दिव्य श्वित्रघ्न लेप, स्वामी रामदेव की पतंजलि दिव्य फार्मेसी में निर्मित आयुर्वेदिक दवा है। यह दवा एक हर्बल फार्मूलेशन है व इसमें बावची, मंजिष्ठ, गेरू और मेंहदी है। यह दवा एक आयुर्वेदिक लेप है और बाह्य रूप से इस्तेमाल किए जाने के लिए है। दिव्य श्वित्रघ्न लेप / पेस्ट, सफेद दाग के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
सोमराजी, बावची, बाकुची (संस्कृत), बावची (हिन्दी), हावुच (बंगाली), बावची (मराठी), बावची (गुजराती), कर्पोकरिशी (तमिल अथवा भावंचि (तेलुगु,) सौंरेलिया कौरिलीफोलिया (लैटिन पौधे के बीज हैं। यह सभी प्रकार के त्वचा और कुष्ट रोगो में लाभप्रद है। इसे सफ़ेद दाग में भी प्रयोग किया जाता है। सोमराजी बीज में उड़नशील तेल, स्थिर तेल विशेष प्रकार का राल, दो क्रिस्टलाइन -, सोरोलिडिन तथा अन्य तत्व पाए जाते हैं। यह कुष्ठघ्न एवं कृमि है।
सफेद दाग को श्वित्र रोग, फुलेरी, फुलवहरी, विटिलिगो या ल्यूकोडर्मा Switra or Kilasa, patchy loss of skin pigmentation, leucoderma के नाम से भी जानते हैं। त्वचा को रंग मेलोनोसाइट कोशिका एवं उससे बनने वाले मेलेनिन से मिलता है। इन दोनों के नष्ट होने पर त्वचा अपना रंग खो देती है और वह हिस्सा जहाँ मेलानिन नहीं होता, सफेद हो जाता है। त्वचा विकार आसानी से ठीक नहीं होते है। यह भी एक इसी प्रकार का रोग है जिसका किसी भी चिकित्सा की प्रणाली, जैसे आयुर्वेद, एलॉपथी में सटीक और 100 प्रतिशत कारगर उपचार उपलब्ध नहीं है।
त्वचा के रंग को बहाल करने के लिए यूवीए प्रकाश और दवा psoralen का प्रयोग किया जाता है। Psoralen को त्वचा पर लगाते हैं और गोली की तरह भी प्रयोग करते हैं। इससे फैले हुए विटिलिगो का इलाज किया जाता है। यह चेहरे, ऊपरी भुजाओं और ऊपरी पैरों के रंग को बहाल करने में लगभग 50% से 75% प्रभावी है। यह उपचार लम्बे समय तक चलता है।
दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा यह भी दावा नहीं है कि यह आपके रोग को एकदम ठीक कर देगी। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। मार्किट में इसी तरह के फोर्मुले की अन्य फार्मसियों द्वारा निर्मित दवाएं उपलब्ध हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।
Divya Switrghan Lep (Patanjali) is Herbal Ayurvedic medicine. It is indicated in treatment of skin diseases. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.
