ध स्वर्ण का सेवन वीर्य, बल को नाश करता है और रोगों का कारण बनता है।
चरक, शुश्रुत, कश्यप सभी ने स्वर्ण भस्म के लिए अत्यंत हितकर बताया है। छोटे बच्चों को स्वर्ण प्राशन, Swarna Bindu Prashana कराने की भी परम्परा रही है जो की आज भी जारी है। महाराष्ट्र, गोवा, कर्णाटक में नवजात शिशु से लेकर 16 वर्ष की आयु के बच्चों को स्वर्ण का प्राशन कराया जाता है।
स्वर्ण की भस्म में सोना बहुत ही सूक्ष्म रूप में (नैनो मीटर 10-9) विभक्त होता है। इसके अतिरिक्त इसके शोधन और मारण में बहुत सी वनस्पतियाँ प्रयोग की जाती हैं। इन कारणों से स्वर्ण की भस्म शरीर की कोशिकायों में सरलता से प्रवेश कर जाती हैं और इस प्रकार यह शरीर का हिस्सा बन जाती हैं।
आयुर्वेद में स्वर्ण भस्म का विशेष स्थान है। यह शारीरिक और मानसिक शक्ति में सुधार करने वाली औषध है। यह हृदय और मस्तिष्क को विशेष रूप से बल देने वाली है। आयुर्वेद में हृदय रोगों और मस्तिष्क की निर्बलता में स्वर्ण भस्म को सर्वोत्तम माना गया है।
स्वर्ण भस्म को बल (शारीरिक, मानसिक, यौन) बढ़ाने के लिए एक टॉनिक की तरह दिया जाता रहा है। यह रसायन, बल्य, ओजवर्धक, और जीर्ण व्याधि को दूर करने में उपयोगी है। स्वर्ण भस्म का सेवन पुराने रोगों को दूर करता है। यह जीर्ण ज्वर, खांसी, दमा, मूत्र विकार, अनिद्रा, कमजोर पाचन, मांसपेशियों की कमजोरी, तपेदिक, प्रमेह, रक्ताल्पता, सूजन, अपस्मार, त्वचा रोग, सामान्य दुर्बलता, अस्थमा समेत अनेक रोगों में उपयोगी है।
यह एक टॉनिक है जिसका सेवन यौन शक्ति को बढ़ाता है। स्वर्ण भस्म शरीर से खून की कमी को दूर करता है, पित्त की अधिकता को कम करता है, हृदय और मस्तिष्क को बल देता है और पुराने रोगों को नष्ट करता है।
स्वर्ण भस्म का वृद्धावस्था में प्रयोग शरीर के सभी अंगों को ताकत देता है।
स्वर्ण भस्म आयुष्य है और बुढ़ापे को दूर करती है। यह भय, शोक, चिंता, मानसिक क्षोभ के कारण हुई वातिक दुर्बलता को दूर करती है। बुढ़ापे के प्रभाव को दूर करने के लिए स्वर्ण भस्म को मकरध्वज के साथ दिया जाता है।
हृदय की दुर्बलता में स्वर्ण भस्म का सेवन आंवले के रस अथवा आंवले और अर्जुन की छाल के काढ़े अथवा मक्खन दूध के साथ किया जाता है।
स्वर्ण भस्म से बनी दवाएं पुराने अतिसार, ग्रहणी, खून की कमी में बहुत लाभदायक है। शरीर में बहुत तेज बुखार और संक्रामक ज्वरों के बाद होने वाली विकृति को इसके सेवन से नष्ट किया जा सकता है। यदि शरीर में किसी भी प्रकार का विष चला गया हो तो स्वर्ण भस्म को को मधु अथवा आंवले के साथ दिया जाना चाहिए।
प्रमुख गुण: बुद्धिवर्धक, वीर्यवर्धक, ओजवर्धक, कांतिवर्धक
प्रमुख उपयोग: यौन दुर्बलता, धातुक्षीणता, नपुंसकता, प्रमेह, स्नायु दुर्बलता, यक्ष्मा/तपेदिक, जीर्ण ज्वर, जीर्ण कास-श्वास, मस्तिष्क दुर्बलता, उन्माद, त्रिदोषज रोग, पित्त रोग
Swarna Bhasma is incinerated gold. It is Madhur (Sweet) and Shital (cold in potency). It is a Rasayana (rejuvenator) and alleviates diseases.
