त्रिकटु चूर्ण का सेवन मुख्य रूप से पाचन और श्वास अंगों के रोगों में किया जाता है। यह तासीर में गर्म है और पित्त को बढ़ाता है तथा कफ को साफ़ करता है।
त्रिकटु चूर्ण Trikatu, एक बहुत ही प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है। त्रिकटु चूर्ण, को तीन (त्रि) कटु पिप्पली long pepper, काली मिर्च Black pepper और सोंठ dry ginger बराबर मात्रा में मिला कर बनाया जाता है। त्रिकटु पाचन और श्वास सम्बन्धी समस्याओं में लाभकारी है।
त्रिकटु आम दोष (चयापचय अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थों), जो सभी रोग का मुख्य कारण है उसको दूर करता है। यह बेहतर पाचन में सहायता करता है। यह यकृत liver को उत्तेजित करता है। यह तासीर में गर्म hot in potency है और कफ दोष के संतुलन में मदद करता है।
पर्याय Synonyms: Trikatu Choornam, Three Pungent and Trikuta त्रिकुटा चूर्ण, व्योष, The Three Spices Formula, Tri Ushna
दोषों पर प्रभाव Effect on Tridosha: वात तथा कफ को कम करना, पित्त को बढ़ाना Vata and Kapha reducing and Pitta increases
त्रिकटु चूर्ण के घटक | Ingredients of Trikatu Powder in Hindi
बराबर मात्रा में
- Piper nigrum पाइपर निग्रम Black Pepper
- Piper longum पाइपर लोंगम Long Pepper
- Zingiber officinale जिंजिबर ओफीशिनेल Dry Ginger
पिप्पली, उत्तेजक, वातहर, विरेचक है तथा खांसी, स्वर बैठना, दमा, अपच, में पक्षाघात आदि में उपयोगी है। यह तासीर में गर्म है। पिप्पली पाउडर शहद के साथ खांसी, अस्थमा, स्वर बैठना, हिचकी और अनिद्रा के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है। यह एक टॉनिक है।
मरिच या मरिचा, काली मिर्च को कहते हैं। इसके अन्य नाम ब्लैक पेपर, गोल मिर्च आदि हैं। यह एक पौधे से प्राप्त बिना पके फल हैं। यह स्वाद में कटु, गुण में गर्म और कटु विपाक है। इसका मुख्य प्रभाव पाचक, श्वशन और परिसंचरण अंगों पर होता है। यह वातहर, ज्वरनाशक, कृमिहर, और एंटी-पिरियोडिक हैं। यह बुखार आने के क्रम को रोकता है। इसलिए इसे निश्चित अंतराल पर आने वाले बुखार के लिए प्रयोग किया जाता है।
अदरक का सूखा रूप सोंठ या शुंठी dry ginger is called Shunthi कहलाता है। एंटी-एलर्जी, वमनरोधी, सूजन दूर करने के, एंटीऑक्सिडेंट, एन्टीप्लेटलेट, ज्वरनाशक, एंटीसेप्टिक, कासरोधक, हृदय, पाचन, और ब्लड शुगर को कम करने गुण हैं। यह खुशबूदार, उत्तेजक, भूख बढ़ाने वाला और टॉनिक है। सोंठ का प्रयोग उलटी, मिचली को दूर करता है।
शुण्ठी पाचन और श्वास अंगों पर विशेष प्रभाव दिखाता है। इसमें दर्द निवारक गुण हैं। यह स्वाद में कटु और विपाक में मधुर है। यह स्वभाव से गर्म है।
त्रिकटु या त्रिकुटा के तीनो ही घटक आम पाचक हैं अर्थात यह आम दोष का पाचन कर शरीर में इसकी विषैली मात्रा को कम करते हैं। आमदोष, पाचन की कमजोरी के कारण शरीर में बिना पचे खाने की सडन से बनने वाले विशले तत्व है। आम दोष अनेकों रोगों का कारण है।
त्रिकटु घर पर कैसे बनायें?
