वैश्वानर चूर्णम के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

वैश्वानर चूर्ण, एक आयुर्वेदिक औषधीय पाउडर है जिसका मुख्य घटक हरीतकी है। हरीतकी के अतिरिक्त इसमें अजमोद, यवनी, सोंठ और सेंधा नमक भी है।

भैषज्य रत्नावली में इसे बनाने के लिए हरीतकी 12 हिस्सा, सोंठ 5 हिस्सा, अजमोद 3 हिस्सा, अजवाइन 2 हिस्सा और सेंधा नमक 2 हिस्सा लेने को कहा गया है तथा इसे आमवात की चिकित्सा के लिए बताया गया है। यदि अजमोद न हो तो 5 हिस्सा अजवाइन ली जा सकती है।

Read In English: Vaishvanara churna

अष्टांग हृद्यम में वैश्वानर चूर्ण का भिन्न फार्मूला दिया गया है। इसमें सेंधा नमक 1 भाग, अजवायन 2 भाग, अजमोद 3 भाग, पिप्पली 4 भाग, सोंठ 5 भाग और छोटी हरीतकी 15 भाग लेने को कहा गया है तथा इसके सेवन से कब्ज़ दूर होता है।

हरीतकी के होने से यह उत्तम विरेचक है और शरीर से गंदगी को दूर करता है। विरेचक गुण से यह कब्ज़ और बवासीर में लाभ करता है। इसमें अन्य वातहर द्रव्यों के होने से यह अन्य वात रोगों जैसे की आमवात, गुल्म, बस्तिरोग, प्लीहा, ग्रंथि, दर्द, बवासीर, आनाह, और हाथ और पाँव के रोग नष्ट होते हैं। यह चूर्ण वातानुलोमन है।

वैश्वानर चूर्ण को कई रोगों में प्रयोग करते हैं इसलिए इसके अनुपान भी रोग अनुसार अलग हो सकते हैं जैसे की मस्तु (दही का पानी), कांजी तक्र (छाछ), घी अथवा गर्म जल। जब बहुत अधिक गैस हो, पेट फूल रहा हो, दर्द हो, कब्ज़ हो तो इसे गर्म जल के साथ ले लें। शरीर में ड्राईनेस-कब्ज़ है तो इसे घी के साथ लें। पाचन की समस्या में इसे छाछ के साथ लिया जा सकता है।

इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें।

Vaishwanara Churnam is a classical Ayurvedic medicated powder used in treatment of constipation, bloating, flatulence, impaired digestion and Amavata (Rheumatoid Arthritis).   Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: आयुर्वेदिक हर्बल पाउडर
  • मुख्य उपयोग: कब्ज़, पाचन की कमजोरी
  • मुख्य गुण: विरेचन, दीपन, पाचन

वैश्वानर चूर्णम के घटक | Vaishwanara Churnam Composition in Hindi

  1. हरड़ Haritaki Terminalia chebula 12 parts
  2. सोंठ Shunthi Ginger Zingiber officinalis 5 parts
  3. अजमोद Ajamoda Trachyspermum roxburghianum 3 parts
  4. सेंधा नमक Saindhava lavana Rock salt 2 parts
  5. अजवायन Ajwain Trachyspermum ammi 2 parts

संस्कृत में हरड़ को हरीतकी, हर्रे, हर्र, अभया, विजया, पथ्या, पूतना, अमृता, हैमवती, चेतकी, विजया, जीवंती और रोहिणी आदि नामों से जानते हैं। यूनानी में इसे हलीला कहते हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, हरीतकी में पांचो रस मधुर, तीखा, कडुवा, कसैला, और खट्टा पाए जाते हैं। गुण में यह लघु, रुक्ष, वीर्य में उष्ण और मधुर विपाक है। हरीतकी, विषाक्त पदार्थों को शरीर से निकलती है व अधिक वात को काम करती है। यह विरेचक laxative, कषाय astringent, और रसायन tonic है।

सोंठ का प्रयोग आयुर्वेद में प्राचीन समय से पाचन और सांस के रोगों में किया जाता रहा है। इसमें एंटी-एलर्जी, वमनरोधी, सूजन दूर करने के, एंटीऑक्सिडेंट, एन्टीप्लेटलेट, ज्वरनाशक, एंटीसेप्टिक, कासरोधक, हृदय, पाचन, और ब्लड शुगर को कम करने गुण हैं। यह खुशबूदार, उत्तेजक, भूख बढ़ाने वाला और टॉनिक है। सोंठ का प्रयोग उल्टी-मिचली को दूर करता है। एक शोध दिखाता है, एक दिन में करीब १ ग्राम सोंठ (दिन में कई अंतराल पर लेने से) का सेवन मोशन सिकनेस को दूर करता है।

सेंधा नमक, सैन्धव नमक, लाहौरी नमक या हैलाईट (Halite) सोडियम क्लोराइड (NaCl), यानि साधारण नमक, का क्रिस्टल पत्थर-जैसे रूप में मिलने वाला खनिज पदार्थ है। यह नमक का शुद्धतम रूप है। यह रासायनिक रूप से प्रोसेस्ड नहीं होता है। यह पोटैशियम से भरपूर होता है और पाचन में सहायक है। इसे त्रिकुटा के साथ लेने पर गैस नहीं रहती, पाचन ठीक होता है तथा हृदय को बल मिलता है।