Here is given more about Swarna Bhasma, such as indication/therapeutic uses, benefits, and dosage in Hindi language.
स्वर्ण भस्म के आयुर्वेदिक गुण और कर्म
स्वर्ण भस्म, स्वाद में यह मधुर, तिक्त, कषाय, गुण में लघु और स्निग्ध है। बहुत से लोग समझते हैं की स्वर्ण भस्म स्वभाव से गर्म / उष्ण है। लेकिन यह सत्य नहीं है।
स्वभाव से स्वर्ण भस्म शीतल है और मधुर विपाक है।
विपाक का अर्थ है जठराग्नि के संयोग से पाचन के समय उत्पन्न रस। इस प्रकार पदार्थ के पाचन के बाद जो रस बना वह पदार्थ का विपाक है। शरीर के पाचक रस जब पदार्थ से मिलते हैं तो उसमें कई परिवर्तन आते है और पूरी पची अवस्था में जब द्रव्य का सार और मल अलग हो जाते है, और जो रस बनता है, वही रस उसका विपाक है।
मधुर विपाक, भारी, मल-मूत्र को साफ़ करने वाला होता है। यह कफ या चिकनाई का पोषक है। शरीर में शुक्र धातु, जिसमें पुरुष का वीर्य और स्त्री का आर्तव आता को बढ़ाता है। इसके सेवन से शरीर में निर्माण होते हैं।
- रस (taste on tongue): मधुर, तिक्त, कषाय
- गुण (Pharmacological Action): लघु, स्निग्ध
- वीर्य (Potency): शीत
- विपाक (transformed state after digestion): मधुर
-
कर्म:
- वाजीकारक aphrodisiac
- वीर्यवर्धक improves semen
- हृदय cardiac stimulant
- रसायन immunomodulator
- कान्तिकारक complexion improving
- आयुषकर longevity
- मेद्य intellect promoting
- विष नाशना antidote
स्वर्ण भस्म बनाने की विधि
स्वर्ण भस्म को आयुर्वेद (रसतरंगिणी) में बताये विस्तृत विवरण अनुसार ही बनाया जाता है। स्वर्ण भस्म को शुद्ध सोने से शोधन और मारण प्रक्रिया के द्वारा बनाया जाता है।
स्वर्ण के शोधन के लिए: तिल तेल, तक्र, कांजी, गो मूत्र और कुल्थी के काढ़े का प्रयोग किया जाता है।
स्वर्ण के मारण के लिए: पारद, गंधक अथवा मल्ल, कचनार और तुलसी को मर्दन के लिए प्रयोग किया जाता है।
स्वर्ण भस्म के फायदे | Benefits of Swarna Bhasma in Hindi
- स्वर्ण की भस्म, स्निग्ध, मेद्य, विषविकारहर, और उत्तम वृष्य है। यह तपेदिक, उन्माद शिजोफ्रेनिया, मस्तिष्क की कमजोरी, व शारीरिक बल की कमी में विशेष लाभप्रद है। आयुर्वेद में इसे शरीर के सभी रोगों को नष्ट करने वाली औषधि बताया गया है।
- स्वर्ण भस्म बुद्धि, मेधा, स्मरण शक्ति को पुष्ट करती है। यह शीतल, सुखदायक, तथा त्रिदोष के कारण उत्पन्न रोगों को नष्ट करती है। यह रुचिकारक, अग्निदीपक, वात पीड़ा शामक और विषहर है।
- यह खून की कमी को दूर करती है और शरीर में खून की कमी से होने वाले प्रभावों को नष्ट करती है।
- यह शरीर में हार्मोनल संतुलन करती है ।
- यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की कोशिकाओं के दोषों को दूर करती है।
- यह शरीर की सहज शरीर प्रतिक्रियाओं में सुधार लाती है।
- यह शरीर से दूषित पदार्थों को दूर करती है।
- यह प्रक्रियाओं को उत्तेजित करती है।
- यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को ठीक करती है।
- यह एनीमिया, और जीर्ण ज्वर के इलाज में उत्कृष्ट है।