- घर पर यह चूर्ण बनाने के लिए आपके पास पिप्पली, काली मिर्च और सोंठ (सूखा अदरक) का होना ज़रुरी है।
- इन्हें अलग-अलग बारीक पीस, बराबर मात्रा में अच्छे से मिला दें। इस चूर्ण को कपड़े से छान लें और किसी एयर-टाइट कंटेनर में रख लें।
- त्रिकटु के फाइटोकेमिकल्स Phytochemicals
- पिपेरीन (पाइपर निग्रम और पाइपर लोंगम से)
- जिंजरोल्स (जिंजिबर ओफीशिनेल से)
त्रिकटु के औषधीय गुण | Medicinal Properties in Hindi
- एंटी-वायरल Anti-viral: वायरस के खिलाफ प्रभावी
- एंटी-इन्फ्लेमेटोरी Anti-inflammatory: सूजन को कम करने वाला
- कफ निकालने वाला expectorant
- वातहर Carminative
- कफहर Phlegm reducing
- एंटीहाइपरग्लैसिमिक Anti-hyperglycemic: रक्त में ग्लूकोज को कम करता है
- वमनरोधी Anti-emetic: उलटी रोकने वाला
- एंटीहिस्टामिन Anti-histamine
त्रिकटु के सेवन के फायदे | Benefits of Trikatu Powder in Hindi
- त्रिकटु लीवर / यकृत liver को उत्तेजित stimulates कर बाइल bile का स्राव recreation कराता है जो की पाचन के लिए आवश्यक है।
- त्रिकटु का सेवन पाचक अग्नि को बढ़ाता है जिससे पाचन बेहतर होता है।
- यह वातहर है।
- यह फेट फूलना, डकार आना आदि परेशानियों को दूर करता है।
- यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को भी दूर करने में सहयोगी है।
- यह मेटाबोलिज्म metabolism को बढ़ाता है जिससे वज़न कम करने में सहयोग होता है।
- यह पोषक तत्वों की शरीर में अवशोषण के लिए उपलब्धता को बढ़ा शरीर को बल देने में मदद करता है।
- यह कफहर है।
- यह कफ दोष के कारण बढे उच्च रक्तचाप Kapha based hypertension में लाभ करता है।
- यह उष्ण प्रकृति hot potency के कारण कफ का नाश करता है और फेफड़ों को स्वस्थ्य करता है।
- यह शरीर से आम दोष Ama Dosha को नष्ट करता है।
- यह लिपिड लेवल Lipid level को कम करता है।
- यह शरीर से वसा fat को कम करता है।
- यह बुरे कोलेस्ट्रोल LDLsऔर ट्राइग्लिसराइड triglyceridesलेवल को कम करता है।
- यह हिस्टामिन का बनना रोकता है इसलिए एलर्जी में लाभप्रद है।
त्रिकटु चूर्ण के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Trikatu Powder in Hindi
- त्रिकुटा का सेवन मुख्य रूप से पाचन और श्वास अंगों के रोगों में किया जाता है। यह तासीर में गर्म है और पित्त को बढ़ाता है तथा कफ को साफ़ करता है।
- त्रिकुटा का सेवन मेटाबोलिज्म तेज़ करता है, इसलिए इसे वज़न कम करने के लिए भी खाया जाता है। इसे अनेकों आयुर्वेदिक दवाओं में भी डाला जाता है क्योकि यह दवा के अच्छे अवशोषण में मदद करता है bioavailability of other drugs। इसके अतिरिक्त यह वात-कफ हर भी है।
- भूख न लगना Loss of appetite
- पाचन सही से न होना Indigestion
- डकार आना Belching
- पेट फूलना Abdominal bloating
- ज़ुखाम, कफ, खांसी Coryza, cold, cough
- सांस की तकलीफ difficult breathing, Asthma
त्रिकटु चूर्ण की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Trikatu Powder in Hindi
- त्रिकुटा को आधा ग्राम से तीन ग्राम की मात्रा में ले सकते हैं।
- इसे पानी अथवा शहद अथवा खाने के साथ मिला कर, लिया जा सकता है।
- सांस रोग में इसे शहद के साथ लेना चाहिए।
- भोजन करने से पंद्रह मिनट पहले इसे खाने से पाचन सही से होता है।