अजवायन एक मसाला है जो की मुख्य रूप से वातहर है। इसके सेवन से पेट के कीड़े नष्ट होते हैं। भूख न लगना, गैस, गठिया, पेट दर्द, खांसी, सर्दी, जिगर-तिल्ली की सख्ती आदि में इसका सेवन लाभप्रद है।

अजवायन आठ भाग में सेंधा नमक 1 भाग मिलाकर गर्म पानी के साथ लेने से पेट का दर्द, अग्निमांद्य, अपचन, अफारा, अजीर्ण, व अतिसार में लेने से फायदा मिलता है। यह विरेचक भी है और यदि रात को सोने से पहले अजवायन को गर्म पानी के साथ लिया जाए तो पेट साफ़ होता है।

अजमोद, अजवायन से अलग है। इसके पौधे अजवायन जैसे ही होते हैं लेकिन बीज अजवायन से बड़े होते है। अजमोद स्वभाव से गर्म, स्वाद में कड़वा और तीखा होता है। गुण में है रूक्ष है। यह पित्त वर्धक तथा कफ-वातहर है। पेट के सभी प्रकार के रोगों में इसका प्रयोग किया जाता है। यह बवासीर, कब्ज़, वीर्य विकार और स्तम्भन शक्ति को बढ़ाने वाला है। पेट रोगों में अजमोद को अजवाइन, हरीतकी और सेंधा नमक के साथ लेने से पेट का दर्द, कब्ज़, वायु विकार, अपच, आंव गठिया का दर्द आदि दूर होते हैं।

वैश्वानर चूर्णम को घर पर कैसे बनाएं?

यह चूर्ण घर पर बनाने के लिए छोटी हरीतकी 120 ग्राम, सोंठ 50 ग्राम, अजमोद 30 ग्राम, अजवायन 20 ग्राम और सेंधा नमक 20 ग्राम को अलग-अलग बारीक पीस लें।

यदि अजमोद न हो तो अजवायन 50 ग्राम की मात्रा में ले लें।

सभी को अच्छे से मिलाकर कपड़े से छान लें और एक एयरटाइट डब्बे में रख लें।

प्रधान कर्म

  1. अनुलोमन: द्रव्य जो मल व् दोषों को पाक करके, मल के बंधाव को ढीला कर दोष मल बाहर निकाल दे।
  2. कफहर: द्रव्य जो कफ को कम करे।
  3. वातहर: द्रव्य जो वातदोष निवारक हो।
  4. दीपन: द्रव्य जो जठराग्नि तो बढ़ाये लेकिन आम को न पचाए।
  5. पित्तकर: द्रव्य जो पित्त को बढ़ाये।
  6. छेदन: द्रव्य जो श्वास नलिका, फुफ्फुस, कंठ से लगे मलको बलपूर्वक निकाल दे।

वैश्वानर चूर्णम के फायदे | Benefits of Vaishwanara Churnam in Hindi

  1. इसके सेवन से गुल्म, वस्तिरोग, तिल्ली के रोग, अर्श, आनाह, मलबंध आदि में लाभ होता है।
  2. यह पित्त वर्धक है।
  3. इसके सेवन से पित्त स्राव बढ़ता है और पाचन सही करता है।
  4. यह भूख न लगना, जी मिचलाना, पाचन की कमजोरी, अजीर्ण में लाभ देता है।
  5. यह वात-कफ को कम करता है।
  6. यह दवा घर में प्रयोग किये जाने वाले मसालों से बनी है।
  7. इसका कोई भी सीरियस साइड इफ़ेक्ट नहीं है।
  8. इसे छोटे-बड़े सभी ले सकते हैं, लेकिन लेने की मात्रा अलग होगी।
  9. यह स्वभाव से गर्म है और पाचक पित्त को बढ़ाने वाली दवा है।
  10. इसे लेने से अरुचि दूर होती है और पाचन सही होता है।

वैश्वानर चूर्णम के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Vaishwanara Churnam in Hindi

  1. पेट में दर्द Abdominal pain
  2. गैस Bloating
  3. कब्ज़ Constipation
  4. बवासीर Haemorrhoids
  5. गुल्म Lump in Abdomen
  6. आमवात Rheumatoid arthritis
  7. वातरोग other Vata Roga

वैश्वानर चूर्णम की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Vaishwanara Churnam in Hindi

  • 1-3 gram, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
  • इसे दही के पानी, अथवा तक्र छाछ अथवा गौ घृत अथवा गर्म पानी के साथ लें।
  • इसे भोजन करने के पहले लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

सावधनियाँ/ साइड-इफेक्ट्स/ कब प्रयोग न करें Cautions/Side effects/Contraindications in Hindi

  1. इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  2. इसे ज्यादा मात्रा में न लें।
  3. इसे गर्भावस्था के दौरान न लें।
  4. यह प्रकृति में उष्ण है।
  5. ज्यादा मात्रा में सेवन पेट में जलन, एसिडिटी कर सकता है।
  6. निर्धारित मात्रा में लेने किसी भी तरह का गंभीर साइड-इफ़ेक्ट नहीं है।

उपलब्धता

  1. इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है
  2. Kottakkal Arya Vaidya Sala Vaishwanara Churnam
  3. Pankajakasthuri Herbals India Vaishwanara Churnam
  4. Kairali Products (Vaishwanara Churnam), Arya Vaidya Sala Vaishwanara Churnam
  5. AVP Vaishwanara Choornam
  6. Vaidyaratnam Vaishwanaram Choornam
  7. तथा अन्य बहुत सी फर्मसियाँ।

2 thoughts on “वैश्वानर चूर्णम के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

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