- यह त्वचा की रंगत में सुधार लाती है।
- पुराने रोगों में इसका सेवन विशेष लाभप्रद है।
- यह क्षय रोग के इलाज के लिए उत्कृष्ट है।
- यह यौन शक्ति को बढ़ाती है।
- यह एंटीएजिंग है और बुढ़ापा दूर रखती है।
- यह झुर्रियों, त्वचा के ढीलेपन, सुस्ती, दुर्बलता, थकान, आदि में फायेमंद है।
- यह जोश, ऊर्जा और शक्ति को बनाए रखने में अत्यधिक प्रभावी है।
स्वर्ण भस्म के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Swarna Bhasma in Hindi
- अवसाद
- अस्थमा, श्वास, कास
- अस्थिक्षय, अस्थि शोथ, अस्थि विकृति
- असाध्य रोग
- अरुचि
- कृमि रोग
- बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करने के लिए
- विष का प्रभाव
- तंत्रिका तंत्र के रोग
- मनोवैज्ञानिक विकार, उन्माद, शिजोफ्रेनिया
- मिर्गी
- शरीर में कमजोरी कम करने के लिए
- रुमेटी गठिया
- यौन दुर्बलता, वीर्य की कमी, इरेक्टाइल डिसफंक्शन
- यक्ष्मा / तपेदिक
सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Swarna Bhasma in Hindi
- स्वर्ण भस्म को बहुत ही कम मात्रा में चिकित्सक की देख-रेख में लिया जाना चाहिए।
- सेवन की मात्रा 15-30 मिली ग्राम, दिन में दो बार है।
- इसे दूध, शहद, घी, आंवले के चूर्ण, वच के चूर्ण या रोग के अनुसार बताये अनुपान के साथ लेना चाहिए।
स्वर्ण भस्म की बाजार में उपलब्धता | Availability
- बैद्यनाथ स्वर्ण भस्म – Baidyanath (Swarna Bhasma), price Rs. 1,297.00 for 125 mg; Rs. 4,490.00 for 500 mg; Rs. 8,746.00 for 1 gram.
- डाबर स्वर्ण भस्म- Dabur (Swarna Bhasma), price Rs. 1,275.00 for 125 milligrams.
- धूतपापेश्वर स्वर्ण भस्म- Shri Dhootapapeshwar Limited (Suvarna Bhasma), price approx. Rs. 2,013.00 for 200mg; 10 tabs for Rs. 1,750.00; 30 tabs for Rs. 5,017.00 and 1 gram at Rs. 9,618.00.
- झंडू स्वर्ण भस्म- Zandu (SUVARNA BHASMA), price Rs 4,200.00 for 500 mg.
- कोट्टकल स्वर्ण भस्म – Kottakkal Arya Vaidya Sala (Swarna Bhasmam Capsules) Price Rs. 3456.00 for 50 mg.
- and many other Ayurvedic pharmacies.
Paralysis ko treat karne ke liye iska use kar sakte hai
Hlo madm ji ,mere naak se badbu aa rhi h 0ichle 4 saal se,,to mujhe ek vadya ne btaya ki tum mahalaxmivilas (dhootpapeswar) lo thik ho jaoge
Sir Swarna bhasma k use hum kitne dino tak kar sakte hai
Kya body power badhane ke liye swarn bhasm ka upyog kar sakte h
If yes To Kya dose hogi or Kya tarika hoga
स्वर्ण भस्म को 15-30 मिली ग्राम, दिन में दो बार दूध या शहद या घी या आंवले के चूर्ण के साथ लेना चाहिए
mera beta 16 varshiya aayu ka hai.uske sath haal hi mai durghatna hui…
fir uska opretion kiya gaya … mere bete ki gale ke paas opretion huaa hai … waise to oparetion kamyaab hua hai ..par woh abhitak uthkar baith nahi pata.aur doctorone kaha hai ki 4 mahine usse bed rest lena hai..