- भोजन को सुपाच्य बनाने के लिए आप त्रिकुटा को भोजन पर छिड़क कर भी खा सकते हैं ।
उपलब्धता
यह एक क्लासिकल आयुर्वेदिक दवा है और बहुत सी फार्मेसियों द्वारा निर्मित है। यह पाउडर, सिरप और गोली के रूप में उपलब्ध है।
- Baidyanath Trikatu Capsules
- Divya / Patanjali Trikatu churna (A.S.S)
- Himalaya Trikatu (गोली और सिरप के रूप में)
- Gopala Trikatu Three Spices (Traditional Spice Blend)
- Vyas Trikatu Churna (A.F.I)
त्रिकटु चूर्ण के सेवन में सावधानियाँ, साइड-इफेक्ट्स
- यह पित्त को बढ़ाता है। इसलिए पित्त प्रकृति के लोग इसका सेवन सावधानी से करें।
- अधिक मात्रा में सेवन पेट में जलन, एसिडिटी, आदि समस्या कर सकता है।
- जिन्हें पेट में सूजन हो gastritis, वे इसका सेवन न करें।
- शरीर में यदि पहले से पित्त बढ़ा है, रक्त बहने का विकार है Bleeding disorder, हाथ-पैर में जलन है, अल्सर है, छाले हैं तो भी इसका सेवन न करें।
- आयुर्वेद में उष्ण चीजों का सेवन गर्भावस्था में निषेध है। त्रिकटु का सेवन गर्भावस्था में न करें।
दूध पीने से एवं दूध से बनी खीर खोआ
खाने से मुझे एलर्जी हो जाती है बहुत परेशानी होती है 2दिन तक नाक से पानी आता रहता है
मैं जब खाना खाता हूं उसके बाद मेरा पेट फूल जाता है और पेट भी साफ नहीं हो पाता है क्या इसके लिए त्रिकटु का सेवन करना उचित रहेगा क्या और इस समस्या से छुटकारा मिल पाएगा
Mujhe hypothyroidism 10 sal seehe kya ayurvade. Me samadhan he
मूझे गर्मियो के मौसम को छोडकर बाकि सर्दी और मानसून कि सीजन लगातार नाक से पतला पतला व चिपचिपा सा बलगम आता है! ये करीब करीब दो तीन सालो से हो रहा है!कई डाक्टरो को दिखाया लेकिन कूछ फायदा नही हूआ..दवाई के असर तक हि फायदा होता है ! मै दवाईयॉ खा खाके परेशान हो गया हूँ!ये पोस्ट पडकर मूझे लग रहा है ये पाचन सम्बन्धित समस्या है! खाना नही पचने कि वजह से आम बन रह है! मै त्रिकटू का सेवन करना चाहता हूँ लेकिन ईससे तो वजन कम होगा पर मूझे वजन बढाना है! मैरा वजन 47 kg & age 29 है !क्या मै त्रिकटू के साथ बी प्रोटिन सप्लिमेंट या रिवाईटल ले सकता हूँ?प्लिज मार्गदर्शन किजिए!
मुझे खडे होने पर चक्कर आते हैं जैसे कि नशे में हूँ और डिसबैलेंस रहता हूँ। लेटने पर कोई परेशानी नहीं होती। कभी कभी सर में अचानक बहुत तेज चक्कर आता है और गिर भी जाता हूँ। बेहोश नहीं होता। उम्र 70 साल।
क्या करना चाहिए।
लंबे समयसे मुझे मल मे चिकना पदार्थ आता है । पेट का पूरा सिस्टम distrb है । पेट और आंतो की सफाई भी ठीक से नही होती । दुवला हो रहा हूँ । उचितमार्गदर्शन करें ।
agar aap ko marod bhi hoti hai to isaka matalb aap ko chronic pechis ho gayi hai. aap baidynath ki dawa ISABBEL 5-10 gram 3 baar garam paani ke saath 2 saptah lijiye, agar ye theek ho jaaye to usake baad 30 din tak Baidynath ki dawa kutaja awaleha 2 baar pani ke saath len(5 gm). khane bas daal chawal, dahi chawal paki hui sabjiyan hi khayen. Meat anda machali bilkul naa kaayen.
थाइरॉइड को ठीक करने में नोनी जूस रामबाण है। आप नोनी जूस इस्तेमाल कीजिये।
क्या .ञिकूट से थाईराईड का इलाज किया जा सकता है, हाईपरथाईरिज्म का इलाज बताएं इसे जड से खत्म कैसे कर सकते हैं
No, not possible