- दवा का नाम: दिव्य श्वित्रघ्न लेप Divya Switrghan Lep
- निर्माता: तंजलि दिव्य फार्मेसी
- उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
- दवाई का प्रकार: हर्बल
- मुख्य उपयोग: सफ़ेद दाग
- मूल्य MRP: DIVYA SWITRGHAN LEP 100 gram @ INR 40.00
दिव्य श्वित्रघ्न लेप के घटक | Ingredients of Divya Switrghan Lep in Hindi
प्रत्येक 100 ग्राम में Each 100 gram contains:
- बाबची Psoralea coryfolia 57.1 gram
- मंजीठ Rubia cordifolia 14.3 gram
- गेरू Ochre 14.3 gram
- मेहँदी Lawsonia inermis 14.3 gram
दिव्य श्वित्रघ्न लेप के लाभ फायदे | Benefits of Divya Switrghan Lep in Hindi
- यह आयुर्वेदिक है।
- इसे लगाने का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है।
- इसमें ठंडक देने वाले द्रव्य है।
- यह त्वचा की समस्याओं में लाभप्रद है।
दिव्य श्वित्रघ्न लेप के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Divya Switrghan Lep in Hindi
दिव्य श्वित्रघ्न लेप, विटिलिगो, ल्यूकोडर्मा या सफ़ेद दाग में इस्तेमाल किया जाता है।
विटिलिगो चमड़ी पर सफेद पैच होने की समस्या है। यह पैच शरीर में फैलने वाले या बिना फैलने वाले हो सकते हैं। विटिलिगो (विटिलीगो) में त्वचा में रंग बनाने वाली कोशिकायें नष्ट हो जाती हैं। ल्यूकोडर्मा में त्वचा पर सफेद पैच अक्सर शरीर के उन हिस्सों पर दिखाई देते हैं जो सूर्य के सामने आते हैं, जैसे कि चेहरा, हाथ, पैर, आदि। सफेद पैच फैल सकता और नहीं भी। सेगमेंटल विटिलिगो शरीर के एक हिस्से पर रहता है और फैलता नहीं है। नॉन-सेगमेंटल विटिलिगो, आम तौर पर फैलता है। कुछ लोगों में बालों का जल्दी सफ़ेद होना देखा जाता हैं। मुंह के अंदर का रंग भी हल्का हो सकता है।
- डॉक्टरों को भी पता नहीं है कि विटिलिगो होता क्यों हैं।
- लेकिन यह एक ऑटोइम्यून बीमारी हो सकता है और एक परिवार के सदस्यों का एक जैसा जीन प्रकार होने से परिवारों में चल सकता है।
- यदि परिवार में किसी व्यक्ति को यह है, तो किसी सम्बंधित को इसके होने के कुछ आसार हो सकते हैं।
- यह छूत की बीमारी नहीं है लेकिन परिवारों में चलती हैं क्योंकि यह जीन से जुडी हो सकती है।
आयुर्वेद के अनुसार श्वित्र के ठीक होने की सम्भावना है, यदि:
- प्रभावित जगह के बाल सफ़ेद नहीं हुए हैं
- दाग पूरे शरीर में फैली नहीं हैं
- दाग बहुत ज्यादा नहीं है
चरक अनुसार यदि श्वित्र जननांग क्षेत्र,हथेली, तलुओं और होंठ पर हैं, तो यह लाइलाज है, चाहे रोग नया ही क्यों न हो।
दिव्य श्वित्रघ्न लेप कैसे लगाएं?
- एक टी स्पून या दो टी स्पून, पाउडर को डिब्बे से निकालें।
- इसमें रोज़ वाटर या दूध को थोड़ी थोड़ी मात्रा कर के मिलाएं। एक बार में ज्यादा तरल नहीं डालें इसे यह एक दम पानी जैसा हो जाएगा। इसे लेप या पेस्ट जैसा रखना है जो की त्वचा पर टिके।
- पेस्ट को अच्छे से मिलाएं।
- लेप को उँगलियों की सहायता से त्वचा पर लगायें।
- तय समय लगाने के बाद इसे पानी से धो लें। साबुन या किसी फेस वश का इस्तेमाल नहीं करें।
सफ़ेद दाग को पूरी तरह से ठीक किया जाना मुश्किल है। इसके लिए उपलब्ध इलाज़ के विकल्प, रोग और रोगी की स्थिति पर निर्भर हैं। सभी को एक ही दवा नहीं दी जा सकती। इस रोग का धैर्य से इलाज़ किया जाना चाहिए। इसके इलाज़ में सालों लग सकते हैं क्योंकि जहां से मेलानोसाइट्स नष्ट हो चुके हैं, वहां पर फिर उन्हें बनाने की कोशिश की जाती है। मेलानोसाइट्स के बनने पर ही त्वचा अपना प्राकृतिक रंग फिर से पा सकती है।
सावधनियाँ/ साइड-इफेक्ट्स/ कब प्रयोग न करें Cautions/Side effects/Contraindications in Hindi
- यह केवल बाह्य प्रयोग के लिए है।
- इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
- प्रयोग से पहले पैच टेस्ट करें. त्वचा के छोटे पैच पर तेल को लगायें, और कुछ देर धूप में रखें। एक सप्ताह तक यदि किसी प्रकार का कोई रिएक्शन न दिखे तो प्रयोग और जगहों पर करें।
Swetraghan lap lagany ke baad bahut baday fafolay faad gay dard hota he sujan bhi aa gai pair me aab keya kare