mere karibine ek sajjan se milwaya to unhone kaha ki uski gale ki ek nubs thodi kam chaal rahi hai ….
un sajjan ka kehna hai ki swarnabhasma ka sewan karne se uski sabhi nabs aachi tarah se kaam karegi ..aur woh 2 mahino me chal payega..
aap mujhe bataiye
Ji aap apane bete ke doctor’s ki salah ko maniye. Bhagawan ki kripa se wo bilkul theek ho jaayega
Ye kab tak sevan karana hai maidam mansik tanav ko dur karane ke liye shighra patan ko dur karane ke liye
maansik tanaw door karane ke liye rok kam se kam 1 ghanta excercise kariye pahale.
Women use kar sakti hai
मेरा टाइम कम है
किया इससे टाइम बढ़ाया जा सकता है
तो कैसे आपन सुझाब दे
कि सेक्स कमज़ोरी दूर हो जाये
sex ka duration badhane ke liye aap ko apane man par kaboo karana seekhana hoga.
Kya lipoma (charbi k ganthe) K liye le sakte he?
Kya high BP wale le sakte hain
nahi, kisi ayurvedic dr ko dikhakar hi len
swarn bhasma ke sath belfal ka seven kar sakte hai
haan kar sakate hain
I m full fit and fine , but facing premature ejaculation problem , can I use swarna bhasm , if yes , pls tell wat the dose I can take
Ye bhasm paralysis ke mariz ko de sakte hai please confirm on urgent basis.
kya dhatu rog jd se shi ho skta h swarn bhasm se ydi jd se shi ho skta ho to sujhav de , please
Mujhe ak docter ne btayi h lekin iski pehchan kaise kre nakli h ya asli……..
Kya t.b. ke mareej le sakte hai
TB ke mareej ko usaki alopathic dawa ka course pura karayen
Skin problem safed daag (white spot) me swarn bhasm ka koi upyog hai agr ha to kaise
please ….
Nahi
फिर किस प्रकार के त्वचा रोग मे उपयोग होता है
Kaan bahta hai.swarn bhasm se fayeda hoga.
ji nahi agar aap ka kaan bahata hai to kisi kaan ke doctor ko dikha kar treatment karaiye
क्या कोई स्वस्थ व्यक्ति स्वर्ण भस्म ले , सकता है और कितनी मात्रा में ?
ji kya jaroorat hai
क्या हार्ट पेशंट सुवर्ण भस्म खा सकते है
अगर हां तो मात्रा कितनी होनी चाहीये
क्या इसके साईड ईफेक्ट होते है
कौनसि कंपनी का खा सकते है
क्रुपया सुझाव दे
ji haan le sakate hain, lekin kisi ayurvedic doctor se poochh kar
ling ki utajana kam ho gayi h kya yha usko sahi kar dega
read here
शीघ्रपतन का स्वर्ण भस्म से इलाज हो सकता है क्या
haan ho sakata hai
Kya constipation me fayda karti hai
क्या इससे बालो का गंजापन जो कि टायफॉइड की वजह से हुआ है ले सकते है। और पुरानी एलर्जी को दूर कर सकती ह क्या।
क्या गर्भवती महिला को दिया जा सकता है
कमज़ोरी व ख़ून कि कमी है
ji han diya ja sakata hai lekin khoon ki kabhi ke liye iron supplement dijiye jaise ki lohasav
कैंसर का स्वर्ण भस्म से इलाज हो सकता है क्या
nahi
Find a government ayurvedic hospital and try to consultant head of department
my baby is downsyndrom 6 years aurvade doctor is swarna Bhasm use manshik kamjori ke le swarna Bhasm ka upyog bataya hai to kya me yeh swarna Bhasm apni beti ko de shakte hu
I am sorry, ek baar try kar lijiye
Kay eshe height badha sakti he Kay please Ripley mi
no, aisi koi bhi dawa nahi hai jo height badhaye
क्या स्वर्ण पावडर को गर्भावस्था मे दूध के साथ ले सकते है?