त्रिफला मंडूर को अम्लपित्त रोग में प्रयोग किया जाता है। यह शरीर में ज्यादा अच्छे से अवशोषित होता है और पचने में भी हल्का है।
त्रिफला मंडूर को भैषज्य रत्नावली के अम्लापित्ताधिकार से लिया गया है। यह एक मंडूर कल्प है। मंडूर कल्प वह दवाएं हैं जिनमें मुख्य घटक शोधित मंडूर होता है। मंडूर भी एक तरह का लोहा है पर यह लौह भस्म से अधिक सौम्य है। यह शरीर में ज्यादा अच्छे से अवशोषित होता है और पचने में भी हल्का है। मंडूर कल्प में से गोमूत्र की तेज गंध आती है। मंडूर कल्प अपनी पोटेंसी को लम्बे समय तक बनाये रखते है। इनको नमी से दूर रखा जाना चाहिए।
त्रिफला मंडूर को अम्लपित्त रोग में प्रयोग किया जाता है।
Triphala Mandur is a simple classical herbometallic Ayurvedic formulation used in treatment of abdominal diseases and anemia. It can be easily prepared at home.
Triphala is combination of Amalaki, Bibhitaki, and Haritaki and used extensively in Ayurveda for treatment of digestive diseases. It is a tonic for whole body. It has been used in various gastric disorders including intestinal inflammation. It contains vitamin C, linoleic oil, phospholipids and other important nutrients. It is rich source of tannins, which is known to affect the integrity of mucus membrane. Tannins with their protein precipitating and vasoconstriction effects could be advantageous in preventing ulcer development. It is a Rasayana drug and used for detoxifying and tonifying the body.
Triphala pacifies Vata-vikar and cleanses the digestive tract. It aid to elimination and purification. It tones and strengthens digestive tract and promote regular and complete evacuation of the bowels. It helps with the digestion and assimilation of food, improves blood circulation and has anti-inflammatory properties.
It revitalizes the whole body by removing toxins, gas and distension whilst nourishing the nervous system. It is good for anemia, fatigue, candida, cancer, allergies, constipation, diarrhea, yeast infections, indigestion and skin disorders.
Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.
त्रिफला मंडूर के घटक | Ingredients of Triphala Mandur in Hindi
- मंडूर भस्म Mandura (bhasma) 1 Part और त्रिफला
- हरीतकी Haritaki (P.) 1/3 Part
- बिभितकी Bibhitaka (P.) 1/3 Part
- आमलकी Amalaki (P.) 1/3 Part
त्रिफला मंडूर बनाने का तरीका
त्रिफला मंडूर को बनाने के लिए त्रिफला पाउडर और मंडूर भस्म को बराबर की मात्रा में मिलकर रख लें.
त्रिफला मंडूर के फायदे | Benefits of Triphala Mandur in Hindi
- यह रक्तवर्धक है।
- यह शोथाघ्न है और शरीर से सूजन नष्ट करता है।
- यह यकृत की रक्षा करता है।
- यह दीपन और पाचक है।
- यह धातुओं को पोषित करता है।
- यह खून की कमी और कमाला को दूर कर शरीर को स्वस्थ्य बनता है।
- यह पांडु, कमाला, यकृत-प्लीहा वृद्धि, में उपयोगी है।
- यह कब्ज़ को दूर करता है और दस्त को साफ़ करता है।
- इसके सेवन से आंते मजबूत होती हैं।
त्रिफला मंडूर के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Triphala Mandur in Hindi
- त्रिफला मंडूर अम्लपित्त रोग के लिए अच्छी दवाई है.
- अम्लपित्त Amlapitta (Dyspepsia)
- पेट रोग
- पांडु, पीलिया
- मलेरिया का बुखार
- लीवर-स्प्लीन का बढ़ जाना
- खून की कमी
त्रिफला मंडूर की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Triphala Mandur in Hindi
- 250 mg से 500 mg, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
- इसे 1 ग्राम घी और 3 ग्राम शहद के साथ लें।
- घी और शहद को कभी भी बराबर मात्रा में न लें।
- या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।